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पलवल: गांव की पंचायत अलग बनाने पर अड़े ग्रामीण, दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी - palwal akbarpur village panchayat

पलवल जिले में बिघावली और अकबरपुर नाटौल ग्राम की पंचायत एक ही चल रही है. जिससे दोनों ही गांव के निवासी नाखुश हैं. इसी को लेकर अब ग्रामीणों ने आवाज उठाई है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर पंचायत अलग नहीं की गई तो पंचायती चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा.

akbarpur villagers protest to make separate panchayat
दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
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Published : Sep 19, 2020, 4:06 AM IST

नई दिल्ली/पलवल: गांव बिघावली पंचायत से अकबरपुर नाटोल गांव की पंचायत को अलग करने की ग्रामीणों ने मांग उठाई है. अलग पंचायत ना होने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने और धरना देने की चेतावनी प्रशासन को दी है. ग्रामीणों ने इस मांग को लेकर ग्राम सभा की मीटिंग में जमकर हंगामा किया और ग्राम सभा की मीटिंग लेने पहुंचे पंचायती अधिकारी के साथ ग्रामीणों का जमकर विवाद हुआ.

अकबरपुर के ग्रामीणों ने अलग पंचायत करने का किया विरोध

आपको बता दें की अकबरपुर नाटौल संसद हमले में शहीद हुए रामपाल का गांव है और ग्रामीणों का कहना है की एक पंचायत होने के चलते गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव की अलग पंचायत बनाने के लिए सरकार द्वारा जो भी हिदायत हैं उनको ग्रामीणों ने पूरा कर लिया है और गांव में वोटरों की संख्या भी पंचायत बनाने के लिए पूरी है, लेकिन लंबे अरसे से गांव की अलग पंचायत नहीं की जा रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही चुनाव से पहले अकबरपुर नाटौल गांव की पंचायत अलग नहीं की गई तो ग्रामीण पंचायती चुनावों का बहिष्कार करेंगे. कोई भी ग्रामीण वोट डालने के लिए नहीं जाएगा. इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने ये भी कहा कि गांव के 80% लोग एकजुट हैं और सभी की सहमति से अलग पंचायत बनाने का फैसला लिया गया है.

इस सभा में उपायुक्त के आदेशानुसार पहुंचे पंचायती अधिकारी सुरेंद्र कुमार और ग्रामीणों के बीच जमकर विवाद हुआ. जहां एक तरफ ग्रामीणों का कहना है की पंचायत अधिकारी द्वारा ग्रामीणों की मांग को नहीं सुना गया. वहीं दूसरी तरफ सुरेंद्र कुमार का कहना है की ग्रामीणों द्वारा उनके साथ बदतमीजी की गई.

नई दिल्ली/पलवल: गांव बिघावली पंचायत से अकबरपुर नाटोल गांव की पंचायत को अलग करने की ग्रामीणों ने मांग उठाई है. अलग पंचायत ना होने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने और धरना देने की चेतावनी प्रशासन को दी है. ग्रामीणों ने इस मांग को लेकर ग्राम सभा की मीटिंग में जमकर हंगामा किया और ग्राम सभा की मीटिंग लेने पहुंचे पंचायती अधिकारी के साथ ग्रामीणों का जमकर विवाद हुआ.

अकबरपुर के ग्रामीणों ने अलग पंचायत करने का किया विरोध

आपको बता दें की अकबरपुर नाटौल संसद हमले में शहीद हुए रामपाल का गांव है और ग्रामीणों का कहना है की एक पंचायत होने के चलते गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव की अलग पंचायत बनाने के लिए सरकार द्वारा जो भी हिदायत हैं उनको ग्रामीणों ने पूरा कर लिया है और गांव में वोटरों की संख्या भी पंचायत बनाने के लिए पूरी है, लेकिन लंबे अरसे से गांव की अलग पंचायत नहीं की जा रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही चुनाव से पहले अकबरपुर नाटौल गांव की पंचायत अलग नहीं की गई तो ग्रामीण पंचायती चुनावों का बहिष्कार करेंगे. कोई भी ग्रामीण वोट डालने के लिए नहीं जाएगा. इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने ये भी कहा कि गांव के 80% लोग एकजुट हैं और सभी की सहमति से अलग पंचायत बनाने का फैसला लिया गया है.

इस सभा में उपायुक्त के आदेशानुसार पहुंचे पंचायती अधिकारी सुरेंद्र कुमार और ग्रामीणों के बीच जमकर विवाद हुआ. जहां एक तरफ ग्रामीणों का कहना है की पंचायत अधिकारी द्वारा ग्रामीणों की मांग को नहीं सुना गया. वहीं दूसरी तरफ सुरेंद्र कुमार का कहना है की ग्रामीणों द्वारा उनके साथ बदतमीजी की गई.

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