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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन के करीबी वैभव जैन को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी सत्येंद्र जैन के करीबी वैभव जैन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. 18 जून को कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दिया था.

राऊज एवेन्यू कोर्ट
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Published : Jul 11, 2022, 9:20 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग के आरोपी और दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के करीबी वैभव जैन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. आज वैभव जैन की ईडी हिरासत खत्म हो रही थी. कोर्ट ने आज ही सत्येंद्र जैन को भी 20 जुलाई तक की न्यायिक हिरासत बढ़ा दिया है. सत्येंद्र जैन पहले से न्यायिक हिरासत में हैं.

इस मामले के तीसरे आरोपी अंकुश जैन पहले से न्यायिक हिरासत में है. अंकुश जैन भी सत्येंद्र जैन का करीबी बताया जा रहा है. इस मामले में सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. जबकि, वैभव जैन और अंकुश जैन को एक जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. वैभव जैन एक जुलाई से ईडी की हिरासत में था.

18 जून को कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. जैन की पेशी के दौरान ईडी ने कहा था कि कैश दिल्ली में दिया गया. ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंची. ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे. ये फर्जी कंपनियां थी. इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था. पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया. प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग के आरोपी और दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के करीबी वैभव जैन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. आज वैभव जैन की ईडी हिरासत खत्म हो रही थी. कोर्ट ने आज ही सत्येंद्र जैन को भी 20 जुलाई तक की न्यायिक हिरासत बढ़ा दिया है. सत्येंद्र जैन पहले से न्यायिक हिरासत में हैं.

इस मामले के तीसरे आरोपी अंकुश जैन पहले से न्यायिक हिरासत में है. अंकुश जैन भी सत्येंद्र जैन का करीबी बताया जा रहा है. इस मामले में सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. जबकि, वैभव जैन और अंकुश जैन को एक जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. वैभव जैन एक जुलाई से ईडी की हिरासत में था.

18 जून को कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. जैन की पेशी के दौरान ईडी ने कहा था कि कैश दिल्ली में दिया गया. ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंची. ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे. ये फर्जी कंपनियां थी. इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था. पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया. प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई.

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