नई दिल्ली : स्टेट बैंक द्वारा 30 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों को वॉलेंटरी रिटायर्मेंट देने की स्कीम का नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) ने विरोध किया है. ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि यह एसबीआई द्वारा अधिकारियों-कर्मचारियों के छंटनी के सामान है, जो अन्याय है. ऑर्गेनाइजेशन ने एसबीआई प्रबंधन से इसे वापस लेने की मांग की है.
बैंकों के मर्जर का दिखने लगा साइड इफेक्ट
ऑर्गेनाइजेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने जब बैंकों का मर्जर किया था तभी से ये आशंका होने लगी थी कि इसके बाद बैंकों से अधिकारियों-कर्मचारियों की छंटनी होगी. अब यह आशंका धीरे-धीरे सच होने लगी है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने 30 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए वॉलेंटरी रिटायरमेंट स्कीम निकाली है.
नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स ने इसका विरोध करते हुए इसे बैंक कर्मियों के साथ अन्याय करार दिया है. संगठन का कहना है कि इन लोगों ने बैंक के विकास में अपनी पूरी जवानी दी है और अब जब ये उम्र के ढलाव पर हैं और इन्हें मदद की जरूरत है तो बैंक इन्हें सड़क पर छोड़ रहा है.
ब्रांच बंद करने के प्रयास में जुटे बैंक
नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के पूर्व महासचिव अश्विनी राणा बताते हैं कि स्टेट बैंक के साथ ही अन्य बैंक भी अब अपने ब्रांचों को बंद करने के प्रयास में जुट गए हैं. इससे इन 30 हजार मानव संसाधन पर तो फर्क पड़ेगा ही, ज्यादा परेशानी उन लोगों को होगी जो इसके बाद बच जाएंगे, क्योंकि बैंक इनको निकलने के बाद नई भर्ती भी नहीं कर रहा है. इसकी वजह से इनके काम का बोझ बचे हुए लोगों पर पड़ेगा और उनका स्वास्थ्य प्रभावित होगा.