ETV Bharat / city

नौकरियों में 75% आरक्षण: सरकार के फैसले से फरीदाबाद के उद्योगपति नाराज - हरियाणा नौकरी आरक्षण प्रतिक्रिया

उद्योगपतियों ने कहा कि सरकार ने हरियाणा में निजी उद्योगों में यहां के युवाओं को 75% रोजगार में आरक्षण देने का फैसला लिया है जो तारीफ के काबिल है, लेकिन इसके साथ-साथ सरकार को ये भी सोचना चाहिए कि इससे उद्योग पर क्या फर्क पड़ेगा?

faridabad industrialist reaction on 75% reservation in private jobs in haryana
फरीदाबाद उद्योगपति
author img

By

Published : Jul 10, 2020, 12:30 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: निजी कंपनियों में 75 प्रतिशत हरियाणवी युवाओं को आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. कैबिनेट में इस पर मुहर लग गई है. अब ये अध्यादेश बिल के रूप में विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा. जिसके पास होने के बाद राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. वहीं हरियाणा सरकार के इस फैसले का फरीदाबाद के उद्योगपति विरोध कर रहे हैं.

आरक्षण पर हरियाणा सरकार के फैसले से उद्योगपति नाराज

फरीदाबाद के उद्योगपतियों ने इस पर असहमति जताते हुए कहा कि सरकार को एक बार बैठकर इस पर फिर से चर्चा करने की जरूरत है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उद्योगपतियों ने कहा कि सरकार ने हरियाणा में निजी उद्योगों में यहां के युवाओं को 75% रोजगार में आरक्षण देने का फैसला लिया है जो तारीफ के काबिल है, लेकिन इसके साथ-साथ सरकार को ये भी सोचना चाहिए कि इससे उद्योग पर क्या फर्क पड़ेगा?

उन्होंने कहा कि हरियाणा में लगभग सभी परिवार सक्षम हैं, इसीलिए लेबर का काम यहां के युवा नहीं करते हैं. इसके अलावा स्किल्ड और अनस्किल्ड लेबर को लेकर भी बेहद परेशानी खड़ी हो सकती है, क्योंकि हरियाणा के युवाओं में कहीं ना कहीं स्किल की कमी है.

उद्योगपतियों ने कहा कि आज भी निजी उद्योगों में उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के मजदूर हरियाणा में काम करते हैं, लेकिन हरियाणा का युवा उन लेबर की जगह काम नहीं कर सकता है. उद्योगपतियों ने कहा कि सरकार को एक बार फिर से सोचना चाहिए कि वो उद्योगपतियों के साथ बैठकर फैसले पर चर्चा करें.

इसके आगे उद्योगपतियों ने कहा कि वो भी चाहते हैं कि हरियाणा के युवाओं को प्रथम रोजगार मिले, लेकिन रोजगार के लिए हरियाणा के युवाओं को पहले तैयार करने की जरूरत है और युवाओं को अपनी सोच भी बदलने की जरूरत है.

ये होगा इस कानून का प्रारूप

'हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट टू लोकल कैंडिडेट्स एक्ट-2020' प्रदेश के सभी निजी उद्योग, फर्म अथवा हर रोजगार प्रदाता पर लागू होगा. जहां 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं. ये नियम पहले से कार्यरत कर्मचारियों पर लागू नहीं होकर अध्यादेश के नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि के बाद निजी क्षेत्र में होने वाली भर्तियों पर लागू होगा.

हरियाणा के डोमिसाइल धारकों को मिलेगा लाभ

निजी क्षेत्र के उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को आरक्षण का लाभ लेने के लिए उनके पास हरियाणा का स्थाई निवासी प्रमाणपत्र (डोमिसाइल) होना अनिवार्य है. इस कानून को लागू करवाने का जिम्मा श्रम विभाग का होगा. कानून के दायरे में आने वाली प्रत्येक फर्म, फैक्ट्री या आउट सोर्सिंग कंपनी को अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों का विस्तार पूर्वक डाटा सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत करवाना अनिवार्य होगा. निजी क्षेत्र में यह कानून 50 हजार रुपए तक वेतन वाले पदों पर ही लागू होगा.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: निजी कंपनियों में 75 प्रतिशत हरियाणवी युवाओं को आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. कैबिनेट में इस पर मुहर लग गई है. अब ये अध्यादेश बिल के रूप में विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा. जिसके पास होने के बाद राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. वहीं हरियाणा सरकार के इस फैसले का फरीदाबाद के उद्योगपति विरोध कर रहे हैं.

आरक्षण पर हरियाणा सरकार के फैसले से उद्योगपति नाराज

फरीदाबाद के उद्योगपतियों ने इस पर असहमति जताते हुए कहा कि सरकार को एक बार बैठकर इस पर फिर से चर्चा करने की जरूरत है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उद्योगपतियों ने कहा कि सरकार ने हरियाणा में निजी उद्योगों में यहां के युवाओं को 75% रोजगार में आरक्षण देने का फैसला लिया है जो तारीफ के काबिल है, लेकिन इसके साथ-साथ सरकार को ये भी सोचना चाहिए कि इससे उद्योग पर क्या फर्क पड़ेगा?

उन्होंने कहा कि हरियाणा में लगभग सभी परिवार सक्षम हैं, इसीलिए लेबर का काम यहां के युवा नहीं करते हैं. इसके अलावा स्किल्ड और अनस्किल्ड लेबर को लेकर भी बेहद परेशानी खड़ी हो सकती है, क्योंकि हरियाणा के युवाओं में कहीं ना कहीं स्किल की कमी है.

उद्योगपतियों ने कहा कि आज भी निजी उद्योगों में उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के मजदूर हरियाणा में काम करते हैं, लेकिन हरियाणा का युवा उन लेबर की जगह काम नहीं कर सकता है. उद्योगपतियों ने कहा कि सरकार को एक बार फिर से सोचना चाहिए कि वो उद्योगपतियों के साथ बैठकर फैसले पर चर्चा करें.

इसके आगे उद्योगपतियों ने कहा कि वो भी चाहते हैं कि हरियाणा के युवाओं को प्रथम रोजगार मिले, लेकिन रोजगार के लिए हरियाणा के युवाओं को पहले तैयार करने की जरूरत है और युवाओं को अपनी सोच भी बदलने की जरूरत है.

ये होगा इस कानून का प्रारूप

'हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट टू लोकल कैंडिडेट्स एक्ट-2020' प्रदेश के सभी निजी उद्योग, फर्म अथवा हर रोजगार प्रदाता पर लागू होगा. जहां 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं. ये नियम पहले से कार्यरत कर्मचारियों पर लागू नहीं होकर अध्यादेश के नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि के बाद निजी क्षेत्र में होने वाली भर्तियों पर लागू होगा.

हरियाणा के डोमिसाइल धारकों को मिलेगा लाभ

निजी क्षेत्र के उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को आरक्षण का लाभ लेने के लिए उनके पास हरियाणा का स्थाई निवासी प्रमाणपत्र (डोमिसाइल) होना अनिवार्य है. इस कानून को लागू करवाने का जिम्मा श्रम विभाग का होगा. कानून के दायरे में आने वाली प्रत्येक फर्म, फैक्ट्री या आउट सोर्सिंग कंपनी को अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों का विस्तार पूर्वक डाटा सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत करवाना अनिवार्य होगा. निजी क्षेत्र में यह कानून 50 हजार रुपए तक वेतन वाले पदों पर ही लागू होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.