नई दिल्ली : भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता (BJP MLA Vijender Gupta) लगातार 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद मामले में दिल्ली सरकार (Delhi Government) पर भ्रष्टाचार का आरोप (Allegation of Corruption) लगा रहे हैं. विजेंद्र गुप्ता ने इस मामले में एसीबी में भी पहले शिकायत की थी और फिर उपराज्यपाल अनिल बैजल (Delhi Lieutenant Governor Anil Baijal) से जांच की मांग की थी. बता दें कि इस मामले के तूल पकड़ने के बाद दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने बस खरीद (DTC Bus Purchase) की इस प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है.
तीन सदस्यीय कमेटी गठित
इधर, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अब इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. उपराज्यपाल की तरफ से इस मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में भारत सरकार के पूर्व सचिव और अर्बन ट्रांसपोर्ट डिवीजन के पूर्व प्रमुख ओपी अग्रवाल, दिल्ली सरकार के विजिलेंस विभाग के प्रधान सचिव और ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रधान सचिव सह कमिश्नर शामिल हैं.
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कमेटी करेगी टेंडर प्रक्रिया की जांच
ये कमेटी इस मामले में मिली शिकायत की जांच करेगी. साथ ही टेंडर की प्रक्रिया की भी जांच की जाएगी. कमेटी यह भी देखेगी कि पूरी प्रक्रिया का पालन GFR के तहत हुआ है या नहीं. प्रथम दृष्टया विभागीय अधिकारियों के स्तर पर क्या कोई क्रिमिनल मिस कंडक्ट हुआ है या क्या इस प्रक्रिया में एक दूसरे को फायदा पहुंचाने की कोई कोशिश हुई है, इसकी भी जांच की जाएगी.
यह है विजेंद्र गुप्ता का आरोप
इस कमेटी को अगले दो हफ्ते में रिपोर्ट सौंपनी है. गौरतलब है कि इस मामले में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता का आरोप है कि 890 करोड़ रुपये के 1000 लो-फ्लोर बसों के खरीद का वर्क ऑर्डर दो निजी कंपनियों को तीन साल की वारंटी पर दिया गया था. तीन साल की वारंटी के बावजूद, दिल्ली सरकार ने बसों के खरीदे जाने के पहले दिन से ही 350 करोड़ रुपये सालाना का आदेश इन बसों के रखरखाव के लिए दे दिया.