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स्टार्टअप इंडिया के तहत दिल्ली की इस महिला ने शुरू की रेस्टोरेंट की चेन, मिल रही खूब सफलता

दिल्ली में अब एक और पराठे का रेस्टोरेंट्स इन दिनों लोगों के दिलों पर छाप छोड़ता नजर आ रहा है. दिल्ली में अंकल पराठा रेस्टोरेंट्स भी खूब मशहूर हो रहा है. इसकी स्थापना साल 2016 में एक महिला शिवांगी वोहरा ने स्टार्टअप इंडिया के तहत की थी और अब इसे खूब सफलता मिल रही है.

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दिल्ली में खूब मशहूर हो रहा अंकल पराठा
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Published : Aug 1, 2021, 11:05 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली अपने खाने के अलग-अलग प्रकार के विभिन्न जायकों के लिए पूरे देश भर में मशहूर है. पूरे देश भर के विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का जायका आपको राजधानी दिल्ली में चखने को मिल जाएगा. पूरे उत्तर भारत में विशेष तौर पर सुबह के नाश्ते में पराठों का प्रचलन बहुत ज्यादा है और दिल्ली के लोग भी सुबह के नाश्ते में पराठा को काफी पसंद करते हैं. सुबह के समय चांदनी चौक के मशहूर पराठे वाली गली और मूलचंद के पराठे की दुकान के बाहर लोगों की भीड़ दिखाई दे जाती है. इस बीच कोरोना महामारी के चलते इस लोगों की भीड़ कम हुई.

वहीं, दिल्ली में अब एक और पराठे का रेस्टोरेंट्स इन दिनों लोगों के दिलों पर छाप छोड़ता नजर आ रहा है. दिल्ली में अंकल पराठा रेस्टोरेंट्स भी खूब मशहूर हो रहा है. इसकी स्थापना साल 2016 में एक महिला शिवांगी वोहरा ने स्टार्टअप इंडिया के तहत की थी. शिवांगी साल 2008 में एक बुटीक चलाती थी, लेकिन बुटीक व्यापार के क्षेत्र में शिवांगी को ज्यादा सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्हें बुटीक का क्षेत्र छोड़ना पड़ा.

दिल्ली में खूब मशहूर हो रहा अंकल पराठा

शिवांगी शुरू से ही अपना एक छोटा सा स्टार्टअप रेस्टोरेंट शुरू करना चाहती थी. शिवांगी के घर के पास पेइंग गेस्ट के तौर पर कुछ लड़कियां रहती थी. उन्हें हमेशा घर का खाना खाने की इच्छा होती थी. इसके मद्देनजर शिवांगी ने पहले छोटे स्तर पर अपना काम शुरू किया और उन्हें सुबह का नाश्ता देने की शुरुआत की. धीरे धीरे शिवांगी के बनाए गए खाने का फीडबैक अच्छा आने लगा तो उन्होंने अपने सपने को साकार करने की सोची.

पढ़ें: इस मार्केट के दुकानदार जानते हैं कई भाषाएं, विदेशियों से उनकी ही भाषा में करते हैं बात

साल 2016 में स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत अंकल पराठा रेस्टोरेंट्स की शुरुआत हुई. शिवांगी वोहरा ने अपने शुरू किए गए रेस्टोरेंट का नाम नंबर वन अंकल पराठा रेस्टोरेंट इसलिए रखा, क्योंकि उनके फादर-इन-लॉ की साउथ एक्सटेंशन पार्ट-1 में एक दुकान थी और सब लोग उन्हें अंकल कहकर बुलाते थे. ऐसे में उन्होंने वहीं से आइडिया लेकर अपने रेस्टोरेंट का नाम नंबर वन अंकल पराठा रेस्टोरेंट रखा.

शिवांगी बताती हैं कि रेस्टोरेंट की शुरुआत करने में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके पति अंकुश वोहरा उनका सपोर्ट सिस्टम बन कर खड़े रहे और उनकी पूरी मदद की. अंकल पराठा रेस्टोरेंट में 80 तरह पराठे हैं. इसमें हर प्रकार के वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन पराठे भी शामिल हैं. इसमें चिकन पराठा सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. इस पूरे मेन्यू को शिवांगी वोहरा के पति अंकुश वोहरा ने तैयार किया है.

पूरे देश भर में व्यापार के हर एक क्षेत्र पर कोरोना की वजह से नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इसकी वजह से व्यापार की रफ्तार पूरी तरीके से थम सी गई है. इनके ऊपर भी काफी ज्यादा असर पड़ा है. शिवांगी ने बताया कि कोरोना के चलते व्यापार की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई. आर्थिक तौर पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारे स्टाफ ने हमारा पूरा साथ दिया. हमने भी अपने पूरे स्टाफ का साथ देते हुए किसी को भी नौकरी से नहीं निकाला.

कोरोना के समय में रेस्टोरेंट के स्टाफ के रहने के लिए हमने ना सिर्फ इंतजाम किए, बल्कि सभी कर्मचारियों का ख्याल भी रखा और सभी को कोरोना वैक्सीन भी लगवाई. महामारी के चलते व्यापार भयंकर बदहाली के दौर से गुजर रहा है. करीब 50 फीसदी तक बिक्री नीचे आ गई है. आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से गुजारा भी बमुश्किल चल रहा है. ऊपर से लगातार बढ़ती महंगाई की वजह से गैस और सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं. इसकी वजह से परेशानियां और बढ़ गई हैं, हालांकि फिलहाल हमने हमारे खाने के आइटम्स के दाम बिल्कुल भी नहीं बढ़ाए हैं.

पढ़ें: दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के बाद खुला चिड़ियाघर, बच्चों को खूब रोमांचित की जानवरों की गतिविधियां

शिवांगी बताती हैं कि उनके रेस्टोरेंट में सबसे ज्यादा ग्राहक कॉलेज और पीजी में रहने वाले स्टूडेंट्स होते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सभी अपने घर वापस चले गए. इसकी वजह से भी सेल्स पर असर पड़ा. खाने की प्रिपरेशन के दौरान अंकल पराठा रेस्टोरेंट में हाइजीन का अच्छे से ख्याल रखा जाता है. शेफ का फेस मास्क और सिर की कैप पहनना अनिवार्य होता है. हर दिन सुबह जब कर्मचारी रेस्टोरेंट में आते हैं तो सबसे पहले कर्मचारियों को थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. वहीं, कस्टमर्स के लिए अभी ज्यादातर टेक अवे की ही सुविधा उपलब्ध है. रेस्टोरेंट्स में सोशल डिस्टेंस के साथ 4- 6 लोगों के बैठने की सुविधा है.

ज्यादातर लोगों को टेकअवे की सुविधा ही दी जा रही है. 5 साल के छोटे से समय में ही साउथ एक्सटेंशन पार्ट-वन में अंकल पराठा रेस्टोरेंट्स ने दिल्लीवासियों के दिल में अपनी एक अलग जगह बना ली है और लोग यहां के जायके को काफी ज्यादा पसंद भी कर रहे हैं. पिछले 5 साल में अंकल पराठा रेस्टोरेंट को काफी सक्सेस भी मिली है.ओनर शिवांगी ने जब रेस्टोरेंट की शुरुआत की थी, तब एक ही रेस्टोरेंट्स था और आज राजधानी दिल्ली में शिवांगी कुल 3 रेस्टोरेंट्स खोल चुकी हैं. आगे भी अभी और रेस्टोरेंट्स खोलने जा रही है. साउथ एक्सटेंशन पार्ट-वन के साथ ही मालवीय नगर और आईपी एक्सटेंशन में अंकल पराठा रेस्टोरेंट के टेकअवे आउटलेट खोले गए हैं. इसके बाद अब द्वारका के क्षेत्र में रेस्टोरेंट खोलने की भी तैयारी जोर शोर से की जा रही है. हालांकि, लॉकडाउन-2 से पहले मॉडल टाउन के क्षेत्र में भी टेकअवे आउटलेट खोला गया था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उसे बंद कर दिया गया.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली अपने खाने के अलग-अलग प्रकार के विभिन्न जायकों के लिए पूरे देश भर में मशहूर है. पूरे देश भर के विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का जायका आपको राजधानी दिल्ली में चखने को मिल जाएगा. पूरे उत्तर भारत में विशेष तौर पर सुबह के नाश्ते में पराठों का प्रचलन बहुत ज्यादा है और दिल्ली के लोग भी सुबह के नाश्ते में पराठा को काफी पसंद करते हैं. सुबह के समय चांदनी चौक के मशहूर पराठे वाली गली और मूलचंद के पराठे की दुकान के बाहर लोगों की भीड़ दिखाई दे जाती है. इस बीच कोरोना महामारी के चलते इस लोगों की भीड़ कम हुई.

वहीं, दिल्ली में अब एक और पराठे का रेस्टोरेंट्स इन दिनों लोगों के दिलों पर छाप छोड़ता नजर आ रहा है. दिल्ली में अंकल पराठा रेस्टोरेंट्स भी खूब मशहूर हो रहा है. इसकी स्थापना साल 2016 में एक महिला शिवांगी वोहरा ने स्टार्टअप इंडिया के तहत की थी. शिवांगी साल 2008 में एक बुटीक चलाती थी, लेकिन बुटीक व्यापार के क्षेत्र में शिवांगी को ज्यादा सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्हें बुटीक का क्षेत्र छोड़ना पड़ा.

दिल्ली में खूब मशहूर हो रहा अंकल पराठा

शिवांगी शुरू से ही अपना एक छोटा सा स्टार्टअप रेस्टोरेंट शुरू करना चाहती थी. शिवांगी के घर के पास पेइंग गेस्ट के तौर पर कुछ लड़कियां रहती थी. उन्हें हमेशा घर का खाना खाने की इच्छा होती थी. इसके मद्देनजर शिवांगी ने पहले छोटे स्तर पर अपना काम शुरू किया और उन्हें सुबह का नाश्ता देने की शुरुआत की. धीरे धीरे शिवांगी के बनाए गए खाने का फीडबैक अच्छा आने लगा तो उन्होंने अपने सपने को साकार करने की सोची.

पढ़ें: इस मार्केट के दुकानदार जानते हैं कई भाषाएं, विदेशियों से उनकी ही भाषा में करते हैं बात

साल 2016 में स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत अंकल पराठा रेस्टोरेंट्स की शुरुआत हुई. शिवांगी वोहरा ने अपने शुरू किए गए रेस्टोरेंट का नाम नंबर वन अंकल पराठा रेस्टोरेंट इसलिए रखा, क्योंकि उनके फादर-इन-लॉ की साउथ एक्सटेंशन पार्ट-1 में एक दुकान थी और सब लोग उन्हें अंकल कहकर बुलाते थे. ऐसे में उन्होंने वहीं से आइडिया लेकर अपने रेस्टोरेंट का नाम नंबर वन अंकल पराठा रेस्टोरेंट रखा.

शिवांगी बताती हैं कि रेस्टोरेंट की शुरुआत करने में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके पति अंकुश वोहरा उनका सपोर्ट सिस्टम बन कर खड़े रहे और उनकी पूरी मदद की. अंकल पराठा रेस्टोरेंट में 80 तरह पराठे हैं. इसमें हर प्रकार के वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन पराठे भी शामिल हैं. इसमें चिकन पराठा सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. इस पूरे मेन्यू को शिवांगी वोहरा के पति अंकुश वोहरा ने तैयार किया है.

पूरे देश भर में व्यापार के हर एक क्षेत्र पर कोरोना की वजह से नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इसकी वजह से व्यापार की रफ्तार पूरी तरीके से थम सी गई है. इनके ऊपर भी काफी ज्यादा असर पड़ा है. शिवांगी ने बताया कि कोरोना के चलते व्यापार की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई. आर्थिक तौर पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारे स्टाफ ने हमारा पूरा साथ दिया. हमने भी अपने पूरे स्टाफ का साथ देते हुए किसी को भी नौकरी से नहीं निकाला.

कोरोना के समय में रेस्टोरेंट के स्टाफ के रहने के लिए हमने ना सिर्फ इंतजाम किए, बल्कि सभी कर्मचारियों का ख्याल भी रखा और सभी को कोरोना वैक्सीन भी लगवाई. महामारी के चलते व्यापार भयंकर बदहाली के दौर से गुजर रहा है. करीब 50 फीसदी तक बिक्री नीचे आ गई है. आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से गुजारा भी बमुश्किल चल रहा है. ऊपर से लगातार बढ़ती महंगाई की वजह से गैस और सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं. इसकी वजह से परेशानियां और बढ़ गई हैं, हालांकि फिलहाल हमने हमारे खाने के आइटम्स के दाम बिल्कुल भी नहीं बढ़ाए हैं.

पढ़ें: दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के बाद खुला चिड़ियाघर, बच्चों को खूब रोमांचित की जानवरों की गतिविधियां

शिवांगी बताती हैं कि उनके रेस्टोरेंट में सबसे ज्यादा ग्राहक कॉलेज और पीजी में रहने वाले स्टूडेंट्स होते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सभी अपने घर वापस चले गए. इसकी वजह से भी सेल्स पर असर पड़ा. खाने की प्रिपरेशन के दौरान अंकल पराठा रेस्टोरेंट में हाइजीन का अच्छे से ख्याल रखा जाता है. शेफ का फेस मास्क और सिर की कैप पहनना अनिवार्य होता है. हर दिन सुबह जब कर्मचारी रेस्टोरेंट में आते हैं तो सबसे पहले कर्मचारियों को थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. वहीं, कस्टमर्स के लिए अभी ज्यादातर टेक अवे की ही सुविधा उपलब्ध है. रेस्टोरेंट्स में सोशल डिस्टेंस के साथ 4- 6 लोगों के बैठने की सुविधा है.

ज्यादातर लोगों को टेकअवे की सुविधा ही दी जा रही है. 5 साल के छोटे से समय में ही साउथ एक्सटेंशन पार्ट-वन में अंकल पराठा रेस्टोरेंट्स ने दिल्लीवासियों के दिल में अपनी एक अलग जगह बना ली है और लोग यहां के जायके को काफी ज्यादा पसंद भी कर रहे हैं. पिछले 5 साल में अंकल पराठा रेस्टोरेंट को काफी सक्सेस भी मिली है.ओनर शिवांगी ने जब रेस्टोरेंट की शुरुआत की थी, तब एक ही रेस्टोरेंट्स था और आज राजधानी दिल्ली में शिवांगी कुल 3 रेस्टोरेंट्स खोल चुकी हैं. आगे भी अभी और रेस्टोरेंट्स खोलने जा रही है. साउथ एक्सटेंशन पार्ट-वन के साथ ही मालवीय नगर और आईपी एक्सटेंशन में अंकल पराठा रेस्टोरेंट के टेकअवे आउटलेट खोले गए हैं. इसके बाद अब द्वारका के क्षेत्र में रेस्टोरेंट खोलने की भी तैयारी जोर शोर से की जा रही है. हालांकि, लॉकडाउन-2 से पहले मॉडल टाउन के क्षेत्र में भी टेकअवे आउटलेट खोला गया था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उसे बंद कर दिया गया.

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