नई दिल्ली : दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लापता हुए 4 बच्चों को क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Delhi Anti human Trafficking unit) ने उनके परिवार से मिलवा दिया. इनमें से कोई बच्चा परिजनों के डांटने की वजह से घर छोड़कर चला गया था तो कोई प्रेम विवाह करने के इरादे से घर से निकला था. इन सभी बच्चों को लोकल पुलिस के माध्यम से उनके परिजनों को सौंप दिया गया है.
डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Delhi Anti human Trafficking unit) में तैनात हवलदार गोपाल कृष्ण और सिपाही विजय कुमार को भारत नगर से लापता हुई लड़की की तलाश में लगाया गया था. बीते 4 दिसंबर को यह लड़की भारत नगर इलाके से लापता हुई थी. क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला कि वह दिमागी रूप से अस्वस्थ है. पुलिस टीम ने दिल्ली और यूपी में उसकी तलाश शुरू की. इस दौरान पुलिस को वह अपनी बुआ के घर अलीगढ़ में मिल गई. उसने पूछताछ में बताया कि भाई ने उसकी पिटाई की थी. इसके चलते वह घर छोड़कर निकल गई थी. वह 4 दिन तक रेलवे स्टेशन पर और 2 दिनों तक गुरुद्वारे में रही. इसके बाद वह अपने एक रिश्तेदार के घर यूपी चली गई थी और वहां रहने लगी. पुलिस टीम ने भारत नगर थाना पुलिस को यह बच्ची सौंप दी है.
दूसरे मामले में क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई विजेंद्र कुमार और महिला सिपाही सुकन्या ने एक नाबालिग बच्चे को उत्तर प्रदेश के सीतापुर से बरामद किया है. यह बच्चा मंगोलपुरी से 30 दिसंबर को लापता हो गया था. पुलिस को पता चला कि बच्चे की समझ थोड़ी कमजोर है और वह पढ़ा-लिखा नहीं है. पुलिस को पता चला कि वह कुछ सप्ताह पहले अपनी बहन के घर नौकरी तलाशने आया था. यहां किसी बात पर बहन से नाराज होकर वह घर छोड़कर चला गया. उसके पास न तो पैसे थे और न ही कोई दस्तावेज. पुलिस टीम ने उसे आनंद विहार बस अड्डे के पास से बरामद कर लिया है.
तीसरे मामले में 2 जनवरी को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Delhi Anti human Trafficking unit) के इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार की टीम ने नाबालिग बच्ची को आजादपुर रेलवे स्टेशन के पास से बरामद किया है. यह बच्ची आदर्श नगर इलाके से लापता हुई थी. उसने पुलिस को बताया कि वह एक लड़के से प्यार करती थी. लेकिन परिवार वाले उसकी शादी के खिलाफ थे. इसके चलते वह घर छोड़कर निकल गई थी. पुलिस टीम ने उसे लोकल पुलिस के हवाले कर दिया है.
चौथे मामले में हवलदार गोपी कृष्णा और सिपाही विजय कुमार की टीम को सागरपुर इलाके से लापता लड़की को तलाशने में लगाया गया था. 11 नवंबर को यह लड़की लापता हुई थी. पुलिस टीम ने इस लड़की को बीते 2 जनवरी को बवाना इलाके से बरामद कर लिया है. वह एक किराए के मकान में शैलेश यादव नामक युवक के साथ रह रही थी. उसने पुलिस को बताया कि परिवार वाले उस पर टिप्पणी करते थे. इसके चलते वह परेशान थी. इस दौरान वह शैलेश यादव से मिली जो उसके घर के पास रहता था. वह उससे प्यार करने लगी और उसके साथ घर छोड़कर बाहर निकल आई थी. पुलिस ने दोनों को सागरपुर पुलिस के हवाले कर दिया है.
अलग-अलग जगहों से लापता 4 बच्चों को क्राइम ब्रांच ने परिवार से मिलवाया - Delhi Anti human Trafficking unit
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Delhi Anti human Trafficking unit) ने लापता चार नाबालिगों को उनके परिवार वालों से मिलवाया. ये चारों अलग-अलग जगह से लापता हुए थे और अलग-अलग वजहों से घर छोड़कर निकल गए थे.
नई दिल्ली : दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लापता हुए 4 बच्चों को क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Delhi Anti human Trafficking unit) ने उनके परिवार से मिलवा दिया. इनमें से कोई बच्चा परिजनों के डांटने की वजह से घर छोड़कर चला गया था तो कोई प्रेम विवाह करने के इरादे से घर से निकला था. इन सभी बच्चों को लोकल पुलिस के माध्यम से उनके परिजनों को सौंप दिया गया है.
डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Delhi Anti human Trafficking unit) में तैनात हवलदार गोपाल कृष्ण और सिपाही विजय कुमार को भारत नगर से लापता हुई लड़की की तलाश में लगाया गया था. बीते 4 दिसंबर को यह लड़की भारत नगर इलाके से लापता हुई थी. क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला कि वह दिमागी रूप से अस्वस्थ है. पुलिस टीम ने दिल्ली और यूपी में उसकी तलाश शुरू की. इस दौरान पुलिस को वह अपनी बुआ के घर अलीगढ़ में मिल गई. उसने पूछताछ में बताया कि भाई ने उसकी पिटाई की थी. इसके चलते वह घर छोड़कर निकल गई थी. वह 4 दिन तक रेलवे स्टेशन पर और 2 दिनों तक गुरुद्वारे में रही. इसके बाद वह अपने एक रिश्तेदार के घर यूपी चली गई थी और वहां रहने लगी. पुलिस टीम ने भारत नगर थाना पुलिस को यह बच्ची सौंप दी है.
दूसरे मामले में क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई विजेंद्र कुमार और महिला सिपाही सुकन्या ने एक नाबालिग बच्चे को उत्तर प्रदेश के सीतापुर से बरामद किया है. यह बच्चा मंगोलपुरी से 30 दिसंबर को लापता हो गया था. पुलिस को पता चला कि बच्चे की समझ थोड़ी कमजोर है और वह पढ़ा-लिखा नहीं है. पुलिस को पता चला कि वह कुछ सप्ताह पहले अपनी बहन के घर नौकरी तलाशने आया था. यहां किसी बात पर बहन से नाराज होकर वह घर छोड़कर चला गया. उसके पास न तो पैसे थे और न ही कोई दस्तावेज. पुलिस टीम ने उसे आनंद विहार बस अड्डे के पास से बरामद कर लिया है.
तीसरे मामले में 2 जनवरी को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Delhi Anti human Trafficking unit) के इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार की टीम ने नाबालिग बच्ची को आजादपुर रेलवे स्टेशन के पास से बरामद किया है. यह बच्ची आदर्श नगर इलाके से लापता हुई थी. उसने पुलिस को बताया कि वह एक लड़के से प्यार करती थी. लेकिन परिवार वाले उसकी शादी के खिलाफ थे. इसके चलते वह घर छोड़कर निकल गई थी. पुलिस टीम ने उसे लोकल पुलिस के हवाले कर दिया है.
चौथे मामले में हवलदार गोपी कृष्णा और सिपाही विजय कुमार की टीम को सागरपुर इलाके से लापता लड़की को तलाशने में लगाया गया था. 11 नवंबर को यह लड़की लापता हुई थी. पुलिस टीम ने इस लड़की को बीते 2 जनवरी को बवाना इलाके से बरामद कर लिया है. वह एक किराए के मकान में शैलेश यादव नामक युवक के साथ रह रही थी. उसने पुलिस को बताया कि परिवार वाले उस पर टिप्पणी करते थे. इसके चलते वह परेशान थी. इस दौरान वह शैलेश यादव से मिली जो उसके घर के पास रहता था. वह उससे प्यार करने लगी और उसके साथ घर छोड़कर बाहर निकल आई थी. पुलिस ने दोनों को सागरपुर पुलिस के हवाले कर दिया है.