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'दो विमान के टकराने जितने लोग, रोजाना सड़क हादसों में तोड़ रहे दम'

नया मोटर व्हीकल एक्ट आने के बाद भारत में रोजाना सड़क हादसों में कमी आई है. फिक्की में आयोजित सेमिनार में पीडब्ल्यूसी के निदेशक देवायन डे ने कहा कि भारत में अगले 10 साल में सड़क सुरक्षा को लेकर 15 बिलियन डॉलर खर्च करने की आवश्यकता है.

Road accidents will be reduced by spending 15 billion dollars
मोटर व्हीकल एक्ट से कम होंगे हादसे
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Published : Dec 5, 2019, 9:27 PM IST

नई दिल्ली: भारत में रोजाना सड़क हादसों में इतने लोगों की मौत हो जाती हैं, जितनी दो विमानों की हवा में टक्कर के बाद हो सकती हैं. हवा में विमान टकराने का हादसा अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबर बन जाती है. लेकिन इतने लोग रोजाना सड़कों पर मारे जा रहे हैं, जिसे लेकर कोई चर्चा नहीं होती.

मोटर व्हीकल एक्ट से कम होंगे हादसे


यह बात फिक्की में आयोजित सेमिनार में पीडब्ल्यूसी के निदेशक देवायन डे ने कही. उन्होंने कहा कि भारत में अगले 10 साल में सड़क सुरक्षा को लेकर 15 बिलियन डॉलर खर्च करने की आवश्यकता है.
वहीं फिक्की होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी के अध्यक्ष राहुल चौधरी ने कहा कि देश में सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं. यह संख्या इतनी ज्यादा है, जितनी आजादी से अब तक लोग युद्ध या प्राकृतिक आपदा में भी ना मरे हों. नया मोटर व्हीकल एक्ट आने के बाद से इसमें कमी आई है. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों की संख्या में 80 फीसदी की कमी आई है.


एमवी एक्ट में संशोधन महत्वपूर्ण कदम
पीडब्ल्यूसी के निदेशक देवायन डे ने बताया कि विदेशों में उन देशों में सड़क हादसों की संख्या कम हुई है, जहां पर मोटर व्हीकल एक्ट में जल्दी संशोधन किए जाते हैं. कई ऐसे देश हैं जो प्रत्येक दो-तीन साल में सड़क हादसों के आंकड़ों को देखकर मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हैं. इसका बहुत ही अच्छा असर इन देशों में देखने को मिला है.


आसमान से ज्यादा खतरनाक सड़क पर सफर
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीजे पांडा ने कहा कि कई लोगों को ऐसा लगता है कि आसमान में सफर करना खतरनाक है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आसमान से कई गुना ज्यादा खतरा देश में सड़क पर चल रही गाड़ियों में सफर करने के दौरान होता है. उन्होंने कहा कि विभिन्न स्कूलों में आज बच्चों को सड़क के नियमों के बारे में बताकर जागरूक किया जा रहा है जो आने वाले समय में नियमों का पालन करते हुए सड़क पर चलेंगे.


कई राज्यों ने लागू नहीं किया मोटर व्हीकल एक्ट
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीजे पांडा ने कहा कि देश के कई राज्यों ने नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं किया है. इस एक्ट में यह नियम है कि राज्य इसे अपने यहां लागू करेगा. वह चाहे तो इसमें कुछ चालान की राशि को कम भी कर सकते हैं. कुछ राज्यों ने चालान की राशि को कम कर इसे लागू कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी कई राज्यों ने इसे लागू नहीं किया है. इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल आदि राज्य शामिल हैं. उन्होंने अपील की है कि वह जल्द से जल्द इसे लागू करें ताकि सड़क पर होने वाली मौत की संख्या को कम किया जा सके.

कई स्कूलों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के कई स्कूलों को सम्मानित किया गया. यह ऐसे स्कूल हैं जो सड़क हादसों को रोकने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं. इसके अलावा वह बच्चों को जागरूक करते हैं ताकि सड़क हादसों में कमी लाई जा सके.

नई दिल्ली: भारत में रोजाना सड़क हादसों में इतने लोगों की मौत हो जाती हैं, जितनी दो विमानों की हवा में टक्कर के बाद हो सकती हैं. हवा में विमान टकराने का हादसा अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबर बन जाती है. लेकिन इतने लोग रोजाना सड़कों पर मारे जा रहे हैं, जिसे लेकर कोई चर्चा नहीं होती.

मोटर व्हीकल एक्ट से कम होंगे हादसे


यह बात फिक्की में आयोजित सेमिनार में पीडब्ल्यूसी के निदेशक देवायन डे ने कही. उन्होंने कहा कि भारत में अगले 10 साल में सड़क सुरक्षा को लेकर 15 बिलियन डॉलर खर्च करने की आवश्यकता है.
वहीं फिक्की होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी के अध्यक्ष राहुल चौधरी ने कहा कि देश में सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं. यह संख्या इतनी ज्यादा है, जितनी आजादी से अब तक लोग युद्ध या प्राकृतिक आपदा में भी ना मरे हों. नया मोटर व्हीकल एक्ट आने के बाद से इसमें कमी आई है. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों की संख्या में 80 फीसदी की कमी आई है.


एमवी एक्ट में संशोधन महत्वपूर्ण कदम
पीडब्ल्यूसी के निदेशक देवायन डे ने बताया कि विदेशों में उन देशों में सड़क हादसों की संख्या कम हुई है, जहां पर मोटर व्हीकल एक्ट में जल्दी संशोधन किए जाते हैं. कई ऐसे देश हैं जो प्रत्येक दो-तीन साल में सड़क हादसों के आंकड़ों को देखकर मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हैं. इसका बहुत ही अच्छा असर इन देशों में देखने को मिला है.


आसमान से ज्यादा खतरनाक सड़क पर सफर
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीजे पांडा ने कहा कि कई लोगों को ऐसा लगता है कि आसमान में सफर करना खतरनाक है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आसमान से कई गुना ज्यादा खतरा देश में सड़क पर चल रही गाड़ियों में सफर करने के दौरान होता है. उन्होंने कहा कि विभिन्न स्कूलों में आज बच्चों को सड़क के नियमों के बारे में बताकर जागरूक किया जा रहा है जो आने वाले समय में नियमों का पालन करते हुए सड़क पर चलेंगे.


कई राज्यों ने लागू नहीं किया मोटर व्हीकल एक्ट
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीजे पांडा ने कहा कि देश के कई राज्यों ने नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं किया है. इस एक्ट में यह नियम है कि राज्य इसे अपने यहां लागू करेगा. वह चाहे तो इसमें कुछ चालान की राशि को कम भी कर सकते हैं. कुछ राज्यों ने चालान की राशि को कम कर इसे लागू कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी कई राज्यों ने इसे लागू नहीं किया है. इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल आदि राज्य शामिल हैं. उन्होंने अपील की है कि वह जल्द से जल्द इसे लागू करें ताकि सड़क पर होने वाली मौत की संख्या को कम किया जा सके.

कई स्कूलों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के कई स्कूलों को सम्मानित किया गया. यह ऐसे स्कूल हैं जो सड़क हादसों को रोकने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं. इसके अलावा वह बच्चों को जागरूक करते हैं ताकि सड़क हादसों में कमी लाई जा सके.

Intro:नई दिल्ली
भारत में रोजाना सड़क हादसों में इतने लोगों की मौत हो जाती है, जितना अगर दो विमान हवा में टकराये तो मारे जाएंगे. अगर हवा में विमान टकराने का हादसा हो जाये तो यह अंतरराष्ट्रीय खबर बनेगी, लेकिन इतने लोग रोजाना सड़क पर मारे जा रहे हैं जिसे लेकर कोई चर्चा नहीं होती. यह बात फिक्की में आयोजित सेमिनार में पीडब्ल्यूसी के निदेशक देवायन डे ने कही. उन्होंने कहा कि भारत में अगले 10 साल में सड़क सुरक्षा को लेकर 15 बिलियन डॉलर खर्च करने की आवश्यकता है.


Body:फिक्की होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी के अध्यक्ष राहुल चौधरी ने कहा कि देश में सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं. यह संख्या इतनी ज्यादा है जितना आजादी से अब तक लेकर लोग युद्ध या प्राकृतिक आपदा में भी नहीं मरे हैं. नया मोटर व्हीकल एक्ट आने के बाद से इसमें कमी आई है. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों की संख्या में 80 फीसदी की कमी आई है. उन्होंने कहा की फिक्की होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी की तरफ से सड़क हादसों को कम करने के लिए प्रयास किया जा रहा है और इसके तहत कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.


एमवी एक्ट में संशोधन महत्वपूर्ण कदम
पीडब्ल्यूसी के निदेशक देवायन डे ने बताया कि विदेशों में उन देशों में सड़क हादसों की संख्या कम हुई है,।जहां पर मोटर व्हीकल एक्ट में जल्दी संशोधन किए जाते हैं. कई ऐसे देश हैं जो प्रत्येक दो-तीन साल में सड़क हादसों के आंकड़ों को देखकर मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हैं. इसका बहुत ही अच्छा असर इन देशों में देखने को मिला है. वहीं भारत में कई दशकों के बाद मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किया गया है. उन्होंने कहा कि बेहतर परिणाम के लिए समय-समय पर एमवी एक्ट में संशोधन की आवश्यकता है.



आसमान से ज्यादा खतरनाक सड़क परिवहन
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीजे पांडा ने कहा कि कई लोगों को ऐसा लगता है कि आसमान में सफर करना खतरनाक है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आसमान से कई गुना ज्यादा खतरा देश में सड़क पर चल रही गाड़ियों में सफर करने के दौरान होता है. उन्होंने कहा कि विभिन्न स्कूलों में आज बच्चों को सड़क के नियमों के बारे में बताकर जागरूक किया जा रहा है जो आने वाले समय में नियमों का पालन करते हुए सड़क पर चलेंगे. उन्होंने कहा कि नए मोटर व्हीकल एक्ट में के बाद से सड़क हादसों में काफी कमी आई है. इसमें और सुधार की आवश्यकता है. इसे लेकर केंद्र सरकार की तरफ से काम चल रहा है.

कई राज्यों ने लागू नहीं किया मोटर व्हीकल एक्ट
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीजे पांडा ने कहा कि देश के कई राज्यों ने नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं किया है. इस एक्ट में यह नियम है कि राज्य इसे अपने यहां लागू करेगा. वह चाहे तो इसमें कुछ चालान की राशि को कम भी कर सकते हैं. कुछ राज्यों ने चालान की राशि को कम कर इसे लागू कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी कई राज्यों ने इसे लागू नहीं किया है. इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल आदि राज्य शामिल हैं. उन्होंने अपील की है कि वह जल्द से जल्द इसे लागू करें ताकि सड़क पर होने वाली मौत की संख्या को कम किया जा सके.


Conclusion:कई स्कूलों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के कई स्कूलों को सम्मानित किया गया. यह ऐसे स्कूल हैं जो सड़क हादसों को रोकने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं. इसके अलावा वह बच्चों को जागरूक करते हैं ताकि सड़क हादसों में कमी लाई जा सके.

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