नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कहर के चलते किए गए देशव्यापी लॉकडाउन में जिन टैक्सी चालकों ने ताली-थाली बजाने से लेकर काम बंद कर देने तक की सरकार की हर बात मानी. वही सरकार अब इनकी बात नहीं सुन रही है. मोरेटोरियम (कोरोना संक्रमण काल के मद्देनजर आरबीआई द्वारा लोन मोरेटोरियम (ऋण स्थगन) स्कीम लागू की गई थी) के बावजूद इन लोगों पर किश्तों का प्रेशर बनाया जा रहा है. कुछ लोगों की गाड़ियां भी कंपनियों ने उठा ली हैं. ये टैक्सी चालक अब इतने परेशान हैं कि आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.
टैक्सी चालकों ने बयां किया दर्द
ईटीवी भारत से खास बातचीत में दिल्ली के टैक्सी चालकों ने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और अब अनलॉक में भी वह रोजी-रोटी तक को परेशान हैं. बैंक के लोग उन्हें किश्तों के लिए परेशान कर रहे हैं. रोजाना उन्हें धमकाया जा रहा है और गुंडे भेजे जा रहे हैं.
'एक्स्ट्रा चार्ज वसूला जाएगा'
सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने बताया कि शुरुआत में पैसे नहीं होने के चलते चेक बाउंस हुए, जिसका उनसे 25% एक्स्ट्रा चार्ज वसूला जाएगा. वहीं मोरेटोरियम के बावजूद उन्हें रोजाना धमकियां मिल रही हैं. काम पहले ही कम है. बच्चों की फीस, घर के खर्चे और पेट पालने के लिए पैसों की जरूरत है. गाड़ियां ही छीनी जा रही हैं तो कैसे ये सब मुमकिन हो पाएगा.
वहीं एक अन्य चालक ने बताया कि 2 दिन पहले उनकी गाड़ी वापस ले ली गई है. उन्हें टाइम दिया गया है कि पैसे चुकाओ और गाड़ी ले जाओ. अब वो कैसे पैसों का इंतजाम करें. मानसिक तौर पर वो बहुत परेशान हैं. राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को इस संबंध में पत्र लिखा, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ.
'परिवार के साथ करेंगे प्रदर्शन'
इस दौरान टैक्सी चालकों ने कहा कि 1 सितंबर को वो इस संबंध में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले हैं. अगर उनकी मदद नहीं कि गई तो वो लोग 7 दिन की हड़ताल और परिवार के साथ प्रदर्शन करने की प्लानिंग भी कर रहे हैं. उन्होंने मांग की कि सरकार को ये अत्याचार रोकना चाहिए.