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द्वारकाः हत्या के मुख्य आराेपी काे पुलिस ने किया गिरफ्तार

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Published : Jun 16, 2022, 3:15 PM IST

21 मई को पीसीआर कॉल से बिंदापुर थाने को एक व्यक्ति ने फाेन कर उसके बेटे को किसी नेपाली और उसके सहयोगियों द्वारा पिटाई करने की सूचना मिली. मौके पर पहुंची पुलिस काे घायल युवक को हॉस्पिटल ले जाये जाने का पता चला. पूछताछ के दौरान घायल की पहचान विकास के रूप में हुई. उस वक्त वह बयान देने की स्थिति में नहीं था. एमएलसी के आधार पर पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई. इधर, इलाज के दौरान विकास की मौत हो गयी.

गिरफ्तार
गिरफ्तार

नई दिल्लीः द्वारका जिले की एएटीएस पुलिस ने हत्या मामले में फरार चल रहे एक खतरनाक बदमाश को गिरफ्तार किया है. इसकी पहचान पिपलेश्वर उर्फ विपुल के रूप में हुई है. यह द्वारका के पप्पन कलां का रहने वाला है. डीसीपी एम हर्षवर्धन के अनुसार इस पर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे चार मामले दर्ज है. इसके खिलाफ कोर्ट ने गैरजमानतीय वारंट भी जारी किया था. इसकी गिरफ्तारी से पुलिस ने दाे मामलों का खुलासा किया है.

डीसीपी ने बताया कि 21 मई को पीसीआर कॉल से बिंदापुर थाने को एक व्यक्ति ने फाेन कर उसके बेटे को किसी नेपाली और उसके सहयोगियों द्वारा पिटाई करने की सूचना मिली. मौके पर पहुंची पुलिस काे घायल युवक को हॉस्पिटल ले जाये जाने का पता चला. पूछताछ के दौरान घायल की पहचान विकास के रूप में हुई. उस वक्त वह बयान देने की स्थिति में नहीं था. एमएलसी के आधार पर पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई. इधर, इलाज के दौरान विकास की मौत हो गयी. जांच के दौरान लोकल पुलिस ने दाे आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि मुख्य आरोपी पिपलेश्वर उर्फ़ विपुल फरार चल रहा था.

हत्या के मुख्य आराेपी काे पुलिस ने किया गिरफ्तार

इसी बीच पुलिस को बिंदापुर थाना इलाके में ही साल 2019 में हत्या के एक मामले में उसके खिलाफ कोर्ट द्वारा नॉन बेलेबल वारंट जारी किए जाने का पता चला. फरार चल रहे आरोपियों की पकड़ के लिए एसीपी ऑपरेशन विजय सिंह की देखरेख में एएटीएस के इंस्पेक्टर कमलेश कुमार के नेतृत्व में एएसआई सुरेंद्र, सतेंदर, देवेंद्र, हेड कॉन्स्टेबल मनोज और कॉन्स्टेबल विनीत की टीम का गठन किया गया. 14 जून को पुलिस को विकास मर्डर केस के मुख्य आरोपी के इलाके में होने की सूचना मिली. जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इन्फॉर्मर के साथ द्वारका मोड़ पर ट्रैप लगाया. इन्फॉर्मर की निशानदेही पर आरोपी को दबोच लिया गया.

इसे भी पढ़ेंः जीटीबी एंक्लेव में टेंट कारोबारी की गोली मारकर हत्या

पूछताछ में उसने बताया कि आपसी रंजिश में उसने विकास की हत्या की साजिश रची थी. उसने बताया कि बेल पर जेल से बाहर आने के बाद 21 मई को उसने अपने साथियों अजित, सौरभ और अन्य के साथ मिल कर उस पर हमला कर दिया और फिर चाकू से उस पर वार कर फरार हो गया था.

नई दिल्लीः द्वारका जिले की एएटीएस पुलिस ने हत्या मामले में फरार चल रहे एक खतरनाक बदमाश को गिरफ्तार किया है. इसकी पहचान पिपलेश्वर उर्फ विपुल के रूप में हुई है. यह द्वारका के पप्पन कलां का रहने वाला है. डीसीपी एम हर्षवर्धन के अनुसार इस पर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे चार मामले दर्ज है. इसके खिलाफ कोर्ट ने गैरजमानतीय वारंट भी जारी किया था. इसकी गिरफ्तारी से पुलिस ने दाे मामलों का खुलासा किया है.

डीसीपी ने बताया कि 21 मई को पीसीआर कॉल से बिंदापुर थाने को एक व्यक्ति ने फाेन कर उसके बेटे को किसी नेपाली और उसके सहयोगियों द्वारा पिटाई करने की सूचना मिली. मौके पर पहुंची पुलिस काे घायल युवक को हॉस्पिटल ले जाये जाने का पता चला. पूछताछ के दौरान घायल की पहचान विकास के रूप में हुई. उस वक्त वह बयान देने की स्थिति में नहीं था. एमएलसी के आधार पर पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई. इधर, इलाज के दौरान विकास की मौत हो गयी. जांच के दौरान लोकल पुलिस ने दाे आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि मुख्य आरोपी पिपलेश्वर उर्फ़ विपुल फरार चल रहा था.

हत्या के मुख्य आराेपी काे पुलिस ने किया गिरफ्तार

इसी बीच पुलिस को बिंदापुर थाना इलाके में ही साल 2019 में हत्या के एक मामले में उसके खिलाफ कोर्ट द्वारा नॉन बेलेबल वारंट जारी किए जाने का पता चला. फरार चल रहे आरोपियों की पकड़ के लिए एसीपी ऑपरेशन विजय सिंह की देखरेख में एएटीएस के इंस्पेक्टर कमलेश कुमार के नेतृत्व में एएसआई सुरेंद्र, सतेंदर, देवेंद्र, हेड कॉन्स्टेबल मनोज और कॉन्स्टेबल विनीत की टीम का गठन किया गया. 14 जून को पुलिस को विकास मर्डर केस के मुख्य आरोपी के इलाके में होने की सूचना मिली. जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इन्फॉर्मर के साथ द्वारका मोड़ पर ट्रैप लगाया. इन्फॉर्मर की निशानदेही पर आरोपी को दबोच लिया गया.

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पूछताछ में उसने बताया कि आपसी रंजिश में उसने विकास की हत्या की साजिश रची थी. उसने बताया कि बेल पर जेल से बाहर आने के बाद 21 मई को उसने अपने साथियों अजित, सौरभ और अन्य के साथ मिल कर उस पर हमला कर दिया और फिर चाकू से उस पर वार कर फरार हो गया था.

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