नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम की हाउस मीटिंग मंगलवार को हंगामे के कारण स्थगित कर दी गई. हाउस की बैठक शुरू होते ही नेता सदन निर्मल जैन ने डेंगू से जुड़े मामले को उठाया. इस पर विपक्ष के नेता रोहित मेहरोलिया समेत विपक्ष के तमाम पार्षद वेल में आकर नारेबाजी करने लगे.
सरकार और EDMC में लगी श्रेय लेने की होड़
वेल में प्रदर्शन कर रहे विपक्षी पार्षदों का आरोप लगाया कि डेंगू के मामलों में कमी दिल्ली सरकार के जन जागरण अभियान के कारण आई है. जबकि इसका सारा श्रेय भाजपा पार्षद ले रहे हैं.
वहीं भाजपा पार्षदों का कहना था कि नगर निगम के अथक प्रयास के वजह से ही इस साल EDMC में डेंगू के सिर्फ 7 मामले सामने आए हैं. लेकिन विपक्ष इसका सारा श्रेय दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को दे रहा है.
केजरीवाल सिर्फ बड़े-बड़े होर्डिंग और बैनर के जरिए से डेंगू की रोकथाम कर रहे हैं. जबकि नगर निगम लगातार फागिंग और लोगों को जागरुक करके डेंगू का खात्मा कर रहा है.
'डीबीसी कर्मचारियों के हित'
इस संबंध में नेता विपक्ष रोहित मेहरोलिया ने बताया कि भाजपा के नगर पार्षद बस श्रेय लेना जानते हैं. आज पूरी दिल्ली में डेंगू के मामलों में 80 फीसदी तक की कमी आई है और इसका श्रेय दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को जाता है.
उनके जन जागरण अभियान के कारण दिल्ली में डेंगू के मामले कम हुए हैं. अगर भाजपा पार्षदों को डीबीसी कर्मचारियों की इतनी चिंता रहती तो उन्हें स्थाई करने का प्रयास क्यों नहीं करते.
कई ऐसे कर्मचारी हैं जो पिछले 22 सालों से अस्थाई कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं. लेकिन नगर निगम की मेयर और अधिकारी बस श्रेय लेना जानते हैं. उन्हें कर्मचारियों के हित का कोई ध्यान नहीं है.
'बड़े होर्डिंग्स और विज्ञापन देने से डेंगू कम नहीं होता'
विपक्षी दलों के वेल में जाकर प्रदर्शन करने के सवाल पर EDMC की मेयर अंजू कमलकांत ने बताया कि विपक्षी पार्षद बस विरोध की राजनीति करना जानते हैं. बड़े-बड़े होर्डिंग और अखबारों में विज्ञापन देने से डेंगू कम नहीं होता.
बल्कि इसके पीछे डीबीसी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की मेहनत छुपी हुई है. उन्होंने कहा कि आज विपक्षी पार्षदों द्वारा वेल में हंगामा किया गया है और माइक को भी बंद करने का प्रयास किया गया है जो पूरी तरह से असंवैधानिक है.