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दिल्ली अग्निकांड: मौत की बिल्डिंग से बाहर आये राजू ने बताई पूरी दर्द-ए-दास्तां - ईटीवी भारत

दिल्ली अग्निकांड में कई लोग मारे गए तो कई लोग घायल भी हुए. लेकिन इन सबके बीच एक ऐसा शख्स जो इस मौत की बिल्डिंग से बाहर निकलकर आया और मौतों के मंजर को अपनी आंखों से देखा. ईटीवी भारत से बात करते हुए इस शख्स ने बयां की अग्निकांड की पूरी कहानी.

Delhi fire
दिल्ली अग्निकांड, Delhi fire
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Published : Dec 10, 2019, 9:09 PM IST

नई दिल्ली. रविवार को दिल्ली में झांसी रोड स्थित अनाज मंडी के पास लगी भीषण आग में 43 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. वहीं कई अन्य लोग घायल हो गए थे. जिनका इलाज अस्पतालों में कराया जा रहा है. पर कई ऐसे भाग्यशाली लोग भी हैं जो उस दौरान बिल्डिंग में थे पर सुरक्षित बाहर निकल आए. उन्हीं भाग्यशाली लोगों में एक शख्स ने ईटीवी भारत से बात की और इस पूरी घटना को बताया.

दिल्ली अग्निकांड से बचकर निकला युवक

दरअसल, इस भाग्यशाली का नाम राजू है. जो आग लगने के दौरान बिल्डिंग में मौजूद था. इस घटना को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता नवीन निशांत ने राजू से रविवार सुबह में क्या हुआ इसको लेकर बात की. जिसका जवाब देते हुए राजू ने बताया कि सुबह चार बजे के करीब वह अपने साथियों के साथ तीसरी मंजिला पर सो रहा था. तभी दूसरी मंजिल पर आग लग गई. थोड़ी ही देर में धुआं तीसरी मंजिल पर भी फैलने लगा. जिसके बाद उसकी नींद खुली. नींद खुलते हैं वह खिड़की की तरफ भागा क्योंकि नीचे जाने वाले रास्ते पर आग लगी हुई थी. उसने बताया कि तीसरी मंजिल पर दो ही खिड़की थी, जिसको खोल कर वह खिड़की के सहारे लटक गया और अगल-बगल के लोगों को आवाज देने लगा.

खिड़की के सहारे लटक कर बचाई अपनी जान

राजू ने बताया कि उसके साथ 5,6 लोग और भी खिड़की पर लटके थे और लगातार चिल्ला रहे थे. उनके चिल्लाने की आवाज सुनकर अगल-बगल के लोग अपनी छतों पर पहुंचे और पूरी स्थिति को समझते हुए उन्होंने पुलिस को फोन किया. थोड़ी ही देर बाद पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची. जिसके बाद उन्हें वहां से निकाला गया. हालांकि उसे इस बात का अफसोस भी है कि उसके कई साथियों को बचाया नहीं जा सका.

बातचीत के दौरान राजू ने बताया कि अभी भी उसका इलाज चल रहा है. क्योंकि उसके शरीर में धुआं भर गया है. डॉक्टरों का कहना है कि अभी उसे ठीक होने में 4 से 5 दिन और लग सकते हैं.

नई दिल्ली. रविवार को दिल्ली में झांसी रोड स्थित अनाज मंडी के पास लगी भीषण आग में 43 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. वहीं कई अन्य लोग घायल हो गए थे. जिनका इलाज अस्पतालों में कराया जा रहा है. पर कई ऐसे भाग्यशाली लोग भी हैं जो उस दौरान बिल्डिंग में थे पर सुरक्षित बाहर निकल आए. उन्हीं भाग्यशाली लोगों में एक शख्स ने ईटीवी भारत से बात की और इस पूरी घटना को बताया.

दिल्ली अग्निकांड से बचकर निकला युवक

दरअसल, इस भाग्यशाली का नाम राजू है. जो आग लगने के दौरान बिल्डिंग में मौजूद था. इस घटना को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता नवीन निशांत ने राजू से रविवार सुबह में क्या हुआ इसको लेकर बात की. जिसका जवाब देते हुए राजू ने बताया कि सुबह चार बजे के करीब वह अपने साथियों के साथ तीसरी मंजिला पर सो रहा था. तभी दूसरी मंजिल पर आग लग गई. थोड़ी ही देर में धुआं तीसरी मंजिल पर भी फैलने लगा. जिसके बाद उसकी नींद खुली. नींद खुलते हैं वह खिड़की की तरफ भागा क्योंकि नीचे जाने वाले रास्ते पर आग लगी हुई थी. उसने बताया कि तीसरी मंजिल पर दो ही खिड़की थी, जिसको खोल कर वह खिड़की के सहारे लटक गया और अगल-बगल के लोगों को आवाज देने लगा.

खिड़की के सहारे लटक कर बचाई अपनी जान

राजू ने बताया कि उसके साथ 5,6 लोग और भी खिड़की पर लटके थे और लगातार चिल्ला रहे थे. उनके चिल्लाने की आवाज सुनकर अगल-बगल के लोग अपनी छतों पर पहुंचे और पूरी स्थिति को समझते हुए उन्होंने पुलिस को फोन किया. थोड़ी ही देर बाद पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची. जिसके बाद उन्हें वहां से निकाला गया. हालांकि उसे इस बात का अफसोस भी है कि उसके कई साथियों को बचाया नहीं जा सका.

बातचीत के दौरान राजू ने बताया कि अभी भी उसका इलाज चल रहा है. क्योंकि उसके शरीर में धुआं भर गया है. डॉक्टरों का कहना है कि अभी उसे ठीक होने में 4 से 5 दिन और लग सकते हैं.

Intro:नई दिल्ली : रविवार अहले सुबह रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी के पास हुई भीषण अगलगी की घटना में 43 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. लेकिन कई ऐसे भाग्यशाली लोग भी हैं जो हादसे के वक़्त इमारत के भीतर थे. लेकिन इस हादसे में सकुशल बच गए. ऐसे ही एक शख्स राजू से ईटीवी भारत ने बात की और उससे जाना की वास्तव में उस सुबह क्या हुआ था.


Body:दूसरी मंजिल पर लगी थी आग :
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजू ने बताया कि सुबह 4 बजे के करीब वह अपने साथियों के साथ तीसरी मंजिल पर सो रहा था. तभी दूसरी मंजिल पर आग लग गई. थोड़ी ही देर में धुआ तीसरी मंजिल पर भी फैलने लगा जिसके बाद उसकी नींद खुली नींद खुलते हैं वह खिड़की की तरफ भागा क्योंकि नीचे जाने वाले रास्ते पर आग लगा हुआ था उसने बताया कि तीसरी मंजिल पर दो ही खिड़की थी जिसमें को खोल कर उसके सहारे लटक गया और अगल-बगल के लोगों को आवाज देने लगा.


खिड़की के सहारे लटक कर बचाई अपनी जान :
राजू ने बताया कि उसके साथ 5-6 लोग और भी खिड़की पर लटके थे और लगातार चिल्ला रहे थे. उनके चिल्लाने की आवाज सुनकर अगल-बगल के लोग अपनी छतों पर पहुंचे और पूरी स्थिति को समझते हुए उन्होंने पुलिस को फोन किया. थोड़ी ही देर बाद पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची जिसके बाद उन्हें वहां से निकाला गया. हालांकि उसे इस बात का अफसोस भी है कि उसके कई साथियों को बचाया नहीं जा सका.



Conclusion:अभी भी चल रहा इलाज :
बातचीत के दौरान राजू ने बताया कि अभी भी उसका इलाज चल रहा है. क्योंकि उसके शरीर में धुआं भर गया है. डॉक्टरों का कहना है कि अभी उसे ठीक होने में 4 से 5 दिन और लग सकते हैं.
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