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दिल्ली हाईकोर्ट: मारपीट मामले में 3 दोषियों की सजा निलंबित

दिल्ली हाईकोर्ट ने मारपीट के दोषी तीन लोगों की सजा की अवधि को निलंबित कर दिया है. जस्टिस विभू बाखरु की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया.तब तक ट्रायल कोर्ट से मिली सजा निलंबित रहेगी. उसके बाद कोर्ट ने तीनों को दस-दस हजार रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया.

Delhi High Court has suspended the sentence of three convicts in the case of assault
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Apr 9, 2020, 4:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मारपीट के दोषी तीन लोगों की सजा की अवधि को निलंबित कर दिया है. जस्टिस विभू बाखरु की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया. तीनों दोषियों ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है. तीनों की जमानत याचिकाएं भी हाईकोर्ट में लंबित हैं.


एक-एक साल की सजा सुनाई गई थी
ट्रायल कोर्ट ने जिन लोगों को मारपीट और हमला करने का दोषी पाया था. उनमें लाखन ऊर्फ प्रभूराज, सन्नी ऊर्फ सूरज राही और राज राही ऊर्फ महकेश राज ऊर्फ राजकुमार शामिल हैं.

तीनों को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने एक साल की कैद की सजा सुनाई थी. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के फैसले के खिलाफ तीनों ने सेशंस कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमे सेशंस कोर्ट ने सजा की अवधि को कम कर दी थी.

पीड़ितों के साथ समझोता हो गया था
सेशंस कोर्ट के फैसले को तीनों दोषियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान तीनों ने कहा कि इस मामले के पीड़ित भी तीनों से संबंध रखते हैं. तीनों ने पीड़ितों से विवाद सुलझा लिया है. पीड़ितों ने यह हलफनामा भी दायर किया है कि अगर इस मामले में तीनों सजा माफ की जाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी.


सजा निलंबित कर रिहा करने का आदेश
हाईकोर्ट ने इस मामले के पीड़ितों को नोटिस जारी किया था. लेकिन वे हाईकोर्ट में पेश नहीं हुए. कोर्ट ने पाया कि अपराध समझौता होने योग्य है, इसलिए सजा को अंतरिम तौर पर निलंबित किया जा सकता है.

कोर्ट ने कहा कि तीनों की नियमित जमानत याचिका लंबित है और जब तक उनका निपटारा नहीं हो जाता है, तब तक ट्रायल कोर्ट से मिली सजा निलंबित रहेगी. उसके बाद कोर्ट ने तीनों को दस-दस हजार रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मारपीट के दोषी तीन लोगों की सजा की अवधि को निलंबित कर दिया है. जस्टिस विभू बाखरु की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया. तीनों दोषियों ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है. तीनों की जमानत याचिकाएं भी हाईकोर्ट में लंबित हैं.


एक-एक साल की सजा सुनाई गई थी
ट्रायल कोर्ट ने जिन लोगों को मारपीट और हमला करने का दोषी पाया था. उनमें लाखन ऊर्फ प्रभूराज, सन्नी ऊर्फ सूरज राही और राज राही ऊर्फ महकेश राज ऊर्फ राजकुमार शामिल हैं.

तीनों को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने एक साल की कैद की सजा सुनाई थी. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के फैसले के खिलाफ तीनों ने सेशंस कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमे सेशंस कोर्ट ने सजा की अवधि को कम कर दी थी.

पीड़ितों के साथ समझोता हो गया था
सेशंस कोर्ट के फैसले को तीनों दोषियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान तीनों ने कहा कि इस मामले के पीड़ित भी तीनों से संबंध रखते हैं. तीनों ने पीड़ितों से विवाद सुलझा लिया है. पीड़ितों ने यह हलफनामा भी दायर किया है कि अगर इस मामले में तीनों सजा माफ की जाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी.


सजा निलंबित कर रिहा करने का आदेश
हाईकोर्ट ने इस मामले के पीड़ितों को नोटिस जारी किया था. लेकिन वे हाईकोर्ट में पेश नहीं हुए. कोर्ट ने पाया कि अपराध समझौता होने योग्य है, इसलिए सजा को अंतरिम तौर पर निलंबित किया जा सकता है.

कोर्ट ने कहा कि तीनों की नियमित जमानत याचिका लंबित है और जब तक उनका निपटारा नहीं हो जाता है, तब तक ट्रायल कोर्ट से मिली सजा निलंबित रहेगी. उसके बाद कोर्ट ने तीनों को दस-दस हजार रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया.

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