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स्वाति मालीवाल ने देशवासियों को लिखा खुला पत्र, 16 दिसंबर को बताया काला दिवस

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने निर्भया की सातवीं बरसी पर देशवासियों को एक खुला पत्र लिखा है.

Swati Maliwal wrote open letter to countrymen
देशवासियों के नाम खुला पत्र
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Published : Dec 16, 2019, 5:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने निर्भया की सातवीं बरसी पर देशवासियों को एक खुला पत्र लिखा है.

आपको बता दें कि वह निर्भया के बलात्कारियों को फांसी दिए जाने की मांग को लेकर 3 दिसंबर से राजघाट के समता स्थल पर आमरण अनशन पर बैठी थी. लेकिन 13वें दिन सुबह अचानक वह बेहोश हो गईं, जिसके बाद उन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है.

Swati Maliwal wrote open letter to countrymen
देशवासियों के नाम खुला पत्र


'16 दिसंबर की खौफनाक रात भुलाई नहीं जा सकती'
स्वाति मालीवाल ने देशवासियों को पत्र लिखते हुए कहा है कि जिस दिन को हम कभी भूल नहीं सकते उसे 7 साल गुजर चुके हैं .16 दिसंबर की वह खौफनाक रात जो आज भी खत्म नहीं हुई है.

Swati Maliwal wrote open letter to countrymen
देशवासियों के नाम खुला पत्र

आज भी कई निर्भया देश की अलग-अलग जगहों पर उसी दर्द और उसी खौफ से गुजर रही हैं. लेकिन हमारी सरकार और सिस्टम मुंह सीए हुए बैठा है.

12 दिनों से अनशन पर थी स्वाति
स्वाति मालीवाल ने कहा कि वह पिछले 12 दिनों से बलात्कार आरोपियों को 6 महीने के भीतर फांसी की सजा दिए जाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठी थी.

देशवासियों के नाम खुला पत्र
इस दौरान तमाम संगठन और लोग उन्हें समर्थन देने के लिए राजघाट पहुंचे थे. लेकिन सरकार का एक भी नुमाइंदा उनसे मिलने के लिए अनशन स्थल पर नहीं आया.

अभी तक आरोपियों को नहीं दी गई फांसी
स्वाति मालीवाल ने अपने पत्र में कहा कि आज देश की बेटियों और महिलाओं के लिए काला दिन है. यह सिर्फ उस एक निर्भया या उसकी मां की हार नहीं है. हमारे देश की हार है कि अभी तक निर्भया के आरोपियों को सजा नहीं दी गई है.

नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने निर्भया की सातवीं बरसी पर देशवासियों को एक खुला पत्र लिखा है.

आपको बता दें कि वह निर्भया के बलात्कारियों को फांसी दिए जाने की मांग को लेकर 3 दिसंबर से राजघाट के समता स्थल पर आमरण अनशन पर बैठी थी. लेकिन 13वें दिन सुबह अचानक वह बेहोश हो गईं, जिसके बाद उन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है.

Swati Maliwal wrote open letter to countrymen
देशवासियों के नाम खुला पत्र


'16 दिसंबर की खौफनाक रात भुलाई नहीं जा सकती'
स्वाति मालीवाल ने देशवासियों को पत्र लिखते हुए कहा है कि जिस दिन को हम कभी भूल नहीं सकते उसे 7 साल गुजर चुके हैं .16 दिसंबर की वह खौफनाक रात जो आज भी खत्म नहीं हुई है.

Swati Maliwal wrote open letter to countrymen
देशवासियों के नाम खुला पत्र

आज भी कई निर्भया देश की अलग-अलग जगहों पर उसी दर्द और उसी खौफ से गुजर रही हैं. लेकिन हमारी सरकार और सिस्टम मुंह सीए हुए बैठा है.

12 दिनों से अनशन पर थी स्वाति
स्वाति मालीवाल ने कहा कि वह पिछले 12 दिनों से बलात्कार आरोपियों को 6 महीने के भीतर फांसी की सजा दिए जाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठी थी.

देशवासियों के नाम खुला पत्र
इस दौरान तमाम संगठन और लोग उन्हें समर्थन देने के लिए राजघाट पहुंचे थे. लेकिन सरकार का एक भी नुमाइंदा उनसे मिलने के लिए अनशन स्थल पर नहीं आया.

अभी तक आरोपियों को नहीं दी गई फांसी
स्वाति मालीवाल ने अपने पत्र में कहा कि आज देश की बेटियों और महिलाओं के लिए काला दिन है. यह सिर्फ उस एक निर्भया या उसकी मां की हार नहीं है. हमारे देश की हार है कि अभी तक निर्भया के आरोपियों को सजा नहीं दी गई है.

Intro:दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष स्वाति मालीवाल मैं निर्भया की सातवीं बरसी पर देशवासियों को एक खुला पत्र लिखा है आपको बता दें कि वह निर्भया के बलात्कारियों को फांसी दिए जाने की मांग को लेकर 3 दिसंबर से राजघाट के समता स्थल पर आमरण अनशन पर बैठी थी. लेकिन 13 दिन सुबह अचानक वह बेहोश हो गई, जिसके बाद उन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज जारी है.


Body:16 दिसंबर की बुक खौफनाक रात भुलाई नहीं जा सकती
आज 16 दिसंबर को स्वाति मालीवाल ने देशवासियों को पत्र लिखते हुए कहा है कि जिस दिन को हम कभी भूल नहीं सकते उसे 7 साल गुजर चुके हैं .16 दिसंबर की वह खौफनाक रात जो आज भी खत्म नहीं हुई है, आज भी कई निर्भया देश की अलग-अलग जगहों पर उसी दर्द और उसी खौफ से गुजर रही हैं. लेकिन हमारी सरकार और सिस्टम मुंह में सीए हुए बैठा है.

12 दिनों से अनशन पर थी स्वाति
स्वाति मालीवाल ने कहा कि वह पिछले 12 दिनों से बलात्कार आरोपियों को 6 महीने के भीतर फांसी की सजा दिए जाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठी थी. इस दौरान तमाम संगठन और लोग उन्हें समर्थन देने के लिए राजघाट पहुंचे थे. लेकिन सरकार का एक भी नुमाइंदा उनसे मिलने के लिए अनशन स्थल पर नहीं आया.


Conclusion:अभी तक आरोपियों को नहीं दी गई फांसी
स्वाति मालीवाल ने अपने पत्र में कहा कि आज देश की बेटियों और महिलाओं के लिए वह काला दिन है, यह सिर्फ उस एक निर्भया या उसकी मां की हार नहीं है, हमारे देश की हार है कि अभी तक निर्भया के आरोपियों को सजा नहीं दी गई है.
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