नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में बढ़ती गर्मी ने बिजली की खपत भी बढ़ा दी है. गर्मी से राहत पाने के लिए लोग एसी और कूलर जमकर चला रहे हैं. इस कारण दिल्ली में बिजली की मांग बढ़ी है. ऐसा पहली बार हुआ है जब अप्रैल महीने में सबसे अधिक 6000 मेगावाट बिजली की मांग दर्ज की गई है. दिल्ली में इस वर्ष जितनी बिजली की मांग अप्रैल महीने में बढ़ी है उतनी मांग पहले कभी रिकॉर्ड नहीं की गई थी. बुधवार को दिल्ली में 5786 मेगा वाट बिजली खपत हुई थी.
गुरुवार को दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली में पीक टाइम में 2549 मेगावाट बिजली की मांग रही. वही पूर्वी और सेंट्रल दिल्ली में बिजली की मांग 1375 मेगावाट रही. बीआरपीएल क्षेत्र में दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली में 2021 और 2020 में इसी समय के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 3118 मेगावाट और 2815 मेगावाट रिकॉर्ड की गई थी. इस साल की गर्मी को देखते हुए बिजली की अधिकतम मांग 3500 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. पूर्वी और सेंट्रल दिल्ली के बीवाईपीएल सेक्टर में 2020 और 21 में बिजली की मांग 1439 मेगावाट और 1656 मेगावाट रिकॉर्ड की गई थी. इस वर्ष यह मांग 1800 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है.
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साल 2022 में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए बिजली की मांग 8200 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है. इसको लेकर बीएसईएस ने भी पूरी तैयारी की है. बीएपीएस एवं डिस्कॉम ने बिजली आपूर्ति नेटवर्क को मजबूत किया है. बीएसईएस ने बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए 700 ट्रांसफार्मर लगाए हैं, जिनमें 107 सब स्टेशन भी शामिल हैं. 2021-22 वित्तीय वर्ष में बीएसईएस ने 825 किलोमीटर केवल का नेटवर्क भी तैयार किया है.