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कैंपस का 'कप्तान': उम्मीदवारों के दस्तावेजों की होगी फॉरेंसिक जांच

पिछले साल हुए DU चुनाव में फर्जी डिग्री पाए जाने के बाद डूसू चुनाव आयोग इस बार सभी उम्मीदवारों के दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराएगा.

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Published : Sep 1, 2019, 12:45 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनावों के लिए बिगुल बज चुका है. डूसू चुनाव आयोग इस बार एहतियात बरतते हुए सभी उम्मीदवारों के दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराएगा.

मुख्य चुनाव अधिकारी अशोक प्रसाद ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत

बता दें कि पिछले साल हुए डूसू चुनाव में एबीवीपी नेता अंकित बैसोया अध्यक्ष पद पर चुनाव जीते थें, लेकिन फर्जी डिग्री पाये जाने के कारण उन्हें पद से हटा दिया गया था.

दस्तावेजों की होगी फॉरेंसिक जांच

मुख्य चुनाव अधिकारी अशोक प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि पिछले साल हुई कागजातों में गड़बड़ी से सबक लेते हुए, डूसू चुनाव आयोग इस बार सभी उम्मीदवारों के दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराएगा. उन्होंने ये भी कहा कि हमने सभी कॉलेजों को यह निर्देश दिया है कि यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर सभी छात्रों के दस्तावेजों की ठीक तरह से जांच की जाए

चुनाव अधिकारी ने ये बताया कि शांतिपूर्ण तरीके से डूसू चुनाव संपन्न कराने के लिए भी सभी कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं कि हर एक कॉलेज में डूसू इलेक्शन और कॉलेज का एक ही बूथ बनाया जाए. जिससे छात्र-छात्राएं आराम से जाकर अपना मतदान कर उस कमरे से बाहर आए.

बढ़ाने के लिए भी उठाए गए कदम

मुख्य चुनाव अधिकारी का कहना था कि हमने सभी कॉलेजों को निर्देश दिया है कि जब जिस भी कॉलेज के प्रत्याशी के नाम फाइनल हो जाए, उन प्रत्याशियों के नाम और बैलेट नंबर कॉलेज के बाहर बोर्ड पर लगा दिया जाए. जिससे कि हर एक छात्र को उनके बारे में जानकारी हो सके और छात्र बढ़ चढ़कर चुनाव में हिस्सा ले सकें.

फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय में चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है. इसबार सभी कॉलेजों में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन 12 सितंबर को होंगे.

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनावों के लिए बिगुल बज चुका है. डूसू चुनाव आयोग इस बार एहतियात बरतते हुए सभी उम्मीदवारों के दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराएगा.

मुख्य चुनाव अधिकारी अशोक प्रसाद ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत

बता दें कि पिछले साल हुए डूसू चुनाव में एबीवीपी नेता अंकित बैसोया अध्यक्ष पद पर चुनाव जीते थें, लेकिन फर्जी डिग्री पाये जाने के कारण उन्हें पद से हटा दिया गया था.

दस्तावेजों की होगी फॉरेंसिक जांच

मुख्य चुनाव अधिकारी अशोक प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि पिछले साल हुई कागजातों में गड़बड़ी से सबक लेते हुए, डूसू चुनाव आयोग इस बार सभी उम्मीदवारों के दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराएगा. उन्होंने ये भी कहा कि हमने सभी कॉलेजों को यह निर्देश दिया है कि यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर सभी छात्रों के दस्तावेजों की ठीक तरह से जांच की जाए

चुनाव अधिकारी ने ये बताया कि शांतिपूर्ण तरीके से डूसू चुनाव संपन्न कराने के लिए भी सभी कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं कि हर एक कॉलेज में डूसू इलेक्शन और कॉलेज का एक ही बूथ बनाया जाए. जिससे छात्र-छात्राएं आराम से जाकर अपना मतदान कर उस कमरे से बाहर आए.

बढ़ाने के लिए भी उठाए गए कदम

मुख्य चुनाव अधिकारी का कहना था कि हमने सभी कॉलेजों को निर्देश दिया है कि जब जिस भी कॉलेज के प्रत्याशी के नाम फाइनल हो जाए, उन प्रत्याशियों के नाम और बैलेट नंबर कॉलेज के बाहर बोर्ड पर लगा दिया जाए. जिससे कि हर एक छात्र को उनके बारे में जानकारी हो सके और छात्र बढ़ चढ़कर चुनाव में हिस्सा ले सकें.

फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय में चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है. इसबार सभी कॉलेजों में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन 12 सितंबर को होंगे.

Intro:पिछले साल हुए डूसू चुनाव में एबीवीपी नेता अंकिव बसोया की फर्जी डिग्री पाए जाने के बाद डूसू चुनाव आयोग इससे सबक लेते हुए इस बार सभी उम्मीदवारों के दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराएगा. मुख्य चुनाव अधिकारी अशोक प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि इस बार डूसू चुनाव में इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है कि सभी प्रत्याशियों के दस्तावेजों की ठीक तरीके से जांच की जाए उनका कहना था कि हमने सभी कॉलेजों को यह निर्देश दिए हैं कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर सभी छात्रों के दस्तावेजों की जांच हो इसके अलावा फॉरेंसिक जांच भी की जाए.


Body:उम्मीदवारों के दस्तावेजों की होगी फॉरेंसिक जांच
मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि हमने कॉलेजों कोई निर्देश दिया है कि कोई भी उम्मीदवार चुनाव में खड़ा होता है किसी भी पद के लिए तो पहले कॉलेज उसके दस्तावेजों की अच्छे से जांच करें जिस भी बोर्ड से वह पढ़ कर आया है और यदि संभव ना हो तो फिर उसके दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराई, जाए क्योंकि कोई भी छात्र पहले दिल्ली विश्वविद्यालय का छात्र होता है उसके बाद ही डूसू में खड़ा हो पाता है.

शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हो दिए गए निर्देश
अधिकारी ने बताया कि शांतिपूर्ण तरीके से डूसू चुनाव संपन्न कराने के लिए भी सभी कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं कि हर एक कॉलेज में डूसू इलेक्शन और कॉलेज का एक ही बूथ बनाया जाए जिससे कि बच्चे एक बार आराम से जाकर अपना मतदान कर उस कमरे से बाहर आए.

मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए भी उठाए गए कदम
इसके अलावा चुनाव में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी का कहना था कि हमने सभी कॉलेजों को निर्देश दिया है कि जब जिस भी कॉलेज के प्रत्याशी के नाम फाइनल हो जाते हैं उसके बाद उन प्रत्याशियों के नाम और बैलेट नंबर कॉलेज के बाहर बोर्ड पर चस्पा कर दिया जाए जिससे कि हर एक छात्र को उनके बारे में जानकारी हो सके और छात्र बढ़ चढ़कर चुनाव में हिस्सा ले सकें.


Conclusion:12 सितंबर को होगा सभी कॉलेजों में मतदान
फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है सभी कॉलेजों में 12 सितंबर को दूसरों के 4 पदों पर अपना नेता चुनने के लिए वोट डाले जाएंगे
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