नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने दिल्ली हाईकोर्ट में पीएफआई मामले को लेकर अपना जवाब दाखिल किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पीएफआई के गिरफ्तार सदस्य की याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी किया था. पीएफआई के सदस्य मोहम्मद यूसुफ ने प्राथमिकी की कॉपी उपलब्ध कराए जाने की याचिका दाखिल की थी.
नोटिस पर जवाब देते हुए एनआईए ने कोर्ट को बताया कि आरोपी सदस्य को एफआईआर की कॉपी उपलब्ध करा दी गई (NIA provided copy of FIR to PFI accused) है. वहीं, एनआईए ने रिमांड कॉपी दिए जाने का विरोध किया है. एनआईए ने कहा कि जांच अभी बेहद प्रारंभिक स्तर पर है. ऐसे में सूचनाएं गोपनीय है. उन सूचनाओं को साझा नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने इस मामले को 11 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया है.
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने इस मामले को मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. इससे पहले एनआईए के छापे के दौरान गिरफ्तार किए गए मोहम्मद यूसुफ द्वारा याचिका दाखिल कर अपील की थी कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के कई निर्देशों के तहत आरोपी को प्राथमिकी की एक प्रति प्रदान करना आवश्यक है. हालांकि, अधिकारियों ने उसे इससे इनकार किया. यह बताते हुए कि यह एक संवेदनशील मामला है और एक प्रति प्रदान नहीं की जा सकती है.
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए कहा गया कि आरोपी व्यक्तियों की रिमांड समय-समय पर बढ़ाई जा रही है और प्राथमिकी की एक प्रति प्रदान नहीं की जा रही है. इसके बाद कोर्ट ने मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया था. बता दें, एनआईए ने पिछले महीने पूरे भारत में ईडी और राज्य पुलिस बलों के साथ सम्मिलित तलाशी ली थी.
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एनआईए ने भारत के 15 राज्यों केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल, बिहार और मणिपुर में 93 स्थानों पर तलाशी ली. इस दौरान बड़ी संख्या में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था.