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रामगंगा नदी को प्रदूषित करने पर अमरोहा के एक उद्योग पर करोड़ों का जुर्माना

अमरोहा की रामगंगा नदी को प्रदूषित करने और भूजल का अवैध तरीके से दोहन करने के मामले में एनजीटी ने सीएल गुप्ता एक्सपोर्ट लिमिटेड नामक कंपनी से 2.49 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया है.

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एनजीटी ने लगाया जुर्माना
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Published : Dec 6, 2019, 10:43 PM IST

नई दिल्ली: एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सीएल गुप्ता एक्सपोर्ट लिमिटेड नामक कंपनी से 2.49 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया है.

एनजीटी ने लगाया जुर्माना

बता दें अमरोहा के रामगंगा नदी को प्रदूषित करने और भूजल का अवैध तरीके से दोहन करने के मामले में यह आदेश दिया गया है.
एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पाया कि संबंधित उद्योग के एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट मानदंडों पर खरे नहीं उतरे.

NGT ने रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश
एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय भूजल अथॉरिटी और अमरोहा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वे उसके आदेशों की अनुपालन रिपोर्ट 31 जनवरी 2020 तक दाखिल करें. एनजीटी ने कहा कि संबंधित उद्योग से उच्च अम्लीय कचरा निस्तारित किया जा रहा था तो भूजल को भी प्रदूषित कर रहा था.

NGT ने लगाई फटकार
एनजीटी ने केंद्रीय भूजल अथॉरिटी को इस बात के लिए फटकार लगाई कि उसने इस बात का पत्र दिया कि उद्योग मानदंडों के मुताबिक चल रहा है.

एनजीटी ने कहा कि हमें ये नहीं समझ में आ रहा है कि जब व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए इलाके में भूजल के दोहन की अनुमति नहीं है तब केंद्रीय भूजल अथॉरिटी ने यह पत्र कैसे जारी किया.

एनजीटी ने कहा कि औद्योगिक ईकाई के पास भूजल निकालने के लिए भूजल बोर्ड की अनुमति भी नहीं ली गई थी.

याचिका आदिल अंसारी ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि सीएल गुप्ता एक्सपोर्ट्स लिमिटेड से रामगंगा नदी में खतरनाक औद्योगिक कचरा बहाया जाता है. रामगंगा नदी गंगा की सहायक नदी है. इसके अलावा ये उद्योग भूजल का अवैध दोहन कर रहा है.

नई दिल्ली: एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सीएल गुप्ता एक्सपोर्ट लिमिटेड नामक कंपनी से 2.49 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया है.

एनजीटी ने लगाया जुर्माना

बता दें अमरोहा के रामगंगा नदी को प्रदूषित करने और भूजल का अवैध तरीके से दोहन करने के मामले में यह आदेश दिया गया है.
एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पाया कि संबंधित उद्योग के एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट मानदंडों पर खरे नहीं उतरे.

NGT ने रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश
एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय भूजल अथॉरिटी और अमरोहा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वे उसके आदेशों की अनुपालन रिपोर्ट 31 जनवरी 2020 तक दाखिल करें. एनजीटी ने कहा कि संबंधित उद्योग से उच्च अम्लीय कचरा निस्तारित किया जा रहा था तो भूजल को भी प्रदूषित कर रहा था.

NGT ने लगाई फटकार
एनजीटी ने केंद्रीय भूजल अथॉरिटी को इस बात के लिए फटकार लगाई कि उसने इस बात का पत्र दिया कि उद्योग मानदंडों के मुताबिक चल रहा है.

एनजीटी ने कहा कि हमें ये नहीं समझ में आ रहा है कि जब व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए इलाके में भूजल के दोहन की अनुमति नहीं है तब केंद्रीय भूजल अथॉरिटी ने यह पत्र कैसे जारी किया.

एनजीटी ने कहा कि औद्योगिक ईकाई के पास भूजल निकालने के लिए भूजल बोर्ड की अनुमति भी नहीं ली गई थी.

याचिका आदिल अंसारी ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि सीएल गुप्ता एक्सपोर्ट्स लिमिटेड से रामगंगा नदी में खतरनाक औद्योगिक कचरा बहाया जाता है. रामगंगा नदी गंगा की सहायक नदी है. इसके अलावा ये उद्योग भूजल का अवैध दोहन कर रहा है.

Intro:नई दिल्ली । नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अमरोहा के रामगंगा नदी को प्रदूषित करने और भूजल का अवैध तरीके से दोहन करने के मामले में सीएल गुप्ता एक्सपोर्ट लिमिटेड नामक कंपनी से 2.49 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पाया कि संबंधित उद्योग के एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट मानदंडों पर खरे नहीं उतरे।



Body:एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय भूजल अथॉरिटी और अमरोहा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वे उसके आदेशों की अनुपालन रिपोर्ट 31 जनवरी 2020 तक दाखिल करें। एनजीटी ने कहा कि संबंधित उद्योग से उच्च अम्लीय कचरा निस्तारित किया जा रहा था तो भूजल को भी प्रदूषित कर रहा था।
एनजीटी ने केंद्रीय भूजल अथॉरिटी को इस बात के लिए फटकार लगाई कि उसने इस बात का पत्र दिया कि उद्योग मानदंडों के मुताबिक चल रहा है। एनजीटी ने कहा कि हमें ये नहीं समझ में आ रहा है कि जब व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए इलाके में भूजल के दोहन की अनुमति नहीं है तब केंद्रीय भूजल अथॉरिटी ने यह पत्र कैसे जारी किया। एनजीटी ने कहा कि औद्योगिक ईकाई के पास भूजल निकालने के लिए भूजल बोर्ड की अनुमति भी नहीं ली गई थी।



Conclusion:याचिका आदिल अंसारी ने दायर किया था। याचिका में कहा गया था कि सीएल गुप्ता एक्सपोर्ट्स लिमिटेड से रामगंगा नदी में खतरनाक औद्योगिक कचरा बहाया जाता है। रामगंगा नदी गंगा की सहायक नदी है। इसके अलावा ये उद्योग भूजल का अवैध दोहन कर रहा है। 
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