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मुख्य सचिव का आदेश, जरूरी विषयों पर उपराज्यपाल की अनुमति अनिवार्य

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Published : Aug 5, 2021, 9:07 AM IST

दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव व विभागीय सचिवों को आदेश जारी किया है कि जिन विषयों में उपराज्यपाल की अनुमति आवश्यक है, उन सभी फाइल पर विषय को चिन्हित कर LG की अनुमति के लिए अवश्य भेजें.

मुख्य सचिव का आदेश
मुख्य सचिव का आदेश

नई दिल्ली: संसद द्वारा उपराज्यपाल (LG) को अधिक अधिकार देने संबंधी जीएनसीटीडी एक्ट पास होने के बाद अब दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव व विभागीय सचिवों को आदेश जारी किया है कि जरूरी विषयों के संबंध में निर्णय लेने से पहले फाइल उपराज्यपाल को अनिवार्य रूप से सभी भेजें. उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद ही उसे फिर अमल में लाया जाए.


दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव ने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव व विभागीय सचिवों को आदेश जारी किया है कि जिन विषयों में उपराज्यपाल की अनुमति आवश्यक है, उन सभी फाइल पर विषय को चिन्हित कर LG की अनुमति के लिए अवश्य भेजें.

जरूरी विषयों पर उपराज्यपाल की अनुमति अनिवार्य
जरूरी विषयों पर उपराज्यपाल की अनुमति अनिवार्य
इस आदेश में कहा गया है कि दिल्ली सरकार अगर कोई बोर्ड, कमिटी या कमीशन बनाती है तो इसके लिए पहले अनुमति लेनी होगी. इसी प्रकार दिल्ली सरकार से संबंधित कोई नया नियम, रेगुलेशन, स्कीम या बायलॉज बनाना है तो उपराज्यपाल की पूर्व अनुमति लेनी जरूरी होगी.
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव
दिल्ली फाइनेंस कमीशन से संबंधित विषयों पर उपराज्यपाल की पूर्व अनुमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी. जेल से पैरोल देने से पूर्व उपराज्यपाल की अनुमति अनिवार्य है. साथ ही कैबिनेट द्वारा निर्णय लेने या मंत्री द्वारा निर्णय लेने के बाद इससे संबंधित आदेश जारी करने के पूर्व उपराज्यपाल की अनुमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी.

मुख्य सचिव ने जो आदेश जारी किया है इस संबंध में उपराज्यपाल कार्यालय ने तकरीबन महीने भर पहले ही मुख्य सचिव को ऐसा करने का निर्देश दिया था. बता दें कि संसद द्वारा उपराज्यपाल को अधिक अधिकार देने संबंधी जीएनसीटीडी एक्ट पास होने के बाद ही उपराज्यपाल ने इस संबंध में सचिवों को पत्र जारी किया था. अब मुख्य सचिव ने भी सचिवों को आगाह किया है कि उपराज्यपाल कार्यालय के निर्देश का सख्ती से पालन होना चाहिए. यानी जिन विषयों पर उपराज्यपाल का अधिकार क्षेत्र है उससे संबंधित फाइल पर विभाग के सचिव को विषय अंकित करना होगा. फिर चिन्हित विषय के साथ फाइल को उपराज्यपाल कार्यालय भेजना होगा. मुख्य सचिव के इस आदेश के बाद से अनुमति लेने की प्रक्रिया ज्यादा सख्ती से लागू हो सकेगी.

ये भी पढ़ें- कोरोना की तैयारियों पर LG-केजरीवाल आमने-सामने




बता दें कि बुधवार को जब दिल्ली के मुख्यमंत्री दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के परिजनों से मिलने के लिए दिल्ली कैंट गए हुए थे और अपने अन्य जरूरी कार्यों को निपटा रहे थे तो इधर उपराज्यपाल दिल्ली में कोरोना को लेकर और आने वाली तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर के अहम बैठक बुलाई थी. इस बैठक में मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए थे जिस पर देर शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नाराजगी भी जाहिर की.

नई दिल्ली: संसद द्वारा उपराज्यपाल (LG) को अधिक अधिकार देने संबंधी जीएनसीटीडी एक्ट पास होने के बाद अब दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव व विभागीय सचिवों को आदेश जारी किया है कि जरूरी विषयों के संबंध में निर्णय लेने से पहले फाइल उपराज्यपाल को अनिवार्य रूप से सभी भेजें. उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद ही उसे फिर अमल में लाया जाए.


दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव ने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव व विभागीय सचिवों को आदेश जारी किया है कि जिन विषयों में उपराज्यपाल की अनुमति आवश्यक है, उन सभी फाइल पर विषय को चिन्हित कर LG की अनुमति के लिए अवश्य भेजें.

जरूरी विषयों पर उपराज्यपाल की अनुमति अनिवार्य
जरूरी विषयों पर उपराज्यपाल की अनुमति अनिवार्य
इस आदेश में कहा गया है कि दिल्ली सरकार अगर कोई बोर्ड, कमिटी या कमीशन बनाती है तो इसके लिए पहले अनुमति लेनी होगी. इसी प्रकार दिल्ली सरकार से संबंधित कोई नया नियम, रेगुलेशन, स्कीम या बायलॉज बनाना है तो उपराज्यपाल की पूर्व अनुमति लेनी जरूरी होगी.
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव
दिल्ली फाइनेंस कमीशन से संबंधित विषयों पर उपराज्यपाल की पूर्व अनुमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी. जेल से पैरोल देने से पूर्व उपराज्यपाल की अनुमति अनिवार्य है. साथ ही कैबिनेट द्वारा निर्णय लेने या मंत्री द्वारा निर्णय लेने के बाद इससे संबंधित आदेश जारी करने के पूर्व उपराज्यपाल की अनुमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी.

मुख्य सचिव ने जो आदेश जारी किया है इस संबंध में उपराज्यपाल कार्यालय ने तकरीबन महीने भर पहले ही मुख्य सचिव को ऐसा करने का निर्देश दिया था. बता दें कि संसद द्वारा उपराज्यपाल को अधिक अधिकार देने संबंधी जीएनसीटीडी एक्ट पास होने के बाद ही उपराज्यपाल ने इस संबंध में सचिवों को पत्र जारी किया था. अब मुख्य सचिव ने भी सचिवों को आगाह किया है कि उपराज्यपाल कार्यालय के निर्देश का सख्ती से पालन होना चाहिए. यानी जिन विषयों पर उपराज्यपाल का अधिकार क्षेत्र है उससे संबंधित फाइल पर विभाग के सचिव को विषय अंकित करना होगा. फिर चिन्हित विषय के साथ फाइल को उपराज्यपाल कार्यालय भेजना होगा. मुख्य सचिव के इस आदेश के बाद से अनुमति लेने की प्रक्रिया ज्यादा सख्ती से लागू हो सकेगी.

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बता दें कि बुधवार को जब दिल्ली के मुख्यमंत्री दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के परिजनों से मिलने के लिए दिल्ली कैंट गए हुए थे और अपने अन्य जरूरी कार्यों को निपटा रहे थे तो इधर उपराज्यपाल दिल्ली में कोरोना को लेकर और आने वाली तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर के अहम बैठक बुलाई थी. इस बैठक में मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए थे जिस पर देर शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नाराजगी भी जाहिर की.

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