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मनीष सिसोदिया ने किया माता साध्वी कनक प्रभा के अंतिम दर्शन

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Published : Mar 21, 2022, 2:02 PM IST

असाध्य रोग को नियंत्रित करने वाली माता साध्वी कनक प्रभा की मृत्यु हो गई है. इस खबर ने पूरे धर्म संघ को शोक की लहर में डुबा दिया है. शासन माता के अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पहुंचे.

मनीष सिसोदिया ने किया माता साध्वी कनक प्रभा का अंतिम दर्शन
मनीष सिसोदिया ने किया माता साध्वी कनक प्रभा का अंतिम दर्शन

नई दिल्ली: असाध्य को साधने में माहिर तीनों आचार्यों के मंगला शीशों से अपने समर्पण श्रद्धा निष्ठा भाव से तेरापंथ धर्म संघ में असाधारणता को प्राप्त शासन माता साध्वी कनक प्रभा ने अध्यात्म साधना केंद्र के अनुकंपा भवन में संसार को छोड़ दिया और मोक्ष प्राप्ति के लिए ईश्वर को गतिमान हो गई.

असाध्य रोग को नियंत्रित करने वाली मां की मृत्यु की खबर ने पूरे धर्म संघ को शोक की लहर में डुबा दिया है. ममतामय करुणामयी राजमाता के महाप्रयाण के बाद तेरापंथ समाज मानव आज अनाथ महसूस कर रहा है, इस मौके पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल अंतिम दिन श्रद्धांजलि देने पहुंचे.

वीडियो रिपोर्ट.

शामनमाता के निधन की खबर मिलते ही उनके भक्तों को छतरपुर में अंतिम दर्शन देने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. अध्यात्म साधना केंद्र पूरी तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ से बढ़ गया. अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और विधान सभा स्पीकर भी पहुंचे.

आयोजन समिति के सदस्य कमल जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि सुबह प्रात से ही उनके स्वास्थ्य में निरंतर गिरावट नजर आ रही थी. नवरत्न और उन्हें आचार्य श्री द्वारा बांसवाड़ी का श्रवण कराया जा रहा था. इसी बीच उन्होंने अंतिम सांस ली और शरीर का परित्याग कर दिया डॉक्टरों की पुष्टि के उपरांत आचार्य श्री ने उनके महाप्रलय की घोषणा करते हुए शासन माता साध्वी प्रमुख जी के लिए पंच दिवसीय आध्यात्मिक अनुष्ठान करने की घोषणा भी की है. उपस्थित हजारों श्रद्धालु अपनी शासनमाता के अंतिम दर्शन करने के लिए काफी संख्या में पहुंच रहे हैं.

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष श्री रामविलास गोयल ने कहा कि मैं परम सौभाग्यशाली हूं जो मुझे शासनमाता साध्वीप्रमुखाजी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ. मैंने उनकी ओर देखा तो मुझे लगा मैं उनके दिव्य तेज को सहन नहीं कर पा रहा हूं. वह गंगा, जमुना, सरस्वती की तरह निर्मल थीं.

आचार्य तुलसी ने उनकी आंतरिक निर्मलता को देखते हुए ही उन्हें साध्वीप्रमुखा पद प्रदान किया था. लम्बे समय तक धर्मसंघ में अपनी सेवा और उस दौरान तीन-तीन गुरुओं का सान्निध्य प्राप्त करने अपने आप में विलक्षण बात है. आपके वंदन की मुद्रा समस्त लोगों के दिलों को स्पर्श कर गई। आचार्यश्री! आज मैं आपके समक्ष उनकी आत्मा के प्रति मंगलकामना करता हूं कि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो.

नई दिल्ली: असाध्य को साधने में माहिर तीनों आचार्यों के मंगला शीशों से अपने समर्पण श्रद्धा निष्ठा भाव से तेरापंथ धर्म संघ में असाधारणता को प्राप्त शासन माता साध्वी कनक प्रभा ने अध्यात्म साधना केंद्र के अनुकंपा भवन में संसार को छोड़ दिया और मोक्ष प्राप्ति के लिए ईश्वर को गतिमान हो गई.

असाध्य रोग को नियंत्रित करने वाली मां की मृत्यु की खबर ने पूरे धर्म संघ को शोक की लहर में डुबा दिया है. ममतामय करुणामयी राजमाता के महाप्रयाण के बाद तेरापंथ समाज मानव आज अनाथ महसूस कर रहा है, इस मौके पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल अंतिम दिन श्रद्धांजलि देने पहुंचे.

वीडियो रिपोर्ट.

शामनमाता के निधन की खबर मिलते ही उनके भक्तों को छतरपुर में अंतिम दर्शन देने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. अध्यात्म साधना केंद्र पूरी तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ से बढ़ गया. अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और विधान सभा स्पीकर भी पहुंचे.

आयोजन समिति के सदस्य कमल जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि सुबह प्रात से ही उनके स्वास्थ्य में निरंतर गिरावट नजर आ रही थी. नवरत्न और उन्हें आचार्य श्री द्वारा बांसवाड़ी का श्रवण कराया जा रहा था. इसी बीच उन्होंने अंतिम सांस ली और शरीर का परित्याग कर दिया डॉक्टरों की पुष्टि के उपरांत आचार्य श्री ने उनके महाप्रलय की घोषणा करते हुए शासन माता साध्वी प्रमुख जी के लिए पंच दिवसीय आध्यात्मिक अनुष्ठान करने की घोषणा भी की है. उपस्थित हजारों श्रद्धालु अपनी शासनमाता के अंतिम दर्शन करने के लिए काफी संख्या में पहुंच रहे हैं.

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष श्री रामविलास गोयल ने कहा कि मैं परम सौभाग्यशाली हूं जो मुझे शासनमाता साध्वीप्रमुखाजी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ. मैंने उनकी ओर देखा तो मुझे लगा मैं उनके दिव्य तेज को सहन नहीं कर पा रहा हूं. वह गंगा, जमुना, सरस्वती की तरह निर्मल थीं.

आचार्य तुलसी ने उनकी आंतरिक निर्मलता को देखते हुए ही उन्हें साध्वीप्रमुखा पद प्रदान किया था. लम्बे समय तक धर्मसंघ में अपनी सेवा और उस दौरान तीन-तीन गुरुओं का सान्निध्य प्राप्त करने अपने आप में विलक्षण बात है. आपके वंदन की मुद्रा समस्त लोगों के दिलों को स्पर्श कर गई। आचार्यश्री! आज मैं आपके समक्ष उनकी आत्मा के प्रति मंगलकामना करता हूं कि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो.

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