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लॉकडाउन: 44 लाख बच्चों से CM केजरीवाल और सिसोदिया ने की बात - सीएम केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री सह शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आज 44 लाख बच्चों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की.

CM Kejriwal and Sisodia talk to 44 lakh students
लॉकडाउन में बच्चों की देखभाल पर चर्चा
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Published : Apr 4, 2020, 5:34 PM IST

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया आज 44 लाख बच्चों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुखाबित हुए. इस दौरान चर्चा का विषय था लॉकडाउन के समय में बच्चों की देखभाल.

एजुकेशन डायरेक्टर भी रहे मौजूद

लॉकडाउन के कारण बच्चे घर पर ही हैं और इस दौरान वे अभिभावकों से खूब सवाल भी कर रहे हैं. इन्हीं कुछ सवालों का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया आज सामने आए. इनके साथ एजुकेशन डायरेक्टर विनय भूषण और पैरेंटिंग को लेकर लम्बे समय से काम कर रहे सीमांत भी मौजूद रहे.

'क्या हम सब मर जाएंगे'

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज बच्चों के मन में कई सवाल हैं, वे कोरोना को लेकर भी बहुत कुछ जानना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि उन तक एक पैरेंट ने सवाल भेजा है कि उनकी बेटी ने पूछा है कि क्या हम सब मर जाएंगे. एक और बच्ची ने पूछा था कि हम बाहर क्यों नहीं जा सकते. इसपर मुख्यमंत्री ने कोरोना के फैलने की प्रक्रिया समझाई, घर में रहने की ज़रूरत बताई और बताया कि किस तरह अभी हमें बाहर न निकलकर कोरोना के चेन को तोड़ना है.

'जरूरी सामान की सप्लाई जारी है'
एजुकेशन डायरेक्टर विनय भूषण सभी बच्चों और अभिभावकों के सवाल पढ़ रहे थे. उन तक एक सवाल आया कि मैं तो बीमार हूं ही नहीं, लक्षण नहीं हैं, फिर बाहर क्यों नहीं जा सकता. इसपर जवाब में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि वायरस आने के 14 दिन तक पता ही नहीं चलता कि कौन बीमार है कौन नहीं, इसलिए आपको बाहर नहीं जाना है. मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन को गलत बताया और कहा कि हम जरूरी सामानों की सप्लाई में किसी तरह की कमी नहीं आने दे रहे हैं.

बच्चों के साथ समय बिताएं

एक बच्चे के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि जो गरीब हैं उनके लिए खाने का इंतजाम दिल्ली सरकार ने किया है, लेकिन सबको जिम्मेदारी लेनी चहिए कि आपके इलाके में कोई भूखा ना रहे, इससे बच्चों में भी अच्छे संस्कार पैदा होंगे. साथ ही, ऑफिस या घर में काम करने वाले नौकर या कर्मचारी की तनख्वाह मत काटिए, इससे बच्चों में भी अच्छा सन्देश जाएगा. कोरोना से जुड़ी नकारात्मकता खत्म करने के सवाल पर सीमांत ने कहा कि बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखें और बच्चों के ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं. वहीं मनीष सिसोदिया ने कहा कि बच्चों के मन में डर ना बैठने दें.

मिस कर रहे हैप्पीनेस क्लास

कुछ बच्चों के सवाल थे कि वे घर में बैठे-बैठे बोर हो रहे हैं, दोस्तों से नहीं मिल पा रहे. इसपर सीमांत ने कहा कि हम सब वो चीजें नहीं कर पा रहे हैं, जो हमें अच्छी लगतीं हैं. इस दौरान यह बात भी सामने आई कि बच्चे हैप्पीनेस क्लास को मिस कर रहे हैं, इसपर मनीष सिसोदिया ने कहा कि अभिभावक बच्चों से हैप्पीनेस क्लास को लेकर बातचीत करें, उन्हें भी कुछ बेहतर जानने को मिलेगा. विनय भूषण ने बताया कि हमने पैरेंट्स को इंगेज करने के लिए भी कुछ एक्टिविटीज शुरू की है. कल के लिए कहा था कि पिता बच्चों को वो कहानी सुनाएं, जो वे अपने बचपन मे सुनते थे.

गर्मी की छुट्टी पर मांगी राय

बच्चों की चिंता यह भी थी कि कहीं गर्मी की छुट्टियां होंगी या नहीं, इसपर शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों से राय मांगी. वहीं अभिभावकों ने यह सवाल किया कि छुट्टी के दौरान भी फीस क्यों दें. इसपर मुख्यमंत्री ने प्राइवेट स्कूलों की मजबूरी भी उनके सामने रखी और बताया कि उन्हें भी सैलरी देनी होती है. वहीं रिजल्ट आउट करने के सवाल पर सिसोदिया ने कहा कि 9वीं और 11वीं वालों की परीक्षा और पिछले इंटरनल ऐसेमेंट के हिसाब से रिजल्ट आउट होंगे.

क्राइसिस को अपॉरचुनिटी बनाइए

एक बच्चे का सवाल था कि वो बाहर नहीं जा पा रहा, इसपर मनीष सिसोदिया ने बताया कि क्यों अभी घर में रहना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि इस समय को एक अपॉरचुनिटी में बदलिए. वहीं अंत में मुख्यमंत्री ने अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के दौर के बच्चे इंटेलीजेंट हैं, इसलिए जितना इंगेज करेंगे, जितना सीधा सीधा जवाब देंगे, उतना अच्छा होगा. यह क्राइसिस जरूर है, लेकिन एक मौका है साथ मिलकर समय बिताने का.

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया आज 44 लाख बच्चों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुखाबित हुए. इस दौरान चर्चा का विषय था लॉकडाउन के समय में बच्चों की देखभाल.

एजुकेशन डायरेक्टर भी रहे मौजूद

लॉकडाउन के कारण बच्चे घर पर ही हैं और इस दौरान वे अभिभावकों से खूब सवाल भी कर रहे हैं. इन्हीं कुछ सवालों का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया आज सामने आए. इनके साथ एजुकेशन डायरेक्टर विनय भूषण और पैरेंटिंग को लेकर लम्बे समय से काम कर रहे सीमांत भी मौजूद रहे.

'क्या हम सब मर जाएंगे'

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज बच्चों के मन में कई सवाल हैं, वे कोरोना को लेकर भी बहुत कुछ जानना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि उन तक एक पैरेंट ने सवाल भेजा है कि उनकी बेटी ने पूछा है कि क्या हम सब मर जाएंगे. एक और बच्ची ने पूछा था कि हम बाहर क्यों नहीं जा सकते. इसपर मुख्यमंत्री ने कोरोना के फैलने की प्रक्रिया समझाई, घर में रहने की ज़रूरत बताई और बताया कि किस तरह अभी हमें बाहर न निकलकर कोरोना के चेन को तोड़ना है.

'जरूरी सामान की सप्लाई जारी है'
एजुकेशन डायरेक्टर विनय भूषण सभी बच्चों और अभिभावकों के सवाल पढ़ रहे थे. उन तक एक सवाल आया कि मैं तो बीमार हूं ही नहीं, लक्षण नहीं हैं, फिर बाहर क्यों नहीं जा सकता. इसपर जवाब में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि वायरस आने के 14 दिन तक पता ही नहीं चलता कि कौन बीमार है कौन नहीं, इसलिए आपको बाहर नहीं जाना है. मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन को गलत बताया और कहा कि हम जरूरी सामानों की सप्लाई में किसी तरह की कमी नहीं आने दे रहे हैं.

बच्चों के साथ समय बिताएं

एक बच्चे के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि जो गरीब हैं उनके लिए खाने का इंतजाम दिल्ली सरकार ने किया है, लेकिन सबको जिम्मेदारी लेनी चहिए कि आपके इलाके में कोई भूखा ना रहे, इससे बच्चों में भी अच्छे संस्कार पैदा होंगे. साथ ही, ऑफिस या घर में काम करने वाले नौकर या कर्मचारी की तनख्वाह मत काटिए, इससे बच्चों में भी अच्छा सन्देश जाएगा. कोरोना से जुड़ी नकारात्मकता खत्म करने के सवाल पर सीमांत ने कहा कि बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखें और बच्चों के ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं. वहीं मनीष सिसोदिया ने कहा कि बच्चों के मन में डर ना बैठने दें.

मिस कर रहे हैप्पीनेस क्लास

कुछ बच्चों के सवाल थे कि वे घर में बैठे-बैठे बोर हो रहे हैं, दोस्तों से नहीं मिल पा रहे. इसपर सीमांत ने कहा कि हम सब वो चीजें नहीं कर पा रहे हैं, जो हमें अच्छी लगतीं हैं. इस दौरान यह बात भी सामने आई कि बच्चे हैप्पीनेस क्लास को मिस कर रहे हैं, इसपर मनीष सिसोदिया ने कहा कि अभिभावक बच्चों से हैप्पीनेस क्लास को लेकर बातचीत करें, उन्हें भी कुछ बेहतर जानने को मिलेगा. विनय भूषण ने बताया कि हमने पैरेंट्स को इंगेज करने के लिए भी कुछ एक्टिविटीज शुरू की है. कल के लिए कहा था कि पिता बच्चों को वो कहानी सुनाएं, जो वे अपने बचपन मे सुनते थे.

गर्मी की छुट्टी पर मांगी राय

बच्चों की चिंता यह भी थी कि कहीं गर्मी की छुट्टियां होंगी या नहीं, इसपर शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों से राय मांगी. वहीं अभिभावकों ने यह सवाल किया कि छुट्टी के दौरान भी फीस क्यों दें. इसपर मुख्यमंत्री ने प्राइवेट स्कूलों की मजबूरी भी उनके सामने रखी और बताया कि उन्हें भी सैलरी देनी होती है. वहीं रिजल्ट आउट करने के सवाल पर सिसोदिया ने कहा कि 9वीं और 11वीं वालों की परीक्षा और पिछले इंटरनल ऐसेमेंट के हिसाब से रिजल्ट आउट होंगे.

क्राइसिस को अपॉरचुनिटी बनाइए

एक बच्चे का सवाल था कि वो बाहर नहीं जा पा रहा, इसपर मनीष सिसोदिया ने बताया कि क्यों अभी घर में रहना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि इस समय को एक अपॉरचुनिटी में बदलिए. वहीं अंत में मुख्यमंत्री ने अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के दौर के बच्चे इंटेलीजेंट हैं, इसलिए जितना इंगेज करेंगे, जितना सीधा सीधा जवाब देंगे, उतना अच्छा होगा. यह क्राइसिस जरूर है, लेकिन एक मौका है साथ मिलकर समय बिताने का.

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