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दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के 5 शहर शामिल, फरीदाबाद 18वें नंबर पर

फरीदाबाद को तरफ जहां स्मार्ट सिटी के नाम से जाना जाता है लेकिन अब फरीदाबाद को वायु प्रदूषित करने वाली स्मार्ट सिटी के नाम से भी जाना जाएगा. एक ऐसी स्मार्ड सिटी जो कहने को को स्मार्ट है लेकिन उसकी हवा में सांस लेना सेहत के लिए हानिकारक है.

5 haryana cities among 30 most polluted cities
प्रदूषित शहरों में हरियाणा के 5 शहर शामिल
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Published : Feb 27, 2020, 12:32 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: 2019 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के मुताबिक अब फरीदाबाद विश्व के सबसे वायु प्रदूषित शहरों में शामिल चुका है. फरीदाबाद इस सूची में 18वें पायदान पर आया है. फरीदाबाद के अलावा हरियाणा के 4 अन्य शहर भी इसमें शामिल हैं. रिपोर्ट के खुलासे ने फरीदाबाद प्रशासन की नींद उड़ा दी है जिसके बाद अब प्रशासन वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने की बात कर रहा है.

2019 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट को आईक्यू एयर विजुअल के सर्वे के बाद तैयार किया गया है. इस रिपोर्ट में विश्व के 30 सबसे ज्यादा वायु प्रदूषित शहरों का खुलासा किया गया है.

प्रदूषित शहरों में हरियाणा के 5 शहर शामिल

ये 30 शहर ऐसे है जिनकी वायु पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है. इन 30 शहरों में अकेले भारत के 21 शहर शामिल हैं और इन 21 शहरों हरियाणा के 5 शहर फरीदाबाद, गुडगांव, हिसार, पलवल और जींद शामिल हैं.

यहां से रोजाना करीब 2 लाख वाहन नोयडा, गाजियाबाद से फरीदाबाद के रास्ते होते हुए गुरूग्राम और आगरा की तरफ जाते हैं. जो वायु प्रदूषण का पहला कारण है.

फरीदाबाद औधोगिक नगरी

फरीदाबाद को औधोगिक नगरी भी कहा जाता है. भारी संख्या में फैक्ट्रियां होने के कारण कंपनीयों से भारी मात्रा में धूंआ निकलता है जो वायु को प्रदूषित करता है.

फरीदाबाद में कूड़े को जगह-जगह डालकर उसमें आग लगा दी जाती है. जो वायुमंडल को धीरे-धीरे दूषित करती रहती है. फरीदाबाद में निमार्ण कार्य जोरों से चलते रहते हैं जिनसे यहां की हवा में धूल मिल चुकी है.

फरीदाबाद के लोगों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर किसी तरह के कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं जिस कारण फरीदाबाद की हवा इतनी खराब हुई है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार मिलकर वायु प्रदूषण को कम करने की कोशिश करे तो वायु प्रदूषण के स्तर को सुधारा जा सकता है.

वायु प्रदूषण का असर फेफड़ों पर पड़ता है- डॉक्टर

सिविल अस्पताल फरीदाबाद से मुख्य चित्सिका अधिकारी डॉ. बीर सिंह सहरावत का कहना है कि वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफडों पर पड़ता है और दूषित हवा से बुजुर्ग तो बीमार हो ही रहे हैं छोटे बच्चे भी इससे नहीं बच पा रहे हैं.

कंपनियों की वजह से प्रदूषण- टीचर

फरीदाबाद के नेहरू कॉलेज में बच्चों को पर्यावरण की शिक्षा देने वाले अध्यापक अशोक का कहना है कि तेजी से हमारी वायु प्रदूषित हो रही है. जिसका एक बड़ा कारण ये है कि कंपनीया ज्यादा लगाई जा रही हैं. जिनसे निकलने वाला जहरीला धूंआ हवा को जहरीली बना रहा है.

वायु लेवल को सुधारने की कोशिश- उपायुक्त

फरीदाबाद जिला उपायुक्त यशपाल स‌िंह का कहना कि वो लगातार फरीदाबाद के बिगड़ते वायु लेवल को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. प्रशासन लोगों को पेड़-पौधे लगाने के लिए भी जागरूक कर रहा है. प्रदूषण विभाग के द्वारा जहरीला धूंआ निकालने वाली कंपनीयों के चालान किए जा रहे हैं. प्रशासन हर वो संभव प्रयास कर रहा है जिससे फरीदाबाद का वायु प्रदूषण लेवल बेहतर हों.

इस रिपोर्ट ने फरीदाबाद प्रशासन के उन दावों की पोल खोलकर रख दी है. जिसमें फरीदाबाद प्रशासन प्रदूषण को खत्म करने के लाख दावे करता है. ‌इस रिपोर्ट के आने के बाद प्रशासन के सामने वायु से स्तर को सुधारने की चुनौती खड़ी हो गई है.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: 2019 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के मुताबिक अब फरीदाबाद विश्व के सबसे वायु प्रदूषित शहरों में शामिल चुका है. फरीदाबाद इस सूची में 18वें पायदान पर आया है. फरीदाबाद के अलावा हरियाणा के 4 अन्य शहर भी इसमें शामिल हैं. रिपोर्ट के खुलासे ने फरीदाबाद प्रशासन की नींद उड़ा दी है जिसके बाद अब प्रशासन वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने की बात कर रहा है.

2019 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट को आईक्यू एयर विजुअल के सर्वे के बाद तैयार किया गया है. इस रिपोर्ट में विश्व के 30 सबसे ज्यादा वायु प्रदूषित शहरों का खुलासा किया गया है.

प्रदूषित शहरों में हरियाणा के 5 शहर शामिल

ये 30 शहर ऐसे है जिनकी वायु पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है. इन 30 शहरों में अकेले भारत के 21 शहर शामिल हैं और इन 21 शहरों हरियाणा के 5 शहर फरीदाबाद, गुडगांव, हिसार, पलवल और जींद शामिल हैं.

यहां से रोजाना करीब 2 लाख वाहन नोयडा, गाजियाबाद से फरीदाबाद के रास्ते होते हुए गुरूग्राम और आगरा की तरफ जाते हैं. जो वायु प्रदूषण का पहला कारण है.

फरीदाबाद औधोगिक नगरी

फरीदाबाद को औधोगिक नगरी भी कहा जाता है. भारी संख्या में फैक्ट्रियां होने के कारण कंपनीयों से भारी मात्रा में धूंआ निकलता है जो वायु को प्रदूषित करता है.

फरीदाबाद में कूड़े को जगह-जगह डालकर उसमें आग लगा दी जाती है. जो वायुमंडल को धीरे-धीरे दूषित करती रहती है. फरीदाबाद में निमार्ण कार्य जोरों से चलते रहते हैं जिनसे यहां की हवा में धूल मिल चुकी है.

फरीदाबाद के लोगों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर किसी तरह के कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं जिस कारण फरीदाबाद की हवा इतनी खराब हुई है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार मिलकर वायु प्रदूषण को कम करने की कोशिश करे तो वायु प्रदूषण के स्तर को सुधारा जा सकता है.

वायु प्रदूषण का असर फेफड़ों पर पड़ता है- डॉक्टर

सिविल अस्पताल फरीदाबाद से मुख्य चित्सिका अधिकारी डॉ. बीर सिंह सहरावत का कहना है कि वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफडों पर पड़ता है और दूषित हवा से बुजुर्ग तो बीमार हो ही रहे हैं छोटे बच्चे भी इससे नहीं बच पा रहे हैं.

कंपनियों की वजह से प्रदूषण- टीचर

फरीदाबाद के नेहरू कॉलेज में बच्चों को पर्यावरण की शिक्षा देने वाले अध्यापक अशोक का कहना है कि तेजी से हमारी वायु प्रदूषित हो रही है. जिसका एक बड़ा कारण ये है कि कंपनीया ज्यादा लगाई जा रही हैं. जिनसे निकलने वाला जहरीला धूंआ हवा को जहरीली बना रहा है.

वायु लेवल को सुधारने की कोशिश- उपायुक्त

फरीदाबाद जिला उपायुक्त यशपाल स‌िंह का कहना कि वो लगातार फरीदाबाद के बिगड़ते वायु लेवल को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. प्रशासन लोगों को पेड़-पौधे लगाने के लिए भी जागरूक कर रहा है. प्रदूषण विभाग के द्वारा जहरीला धूंआ निकालने वाली कंपनीयों के चालान किए जा रहे हैं. प्रशासन हर वो संभव प्रयास कर रहा है जिससे फरीदाबाद का वायु प्रदूषण लेवल बेहतर हों.

इस रिपोर्ट ने फरीदाबाद प्रशासन के उन दावों की पोल खोलकर रख दी है. जिसमें फरीदाबाद प्रशासन प्रदूषण को खत्म करने के लाख दावे करता है. ‌इस रिपोर्ट के आने के बाद प्रशासन के सामने वायु से स्तर को सुधारने की चुनौती खड़ी हो गई है.

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