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देखिए इस तैरते हुए पार्क को, आखिर क्या है इसकी खासियत - delhi news

बुराड़ी विधानसभा में बदहाल पड़े तालाब का हुआ सौंदर्यीकरण करते हुए तैरता हुआ पार्क बनाया गया है. ईटीवी भारत ने कई बार इस खबर को दिखाया था.

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Published : Jan 4, 2022, 11:10 PM IST

नई दिल्ली: बुराड़ी गांव का यह तालाब बदहाल स्थिति में था. यहां रहने वाले लोग इससे निकलने वाली दुर्गंध से परेशान थे. वहीं इस तालाब के अंदर जहरीले कीड़े, मकोड़े, सांप, बिच्छू जैसे जानवर पनप रहे थे. यहां के स्थानीय लोगों ने कई बार इस तालाब संबंधित विभाग को कई बार पत्राचार के स्थानीय विधायक को भी इस समस्या से अवगत कराया.

वहीं ईटीवी भारत ने भी इस खबर को प्रमुखता से दिखाया. खबर का असर हुआ और जिस जोड़ में गंदगी का अंबार बना रहता था. वहां अब तैरता हुआ पार्क बनाया जा रहा है. आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. पहले यह तालाब बदहाल स्थिति में था. अब इस तालाब को नई तकनीकों से पुनःनिर्माण किया गया.

तैरता हुआ पार्क.

इस तालाब के अंदर पानी के थर्माकोल पर पेड़ पौधे लगाकर तैरता हुआ वह पार्क बनाया गया. हरे-भरे पौधे लगाए गए और इस तालाब के गंदे पानी को साफ करने का कार्य जारी है.

तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. जनरेटर मशीन के जरिए पानी के अंदर ऑक्सीजन छोड़ा गया है. जिससे पेड़ पौधे जो थर्माकोल के ऊपर लगाए गए हैं. वह जीवित रह सकें, तैरता हुआ पार्क बनाने के पीछे का मकसद यही है कि पानी को पूरी तरीके से साफ रखा जाए और अलग तरीके की खूबसूरत तालाब यहां पर तैयार की जा सके. इसकी सुंदरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां पहले सांप, बिच्छू और जहरीले जानवर दिखाई देते थे. वहां पर अब विदेशी पक्षी आने शुरू हो गए हैं.

फिलहाल आपको बता दें ज़मीन का घटता वाटर लेवल बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा पुराने तालाबों को विकसित किया जा रहा है और वाटर रिसोर्सेज बॉडी तैयार की जा रही है. लेकिन इन पुराने तालाबों को इट सीमेंट की दीवार से सुरक्षित करने की जगह अब नई तकनीकों द्वारा इन तालाबों को वितरित किया जा रहा है. जिसे भविष्य में दिल्लीवासियों को पानी की किल्लत से ना झूझना पड़े .

नई दिल्ली: बुराड़ी गांव का यह तालाब बदहाल स्थिति में था. यहां रहने वाले लोग इससे निकलने वाली दुर्गंध से परेशान थे. वहीं इस तालाब के अंदर जहरीले कीड़े, मकोड़े, सांप, बिच्छू जैसे जानवर पनप रहे थे. यहां के स्थानीय लोगों ने कई बार इस तालाब संबंधित विभाग को कई बार पत्राचार के स्थानीय विधायक को भी इस समस्या से अवगत कराया.

वहीं ईटीवी भारत ने भी इस खबर को प्रमुखता से दिखाया. खबर का असर हुआ और जिस जोड़ में गंदगी का अंबार बना रहता था. वहां अब तैरता हुआ पार्क बनाया जा रहा है. आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. पहले यह तालाब बदहाल स्थिति में था. अब इस तालाब को नई तकनीकों से पुनःनिर्माण किया गया.

तैरता हुआ पार्क.

इस तालाब के अंदर पानी के थर्माकोल पर पेड़ पौधे लगाकर तैरता हुआ वह पार्क बनाया गया. हरे-भरे पौधे लगाए गए और इस तालाब के गंदे पानी को साफ करने का कार्य जारी है.

तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. जनरेटर मशीन के जरिए पानी के अंदर ऑक्सीजन छोड़ा गया है. जिससे पेड़ पौधे जो थर्माकोल के ऊपर लगाए गए हैं. वह जीवित रह सकें, तैरता हुआ पार्क बनाने के पीछे का मकसद यही है कि पानी को पूरी तरीके से साफ रखा जाए और अलग तरीके की खूबसूरत तालाब यहां पर तैयार की जा सके. इसकी सुंदरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां पहले सांप, बिच्छू और जहरीले जानवर दिखाई देते थे. वहां पर अब विदेशी पक्षी आने शुरू हो गए हैं.

फिलहाल आपको बता दें ज़मीन का घटता वाटर लेवल बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा पुराने तालाबों को विकसित किया जा रहा है और वाटर रिसोर्सेज बॉडी तैयार की जा रही है. लेकिन इन पुराने तालाबों को इट सीमेंट की दीवार से सुरक्षित करने की जगह अब नई तकनीकों द्वारा इन तालाबों को वितरित किया जा रहा है. जिसे भविष्य में दिल्लीवासियों को पानी की किल्लत से ना झूझना पड़े .

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