नई दिल्ली/पलवल: गांव बिघावली पंचायत से अकबरपुर नाटोल गांव की पंचायत को अलग करने की ग्रामीणों ने मांग उठाई है. अलग पंचायत ना होने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने और धरना देने की चेतावनी प्रशासन को दी है. ग्रामीणों ने इस मांग को लेकर ग्राम सभा की मीटिंग में जमकर हंगामा किया और ग्राम सभा की मीटिंग लेने पहुंचे पंचायती अधिकारी के साथ ग्रामीणों का जमकर विवाद हुआ.
आपको बता दें की अकबरपुर नाटौल संसद हमले में शहीद हुए रामपाल का गांव है और ग्रामीणों का कहना है की एक पंचायत होने के चलते गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव की अलग पंचायत बनाने के लिए सरकार द्वारा जो भी हिदायत हैं उनको ग्रामीणों ने पूरा कर लिया है और गांव में वोटरों की संख्या भी पंचायत बनाने के लिए पूरी है, लेकिन लंबे अरसे से गांव की अलग पंचायत नहीं की जा रही है.
ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही चुनाव से पहले अकबरपुर नाटौल गांव की पंचायत अलग नहीं की गई तो ग्रामीण पंचायती चुनावों का बहिष्कार करेंगे. कोई भी ग्रामीण वोट डालने के लिए नहीं जाएगा. इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने ये भी कहा कि गांव के 80% लोग एकजुट हैं और सभी की सहमति से अलग पंचायत बनाने का फैसला लिया गया है.
इस सभा में उपायुक्त के आदेशानुसार पहुंचे पंचायती अधिकारी सुरेंद्र कुमार और ग्रामीणों के बीच जमकर विवाद हुआ. जहां एक तरफ ग्रामीणों का कहना है की पंचायत अधिकारी द्वारा ग्रामीणों की मांग को नहीं सुना गया. वहीं दूसरी तरफ सुरेंद्र कुमार का कहना है की ग्रामीणों द्वारा उनके साथ बदतमीजी की गई.