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पलवल: गढ़ी पट्टी गांव में कारगिल शहीद की याद में रक्तदान शिविर का आयोजन - पलवल न्यूज

पलवल के गढ़ी पट्टी गांव में कारगिल शहीद लांस नायक राजवीर सिंह के 22वें बलिदान दिवस के अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इस रक्तदान शिविर में क्षेत्र के युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.

blood donation camp organized in memory of kargil martyr
शहीद की याद में रक्तदान शिविर का आयोजन
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Published : Jul 12, 2020, 10:33 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: जिले के गांव गढ़ी पट्टी में कारगिल शहीद लांस नायक राजवीर सिंह के 22 वें बलिदान दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. रक्तदान शिविर का उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राव नरेंद्र ने किया. वहीं एम्स दिल्ली की टीम ने रक्त एकत्रित किया. इस रक्तदान शिविर में क्षेत्र के युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

शहीद की याद में रक्तदान शिविर का आयोजन

भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राव नरेंद्र ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कारगिल की लड़ाई एक अहम लड़ाई थी और इस लड़ाई में शहीद राजवीर सिंह ने अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया. राजवीर सिंह ने अपने परिवार , अपने गांव व जिले के साथ-साथ प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है. हमें उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाना चाहिए. क्योंकि जब हम अपने घरों में सोते रहते हैं तो उस समय देश की रक्षा के लिए हमारे जवान दुश्मनों की गोली सीने पर खाते हैं. उन्होंने कहा कि शहीदों की याद में प्रतिवर्ष इसी तरह रक्तदान के रुप में मेले का आयोजन किया जाना चाहिए.

वहीं शहीद राजवीर सिंह के बड़े भाई प्रताप सिंह ने बताया कि शहीद राजवीर सिंह दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद 11 मार्च 1988 को भारतीय सेना के जाट रेजिमेंट में भर्ती हुए थे. शहीद राजवीर सिंह का खेलों की तरफ काफी रुझान था. वो सामाजिक कार्यों में भी बहुत रूचि रखते थे. उनका लोगों के प्रति व्यवहार काफी सकारात्मक था और वो शुरू से ही राष्ट्र की सेवा करना चाहते थे.

दसवीं तक की पढ़ाई करने के बाद वो फौज में भर्ती हो गए थे. 7 जुलाई 1999 को शहीद राजवीर सिंह कारगिल की लड़ाई में दुश्मन से लड़ते हुए शहीद हो गए. उन्हें सीने में 7 गोलियां लगी थी. उनकी वीरता की यादें हमेशा ताजा रखने के लिए परिवार हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर गांव के स्कूल में जरूरतमंद बच्चों को किताबें, पेंसिल, कॉपी वितरित करते करता है.

प्रताप सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल उन्होंने रक्तदान शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया. उन्होंने बताया कि इस समय अस्पतालों में खून की काफी कमी हो गई है. इसलिए इससे बड़ी सेवा और कुछ नहीं हो सकती.

नई दिल्ली/पलवल: जिले के गांव गढ़ी पट्टी में कारगिल शहीद लांस नायक राजवीर सिंह के 22 वें बलिदान दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. रक्तदान शिविर का उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राव नरेंद्र ने किया. वहीं एम्स दिल्ली की टीम ने रक्त एकत्रित किया. इस रक्तदान शिविर में क्षेत्र के युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

शहीद की याद में रक्तदान शिविर का आयोजन

भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राव नरेंद्र ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कारगिल की लड़ाई एक अहम लड़ाई थी और इस लड़ाई में शहीद राजवीर सिंह ने अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया. राजवीर सिंह ने अपने परिवार , अपने गांव व जिले के साथ-साथ प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है. हमें उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाना चाहिए. क्योंकि जब हम अपने घरों में सोते रहते हैं तो उस समय देश की रक्षा के लिए हमारे जवान दुश्मनों की गोली सीने पर खाते हैं. उन्होंने कहा कि शहीदों की याद में प्रतिवर्ष इसी तरह रक्तदान के रुप में मेले का आयोजन किया जाना चाहिए.

वहीं शहीद राजवीर सिंह के बड़े भाई प्रताप सिंह ने बताया कि शहीद राजवीर सिंह दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद 11 मार्च 1988 को भारतीय सेना के जाट रेजिमेंट में भर्ती हुए थे. शहीद राजवीर सिंह का खेलों की तरफ काफी रुझान था. वो सामाजिक कार्यों में भी बहुत रूचि रखते थे. उनका लोगों के प्रति व्यवहार काफी सकारात्मक था और वो शुरू से ही राष्ट्र की सेवा करना चाहते थे.

दसवीं तक की पढ़ाई करने के बाद वो फौज में भर्ती हो गए थे. 7 जुलाई 1999 को शहीद राजवीर सिंह कारगिल की लड़ाई में दुश्मन से लड़ते हुए शहीद हो गए. उन्हें सीने में 7 गोलियां लगी थी. उनकी वीरता की यादें हमेशा ताजा रखने के लिए परिवार हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर गांव के स्कूल में जरूरतमंद बच्चों को किताबें, पेंसिल, कॉपी वितरित करते करता है.

प्रताप सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल उन्होंने रक्तदान शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया. उन्होंने बताया कि इस समय अस्पतालों में खून की काफी कमी हो गई है. इसलिए इससे बड़ी सेवा और कुछ नहीं हो सकती.

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