ETV Bharat / city

पलवल में चीनी मिल पर किसानों की भूख हड़ताल चौथे दिन भी जारी - पलवल चीनी मिल समाचार

राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद के पलवल में किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं. किसानों का कहना है कि या तो सरकार चीनी मिल को सुचारू रूप से चलाए या उनके गन्ने को दूसरी मिलों में भेजें.

hunger strike of farmers
किसानों की भूख हड़ताल
author img

By

Published : Jan 18, 2020, 3:27 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: जिले की सहकारी चीनी मिल को सुचारू रूप से चलाने और मिल की क्षमता बढ़ाने के नाम पर हुए घोटाले की जांच कराने की मांग को लेकर पलवल के गन्ना किसानों की भूख हड़ताल पांचवें दिन शुक्रवार को भी जारी रही.

किसानों की भूख हड़ताल

जांच की मांग

आपको बता दें कि चीनी मिल के मामले को लेकर किसान पलवल में ग्रीवेंस कमेटी का घेराव कर चुके हैं. अब किसानों का कहना है कि या तो सरकार चीनी मिल को सुचारू रूप से चलाए या उनके गन्ने को दूसरी मिलों में भेजें और मिल में हुए घोटाले के जांच नहीं हुई तो वे कोर्ट का सहारा भी ले सकते हैं.

उद्धाटन के 15 मिनट बाद मिल बंद
आपको बता दें कि पलवल शुगर मिल का उद्घाटन सहकारिता मंत्री ने 12 दिसंबर को किया था इस मौके पर पलवल विधायक दीपक मंगला, हथीन के विधायक प्रवीण डागर सहित कई बीजेपी और जेजेपी नेता मौजूद रहे, लेकिन उद्घाटन के सिर्फ 15 मिनट बाद ही मिल को बंद कर दिया गया. तभी से आज तक चीनी मिल सुचारू रूप से नहीं चल पाई है. बार -बार किसानों ने धरना-प्रदर्शन किए. यहां तक की ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग ले रहे सहकारित मंत्री बनवारी लाल का भी हजारों किसानों ने पलवल में घेराव किया. लेकिन आश्वासन के अलावा किसानों को कुछ नहीं मिला.

किसान परेशान

पलवल जिले के किसान आज भी परेशान हैं. उन्हें दूसरी फसल की बिजाई करनी है, लेकिन खेतों में गन्ना होने की वजह से परेशानी आ रही है. पिछले दिनों किसानों ने लघु सचिवालय पर भी धरना दिया था और जिला उपायुक्त से चीनी मिल को सुचारू रूप से चलाने और चिनी मिल में हुए घोटाले की जांच की मांग की. लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ जिसके बाद किसानों ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी.

भ्रष्टाचार के आरोप

धरने प्रदर्शन को समर्थन दे रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव रतन सिंह सौरोत का कहना है कि मिल की जमीन पर करोड़ों रुपये का लोन भी मिल की क्षमता बढ़ाने के नाम लिया गया है जोकि सरकार को देना चाहिए था. उसमें भी भ्रष्टाचार किया गया है. वहीं कुछ किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि जिस कंपनी को मिल की छमता बढ़ाने का ठेका सरकार द्वारा दिया गया था. वो कंपनी पहले भी हरियाणा की मिलों का भट्टा बिठा चुकी है. मामले में कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- IAS अशोक खेमका ने फिर लिखा सीएम को पत्र, जांच कमेटी पर उठाए सवाल

नई दिल्ली/पलवल: जिले की सहकारी चीनी मिल को सुचारू रूप से चलाने और मिल की क्षमता बढ़ाने के नाम पर हुए घोटाले की जांच कराने की मांग को लेकर पलवल के गन्ना किसानों की भूख हड़ताल पांचवें दिन शुक्रवार को भी जारी रही.

किसानों की भूख हड़ताल

जांच की मांग

आपको बता दें कि चीनी मिल के मामले को लेकर किसान पलवल में ग्रीवेंस कमेटी का घेराव कर चुके हैं. अब किसानों का कहना है कि या तो सरकार चीनी मिल को सुचारू रूप से चलाए या उनके गन्ने को दूसरी मिलों में भेजें और मिल में हुए घोटाले के जांच नहीं हुई तो वे कोर्ट का सहारा भी ले सकते हैं.

उद्धाटन के 15 मिनट बाद मिल बंद
आपको बता दें कि पलवल शुगर मिल का उद्घाटन सहकारिता मंत्री ने 12 दिसंबर को किया था इस मौके पर पलवल विधायक दीपक मंगला, हथीन के विधायक प्रवीण डागर सहित कई बीजेपी और जेजेपी नेता मौजूद रहे, लेकिन उद्घाटन के सिर्फ 15 मिनट बाद ही मिल को बंद कर दिया गया. तभी से आज तक चीनी मिल सुचारू रूप से नहीं चल पाई है. बार -बार किसानों ने धरना-प्रदर्शन किए. यहां तक की ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग ले रहे सहकारित मंत्री बनवारी लाल का भी हजारों किसानों ने पलवल में घेराव किया. लेकिन आश्वासन के अलावा किसानों को कुछ नहीं मिला.

किसान परेशान

पलवल जिले के किसान आज भी परेशान हैं. उन्हें दूसरी फसल की बिजाई करनी है, लेकिन खेतों में गन्ना होने की वजह से परेशानी आ रही है. पिछले दिनों किसानों ने लघु सचिवालय पर भी धरना दिया था और जिला उपायुक्त से चीनी मिल को सुचारू रूप से चलाने और चिनी मिल में हुए घोटाले की जांच की मांग की. लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ जिसके बाद किसानों ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी.

भ्रष्टाचार के आरोप

धरने प्रदर्शन को समर्थन दे रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव रतन सिंह सौरोत का कहना है कि मिल की जमीन पर करोड़ों रुपये का लोन भी मिल की क्षमता बढ़ाने के नाम लिया गया है जोकि सरकार को देना चाहिए था. उसमें भी भ्रष्टाचार किया गया है. वहीं कुछ किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि जिस कंपनी को मिल की छमता बढ़ाने का ठेका सरकार द्वारा दिया गया था. वो कंपनी पहले भी हरियाणा की मिलों का भट्टा बिठा चुकी है. मामले में कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- IAS अशोक खेमका ने फिर लिखा सीएम को पत्र, जांच कमेटी पर उठाए सवाल

Intro:
ऐंकर- पलवल की सहकारी चीनी मिल को सुचारू रूप से चलाने और मिल में छमता बढ़ाने के नाम पर हुए घोटाले की जांच करने की मांग को लेकर अब पलवल के गन्ना किसान अब भूखहड़ताल पर बैठ गए है आज किसानों भूख हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही। आपको बता दें कि चीनी मिल के मामले को लेकर किसान पलवल में ग्रीवेंस कमेटी का घेराव कर चुके हैं अब किसानों का कहना है की या तो सरकार चीनी मिल को सुचारु रूप से चलाये उनके गन्ने को दूसरी मीलों में भेजें और मिल में हुए घोटाले के जांच नहीं हुई तो वे कोर्ट का सहारा भी ले सकते हैं Body:वीओ- पलवल शुगर मिल का उद्घाटन सहकारिता मंत्री ने 12 दिसंबर को किया था इस मोके पर पलवल विधायक दीपक मंगला , हथीन के विधायक प्रवीण डागर सहित तमाम भाजपा व् जजपा नेता मौजूद रहे लेकिन उद्घाटन के मात्र 15 मिनट बाद ही मिल को बंद कर दिया गया तभी से आज तक चीनी मिल सुचारू रूप से नहीं चल पाई। बार -बार किसानों ने धरना-प्रदर्शन किये यहां तक की ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग ले रहे सहकारित मंत्री बनवारी लाल का भी हजारे किसानों ने पलवल में घेराव किया लेकिन बिना आश्वासन के किसानों को कुछ नहीं मिला । पलवल जिले के किसान आज भी बुरी तरह से परेशान हैं उन्हे दूसरी फसल की बिजाई करने के खेतों में गन्ना होने की वजह से परेशानी आ रही है। पिछले दिनों किसानों ने लघु सचिवालय पर भी धरना दिया था और जिला उपायुक्त से चीनी मिल को सुचारू रूप से चलाने और चिनी मिल में हुए घोटाले की जांच की मांग की लेकिन कारवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ जिसके बाद किसानों ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी। धरने प्रदर्शन को समर्थन दे रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्टीय सचवि रतन सिंह सौरोत का कहना है कि मिल की जमीन पर 25 करोड़ रुपये का लौन भी मिल की छमता बढ़ाने के नाम लिया गया है जो कि सरकार को देना चाहिये था। उसमें भी भ्रष्टाचार किया गया है घोटाले में शामिल अधिकारी अपना तबादला कराकर चले गये हैं कुछ अधिकारी मामले में अभी भी संल्पित हैं इसकी जांच होनी चाहिये। नहीं तो किसान यूनियन आगे की रणनीति तैयार करेगी किसानों की आवाज को दबने नहीं दिया जायेगा।वहीं कुछ किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि जिस कंपनी को मिल की छमता बढ़ाने का ठेका सरकार द्वारा दिया गया था वो कंपनी पहले भी हरियाणा की मिलों का भट्टा बिठा चुकी हैं वो कंपनी ब्लैक लिस्टिड थी मामले में आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कारवाई होनी चाहिये चाहे उन अधिकारियों के संबंध पलवल के विधायक दीपक मंगला और केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गूर्जर से क्यों न हो यदि सरकार ने घोटाले में आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की तो किसान कोर्ट का सहारा भी ले सकते हैं और ये किसानों की भूख हड़ताल लगातार जारी रहेगी। इस मौके पर किसान नेता देविंद्र सिंह तेवतिया , किसान नेता जवाहर सिंह डागर, रामबीर गहलब सहित तमाम किसान मौजूद थे।

बाइट- रतन सिंह सोरौत, भाकियू, सचिव, फाइल नं 3

बाइट- जवाहर सिंह डागर, किसान नेता, फाइल नं 5

बाइट- देविंद्र सिंह तेवतिया, किसान नेता, फाइल नं 4Conclusion:पलवल की सहकारी चीनी मिल को सुचारू रूप से चलाने और घोटाले की जांच करने की मांग को लेकर भूखहड़ताल
चीनी मिल के मामले को लेकर किसान पलवल में ग्रीवेंस कमेटी का घेराव कर चुके हैं
सरकार चीनी मिल को सुचारु रूप से चलाये उनके गन्ने को दूसरी मीलों में भेजें
मिल में हुए घोटाले के जांच नहीं हुई तो वे कोर्ट का सहारा भी ले सकते हैं
शुगर मिल का उद्घाटन सहकारिता मंत्री ने 12 दिसंबर को किया था
पलवल विधायक दीपक मंगला , हथीन के विधायक प्रवीण डागर सहित तमाम भाजपा व् जजपा नेता मौजूद रहे
उद्घाटन के मात्र 15 मिनट बाद ही मिल को बंद कर दिया गया
आज तक चीनी मिल सुचारू रूप से नहीं चल पाई।
बार -बार किसानों ने धरना-प्रदर्शन किये
ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग ले रहे सहकारित मंत्री बनवारी लाल का भी हजारे किसानों ने पलवल में घेराव किया
बिना आश्वासन के किसानों को कुछ नहीं मिला ।
पलवल जिले के किसान आज भी बुरी तरह से परेशान हैं
दूसरी फसल की बिजाई करने के खेतों में गन्ना होने की वजह से परेशानी आ रही है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.