नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) से पूछा है कि वो पतंगों को उड़ाने में इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी और सिंथेटिक मांझे की बिक्री को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने कल यानि 5 अगस्त को दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट तलब किया है.
याचिका वकील संसार पाल सिंह ने दायर किया है. याचिका में चीनी मांझे (Chinese Manjha) पर पूर्ण रुप से रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका में मांग की गई है कि चीनी मांझे वाले पतंगों को बनाने, उनकी बिक्री और परिवहन पर रोक लगाई जाए. याचिका में कहा गया है कि चीनी मांझों के पतंगों की वजह से पक्षी लगातार घायल होते रहते हैं.
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस एक्ट (Delhi Police Act) की धारा-94 में उन पतंगों को उड़ाने पर पाबंदी लगाई गई है, जिससे मनुष्यों और पशु-पक्षियों को नुकसान पहुंचे. याचिका में कहा गया है कि हर बार दिल्ली में पतंगबाजी प्रतियोगिता होती है, जिसमें एक पतंगबाज दूसरे पतंगबाज के पतंग को गिराना चाहता है. इस प्रतियोगिता में जीतने के लिए हर प्रतियोगी शीशा या धातु लगे मांझा या चीनी मांझे का इस्तेमाल करना चाहता है.
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ये मांझे किसी के लिए भी घातक साबित होते हैं. याचिका में 25 जुलाई को हैदरपुर फ्लाईओवर पर एक तीस वर्षीय युवकी की चीनी मांझे की वजह से हुई मौत का जिक्र किया गया है. बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) ने 2016 में देश भर में मांझे पर बैन लगा दिया था. इन मांझों में चीनी मांझे भी शामिल हैं. NGT का ये रोक नायलॉन मांझा और शीशे के परत वाले मांझे पर भी लगाई गई है.