नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते मामलों से दिल्ली का लगभग हर श्मशान घाट शवों के ढेर से पटा पड़ा है. तीनों दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले घाटों पर एक साथ कई चिताओं को जलाया जा रहा है. हैरानी की बात यह है कि दिल्ली सरकार द्वारा दिए जा रहे कोरोना संक्रमण से हुए मौत के आंकड़े और निगम के आंकड़ों में बड़ा फर्क है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या दिल्ली सरकरा कोरोना संक्रमण से हुई मौतों के आंकड़े छिपा रही है.
आंकड़ों में है फर्क
दिल्ली के तीनों निगम के अंतर्गत आने वाले सभी श्मशान और कब्रिस्तान की बात करें, तो 12 अप्रैल को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सभी श्मशान और कब्रिस्तान में कुल 40 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, वहीं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में कुल 43 कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया. यानि कुल 83 मृतकों के अंतिम संस्कार हुए. जबकि, इनमें अभी पूर्वी दिल्ली नगर निगम के आंकड़े शामिल नहीं हैं. वहीं, दिल्ली सरकार के आंकड़ों की मानें, तो इस दिन राजधानी में कोरोना संक्रमण से कुल 72 मौत हुई थी.
1 अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल के बीच कुल 563 कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार उत्तरी दिल्ली नगर निगम, पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के श्मशान घाट और कब्रिस्तान पर किया गया. वहीं, दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 409 लोगों ने ही 1 अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल के बीच कोरोना से जान गंवाई है. कुल मिलाकार दोनों के आंकड़ों के बीच 148 का अंतर है. ये सभी आंकड़े, कहीं ना कहीं साफ इशारा करते हैं कि आंकड़ों में फेरबदल किया जा रहा है.
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आंकड़ों में आ रहा फर्क
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जयप्रकाश ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली सरकार और दिल्ली के नगर निगम के मौत से जुड़े आंकड़ों में फर्क दिख रहा है. जितने आंकड़े दिल्ली सरकार जारी कर रही है. उससे ज्यादा लोगों का अंतिम संस्कार दिल्ली के तीनों नगर निगमों के श्मशान और कब्रिस्तान में किया जा रहा है. यह समय मिलकर कोरोना को हराने का है. निगम दिल्ली सरकार का सहयोग करने के लिए तैयार है. श्मशान घाट पर पर किसी को दिक्कत ना हो, इसके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.
एसडीएमसी के कुल आंकड़ों में 6 का अंतर
एसडीएमसी की बात करें, तो संक्रमण से हुई कुल मौत की संख्या में 6 का अंतर दिख रहा है. साउथ एमसीडी ने 1 से लेकर 12 अप्रैल तक के आंकड़े जारी किये हैं. वहीं, 13 अप्रैल को कोई संख्या नहीं दिखाई गई है. इन 12 दिनों में हुई मौतों की संख्या को जोड़ा जाए, तो यह संख्या 206 है. जबकि, साउथ एमसीडी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, यह संख्या 200 है.