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बुली बाई ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज - alleged creator Bulli Bai app

दिल्ली कोर्ट ने बुली बाई ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

Delhi Court rejects bail plea of Bulli Bai app creator Niraj Bishnoi
Delhi Court rejects bail plea of Bulli Bai app creator Niraj Bishnoi
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Published : Jan 30, 2022, 3:25 PM IST

Updated : Jan 30, 2022, 3:35 PM IST

नई दिल्ली: एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राना ने कहा कि जिस तरह का अपराध आरोपित ने किया है, उससे वो जमानत पाने का अधिकारी नहीं है. आरोपित ने एक समुदाय विशेष की 100 से अधिक महिला पत्रकारों को पब्लिक प्लेटफार्म पर बेइज्जत करने का काम किया है.

ये किसी भी तरह से उचित नहीं है. इसके अपराध और काम को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती है. इससे सांप्रदायिक सौहार्द खराब होता है.

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने बिश्नोई को असम से गिरफ्तार किया था. नीरज वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल में बी. टेक (कंप्यूटर साइंस) का द्वितीय वर्ष का छात्र है. पुलिस के अनुसार, बिश्नोई ने अक्टूबर में उन महिलाओं की एक सूची बनाई थी, जिन्हें वह अपने डिजिटल उपकरणों, एक लैपटॉप और सेल फोन पर ऑनलाइन बदनाम करना चाहता था. वह पूरे सोशल मीडिया पर महिला एक्टिविस्ट को ट्रेस कर रहा था और उनकी तस्वीरें डाउनलोड कर रहा था.

क्या है बुली बाई ऐप

इस ऐप को गिटहब नाम के प्लेटफार्म पर बनाया गया है. ऐप पर एक समुदाय विशेष की महिलाओं की बोली लगाई जा रही थी. इस दौरान महिलाओं का चेहरा दिखाई देता है, जिसे बुली बाई नाम दिया है. इसमें इंटरनेट मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाले महिलाओं को टारगेट किया जाता है. समुदाय विशेष की इन महिलाओं की फोटो को प्राइसटैग के साथ बुली बाई ऐप में लोग एक-दूसरे को साझा करते थे. केंद्र सरकार के कहने पर इस ऐप को हटा दिया गया है.

नई दिल्ली: एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राना ने कहा कि जिस तरह का अपराध आरोपित ने किया है, उससे वो जमानत पाने का अधिकारी नहीं है. आरोपित ने एक समुदाय विशेष की 100 से अधिक महिला पत्रकारों को पब्लिक प्लेटफार्म पर बेइज्जत करने का काम किया है.

ये किसी भी तरह से उचित नहीं है. इसके अपराध और काम को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती है. इससे सांप्रदायिक सौहार्द खराब होता है.

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने बिश्नोई को असम से गिरफ्तार किया था. नीरज वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल में बी. टेक (कंप्यूटर साइंस) का द्वितीय वर्ष का छात्र है. पुलिस के अनुसार, बिश्नोई ने अक्टूबर में उन महिलाओं की एक सूची बनाई थी, जिन्हें वह अपने डिजिटल उपकरणों, एक लैपटॉप और सेल फोन पर ऑनलाइन बदनाम करना चाहता था. वह पूरे सोशल मीडिया पर महिला एक्टिविस्ट को ट्रेस कर रहा था और उनकी तस्वीरें डाउनलोड कर रहा था.

क्या है बुली बाई ऐप

इस ऐप को गिटहब नाम के प्लेटफार्म पर बनाया गया है. ऐप पर एक समुदाय विशेष की महिलाओं की बोली लगाई जा रही थी. इस दौरान महिलाओं का चेहरा दिखाई देता है, जिसे बुली बाई नाम दिया है. इसमें इंटरनेट मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाले महिलाओं को टारगेट किया जाता है. समुदाय विशेष की इन महिलाओं की फोटो को प्राइसटैग के साथ बुली बाई ऐप में लोग एक-दूसरे को साझा करते थे. केंद्र सरकार के कहने पर इस ऐप को हटा दिया गया है.

Last Updated : Jan 30, 2022, 3:35 PM IST
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