नई दिल्ली/फरीदाबाद: खोरी गांव (Khori village Faridabad) में प्रशासन अब तोड़फोड़ नहीं करेगा. प्रशासन ने तोड़फोड़ की कार्रवाई की दो-तीन दिन के लिए टाल दिया है. बताया जा रहा है कि फरीदाबाद प्रशासन मॉनिटरिंग के काम (Faridabad Administration Monitoring Work) को पूरा नहीं कर पाया. मॉनिटरिंग के काम को पूरा करने के लिए दो-तीन दिन का वक्त लगेगा.
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इससे पहले खोरी गांव के लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. खोरी गांव के सैकड़ों परिवार सड़क पर बैठ गए. लोगों का कहना है कि हम मर जाएंगे, लेकिन अपने गांव घरों को नहीं छोड़ेंगे.
जाम की सूचना मिलते ही फरीदाबाद पुलिस (Faridabad Police) मौके पर पहुंची और प्रदर्शन कर रहे लोगों को सड़क से हटाया. फरीदाबाद पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर हिरासत में लिया है. आपदा प्रबंधन अधिनियम (Disaster Management Act) और सरकारी आदेशों के अवहेलना के तहत पुलिस ने 8 लोगों पर कार्रवाई की है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फरीदाबाद के खोरी गांव में करीब 10 हजार मकानों को तोड़ा जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने खोरी गांव के निवासियों को 11 जून तक का समय दिया था. 12 जून से जिला प्रशासन तोड़फोड़ की कार्रवाई को शुरू करनी थी. जो अब मॉनिटरिंग का काम पूरा नहीं होने की वजह से टल गई है.
खोरी गांव पर क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली क्षेत्र के गांव खोरी में अब फिर से तोड़फोड़ की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद नगर निगम को 6 हफ्ते में कार्रवाई करके रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. जिला प्रशासन ये कार्रवाई 12 जून से शुरू करेगा.
बता दें कि अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण था, नगर निगम ने पिछले वर्ष सितंबर में यहां कार्रवाई की थी. ऐसे ही इस वर्ष दो अप्रैल को भी खोरी गांव में बड़ी तोड़फोड़ की गई थी.
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अब गांव खोरी सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. अधिकांश अतिक्रमण करने वालों ने बिजली और पानी का इंतजाम दिल्ली से ही किया हुआ है. यही कारण है कि अब यहां प्रशासन का पीला पंजा चलाया जाएगा.