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सफाई अधिकारियों और ऑटो टिपर की मिली भगत से हो रहा घोटाला- संजय गहलोत

दिल्ली में पूर्वी दिल्ली नगर निगम सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन ने सफाई विभाग के अधिकारियों और ऑटो टिपर एजेंसियों पर आरोप लगाया है कि ऑटो टीपर और सफाई अधिकारियों के बीच गठजोड़ से घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है.

Scam by nexus between auto tipper and cleaning officers say chairman sanjay gehlot
चेयरमैन संजय गहलौत
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Published : Jun 15, 2020, 3:57 PM IST

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने सफाई विभाग के अधिकारियों और ऑटो टिपर एजेंसियों को चेताया है कि वो ऑटो टिपर पर सफाई कर्मचारियों से काम ना कराएं.

ऑटो टीपर और सफाई अधिकारियों के बीच गठजोड़ से घोटाला

उन्होंने आरोप लगाया है कि सफाई कर्मचारियों से उन्हें शिकायत मिल रही है कि अवैध रूप से सैनिटेरी अफसर व इंस्पेक्टर सफाई कर्मचारियों से ऑटो टिपर पर काम करा रहे हैं. ऑटो टिपर और सफाई अधिकारियों के बीच गठजोड़ घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है.

एक टिपर को 2500 रूपये प्रतिदिन
सफाई कर्मचारी आयोग के चैयरमैन कहते है कि एक टिपर को प्रतिदिन 2500 रुपये मिलता है. जिसमें उसका ड्राइवर और हेल्पर शामिल होता है. लेकिन हमें शिकायत मिल रही है कि ऐसा हो नहीं रहा है. दरअसल टिपर पर केवल ड्राइवर ही होता है और हमारे सफाई कर्मचारी से काम लिया जा रहा है. ऐसे में सफाई कर्मचारियों के ऊपर अधिकारियों की मिली भगत से टिपर के हेल्पर की सैलरी फ्री में ले रहे हैं और नगर निगम को चूना लगा रहे हैं. जिसके लिए अब सफाई कर्मचारी आयोग और अधिकारी छापेमारी करेंगे.

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने सफाई विभाग के अधिकारियों और ऑटो टिपर एजेंसियों को चेताया है कि वो ऑटो टिपर पर सफाई कर्मचारियों से काम ना कराएं.

ऑटो टीपर और सफाई अधिकारियों के बीच गठजोड़ से घोटाला

उन्होंने आरोप लगाया है कि सफाई कर्मचारियों से उन्हें शिकायत मिल रही है कि अवैध रूप से सैनिटेरी अफसर व इंस्पेक्टर सफाई कर्मचारियों से ऑटो टिपर पर काम करा रहे हैं. ऑटो टिपर और सफाई अधिकारियों के बीच गठजोड़ घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है.

एक टिपर को 2500 रूपये प्रतिदिन
सफाई कर्मचारी आयोग के चैयरमैन कहते है कि एक टिपर को प्रतिदिन 2500 रुपये मिलता है. जिसमें उसका ड्राइवर और हेल्पर शामिल होता है. लेकिन हमें शिकायत मिल रही है कि ऐसा हो नहीं रहा है. दरअसल टिपर पर केवल ड्राइवर ही होता है और हमारे सफाई कर्मचारी से काम लिया जा रहा है. ऐसे में सफाई कर्मचारियों के ऊपर अधिकारियों की मिली भगत से टिपर के हेल्पर की सैलरी फ्री में ले रहे हैं और नगर निगम को चूना लगा रहे हैं. जिसके लिए अब सफाई कर्मचारी आयोग और अधिकारी छापेमारी करेंगे.

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