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नवरात्र के पहले दिन पलवल के मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - पलवल नवरात्र न्यूज

पलवल के मंदिरों में नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही श्रद्धालूओं भीड़ देखने मिली. मंदिर प्रबंधक द्वारा कोरोना को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालूओं के लिए सैनिटाइज की व्यवस्था की गई. ताकि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

Crowd of devotees in temples of Palwal on the first day of Navratri
पलवल नवरात्र न्यूज पलवल नवरात्र पूजा अर्चना
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Published : Oct 17, 2020, 10:44 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: नवरात्र के पहले दिन पलवल के मंदिरो में भक्तजनों का तांता सुबह से ही लगा रहा. श्रद्धालूओं ने हर्षोल्लास के साथ माता की पूजा-अर्चना की. मंदिर में कोरोना को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालूओं के लिए सैनिटाइज की व्यवस्था की गई. साथ ही श्रद्धालूओं से अपील की गई कि वो मास्क का प्रयोग करें. ताकि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

वहीं श्रद्धालूओं ने बताया कि मां दुर्गा के पहले रूप को पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री पुकारा जाता है. मां दुर्गा का ये स्वरूप बेहद शांत, सौम्य और प्रभावशाली है. मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा की जाती है उनकी सवारी नंदी मानी जाती है. श्रद्धालूओं का कहना है कि देवी सती ने पर्वतराज हिमालय के घर पुर्नजन्म लिया था. जिसके बाद वो शैलपुत्री कहलाईं. श्रद्धालूओं का कहना है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है.

श्रद्धालूओं का कहना है कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा में सभी नदियों, तीर्थों और दिशाओं का आह्वान किया जाता है. पहले से लेकर आखिरी दिन तक नवरात्रि की पूजा में कपूर का इस्तेमाल बेहद शुभ माना गया है. श्रद्धालूओं का कहना है कि मां दुर्गा की पूजा में कपूर के इस्तेमाल से उनकी विशेष कृपा भक्तों को प्राप्त होती है. मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं प्रिय हैं. इसलिए नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप को सफेद मिष्ठान का भोग लगाया जाता है.

श्रद्धालूओं का कहना है कि नवरात्र के पहले दिन सभी भक्तजनों ने सोशल डिस्टेंस के साथ माता की पूजा अर्चना की. उनका कहना है कि मंदिर प्रबंधक की तरफ से सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. लोग हाथों को सैनिटाइज कर मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं. साथ ही मंदिर परिसर में भी श्रद्धालूओं सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रहे हैं. ताकि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

नई दिल्ली/पलवल: नवरात्र के पहले दिन पलवल के मंदिरो में भक्तजनों का तांता सुबह से ही लगा रहा. श्रद्धालूओं ने हर्षोल्लास के साथ माता की पूजा-अर्चना की. मंदिर में कोरोना को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालूओं के लिए सैनिटाइज की व्यवस्था की गई. साथ ही श्रद्धालूओं से अपील की गई कि वो मास्क का प्रयोग करें. ताकि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

वहीं श्रद्धालूओं ने बताया कि मां दुर्गा के पहले रूप को पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री पुकारा जाता है. मां दुर्गा का ये स्वरूप बेहद शांत, सौम्य और प्रभावशाली है. मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा की जाती है उनकी सवारी नंदी मानी जाती है. श्रद्धालूओं का कहना है कि देवी सती ने पर्वतराज हिमालय के घर पुर्नजन्म लिया था. जिसके बाद वो शैलपुत्री कहलाईं. श्रद्धालूओं का कहना है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है.

श्रद्धालूओं का कहना है कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा में सभी नदियों, तीर्थों और दिशाओं का आह्वान किया जाता है. पहले से लेकर आखिरी दिन तक नवरात्रि की पूजा में कपूर का इस्तेमाल बेहद शुभ माना गया है. श्रद्धालूओं का कहना है कि मां दुर्गा की पूजा में कपूर के इस्तेमाल से उनकी विशेष कृपा भक्तों को प्राप्त होती है. मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं प्रिय हैं. इसलिए नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप को सफेद मिष्ठान का भोग लगाया जाता है.

श्रद्धालूओं का कहना है कि नवरात्र के पहले दिन सभी भक्तजनों ने सोशल डिस्टेंस के साथ माता की पूजा अर्चना की. उनका कहना है कि मंदिर प्रबंधक की तरफ से सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. लोग हाथों को सैनिटाइज कर मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं. साथ ही मंदिर परिसर में भी श्रद्धालूओं सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रहे हैं. ताकि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

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