नई दिल्ली: दिल्ली की सड़क पर चलती बस में निर्भया के साथ हुई बलात्कार की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस हादसे के बाद देशभर में रेप के खिलाफ माहौल बना, तमाम कानून बनाए गए. लेकिन इन सब के बावजूद आकड़े बताते हैं कि छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में कोई खास कमी नहीं आई है. विडंबना यही बस नहीं है, कानून व्यवस्था के हालात ये हैं कि जितने मामले दर्ज होते हैं, उनमें कुछ ही दोषी साबित हो पाते हैं.
छोटी बच्चियों से रेप के मामले
2019 में जिलेवार बच्चियों से रेप के मामले
दोषी साबित हुए रेप के मामले
जागरुकता की जरूरत
निर्भया केस के बाद रेप के प्रति लोगों में जागरुकता आई है, संसद में दुष्कर्म के खिलाफ कानून बनाया गया. वहीं कई राज्यों ने नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में फांसी का प्रावधान किया है. लेकिन आंकड़े अभी भी कम नहीं हुए हैं, छोटी-छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी घटनाएं सामने आना देश के सामने एक बड़ी चुनौती है, इन घटनाओं से निपटने के लिए न सिर्फ कानूनी पक्षों को मजबूत करने की जरूरत है बल्कि समाज में जागरूकता की जरूरत है, जिससे नारी सिर उठाकर जी सके.