नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष के नाम पर आखिरकर मोहर लग गई है. प्रोफेसर श्योराज सिंह 'बेचैन' ने बतौर विभागाध्यक्ष अपना कार्यभार संभाल लिया है. प्रो. 'बेचैन' की नियुक्ति पर पिछले करीब छह महीनों से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी.
वहीं प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा कि डीयू में एक लंबे अरसे बाद कोई दलित विभागाध्यक्ष बनाया गया है. साथ ही कहा कि छह महीनों के लंबे संघर्ष के बाद अब सामाजिक न्याय की जीत हुई है.
बता दें कि 12 सितंबर 2019 को विभागाध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त हो गया था और सभी मानकों पर खरे उतरने वाले प्रोफेसर बेचैन द्वारा सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई थी.