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महंगी बिजली के खिलाफ विजय गोयल ने DERC चेयरमैन से की मुलाकात

दिल्ली में बढ़ती बिजली की दरों को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने RWA के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ DERC के चेयरमैन से मुलाकात की.

विजय गोयल ने की DERC चेयरमैन से मुलाकात
विजय गोयल ने की DERC चेयरमैन से मुलाकात
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Published : Sep 8, 2021, 11:00 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 11:07 PM IST

नई दिल्लीः राजधानी में दिल्ली सरकार लोगों को मुक्त और सबसे सस्ती बिजली देने का दावा कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ को बढ़ती बिजली की दरों को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने यूनाइटेड रेजिडेंट ऑफ दिल्ली (URD) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DERC) के चेयरमैन जस्टिस शबीहुल हुसनैन 'शास्त्री' से मुलाकात की.


मुलाकात के बाद बीजेपी नेता विजय गोयल ने कहा कि पिछले कुछ सालों से बिना किसी वजह के फिक्स्ड चार्जेस को छह गुना बढ़ा दिया गया है, जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है और लाखों लाखों रुपये के बिल का बोझ उपभोक्ता झेल रहे हैं. फिर चार्जेस को मैक्सिमम डिमांड इंडिकेटर (एमडीआई) के हिसाब से चार्ज किया जाना चाहिए. जब लॉकडाउन के दौरान व्यवसायिक प्रतिष्ठान, दुकानें, फैक्ट्रियां इत्यादि बंद रहे, लेकिन तब भी फिक्सड चार्जेस के नाम पर बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं से वसूली की, उन्हें कोई राहत नहीं दी गई.

विजय गोयल ने की DERC चेयरमैन से मुलाकात

बीजेपी नेता विजय गोयल ने कहा कि बिजली कंपनियां फिक्सड चार्जेस के अलावा कई तरीके के शुल्क उपभोक्ताओं से वसूल रही हैं. इनमें पावर परचेज कास्ट एग्रीमेंट, पेंशन चार्ज, सर चार्ज आदि शामिल हैं, जिसके बारे में कंपनियां कोई भी हिसाब नहीं देती. गोयल ने बिजली कंपनियों पर आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार किया जा रहा है. एक तरफ तो झुग्गी-झोपड़ी, अनाधिकृत कॉलोनियों आदि जगहों पर बिजली के कनेक्शन दिए जाते हैं. दूसरी तरफ बिजली कंपनियों का कहना है कि 15 मीटर से ऊंची बिल्डिंग में बिजली का कनेक्शन नहीं दिया जाएगा.

दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग



ये भी पढ़ें-DTC Bus Purchase Case : घोटाले के आरोपों को लेकर सड़क पर BJP, CBI जांच की मांग

बीजेपी नेता विजय गोयल के साथ URD के महासचिव सौरभ गांधी ने कहा कि पावर परचेज एडजेस्टमेंट कास्ट को लगाने का फार्मूला गलत ढंग से बनाया गया है, जिसे सिर्फ फ्यूल की कीमतों के उतार-चढ़ाव के अनुसार बिजली की खपत पर ही लगाया जाना चाहिए, बाकी किसी अन्य मद में वसूला नहीं जाना चाहिए. दिल्ली में पीक डिमांड लगभग साढ़े सात हजार मेगावाट है, तो फिक्सड चार्जेस मिलाकर साढ़े सात हज़ार मेगावाट होना चाहिए, पर बिजली कंपनियां दिल्ली के नागरिकों से 21,000 मेगावाट के चार्जेस ले रही है. इस राजीव कटारिया, सचिव बीबी तिवारी, बिजली विशेषज्ञ एके दत्ता, एचएम शर्मा आदि भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें-कोरोना से मारे गए 107 डॉक्टरों को मुआवजा दे दिल्ली सरकार- विजय गोयल

नई दिल्लीः राजधानी में दिल्ली सरकार लोगों को मुक्त और सबसे सस्ती बिजली देने का दावा कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ को बढ़ती बिजली की दरों को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने यूनाइटेड रेजिडेंट ऑफ दिल्ली (URD) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DERC) के चेयरमैन जस्टिस शबीहुल हुसनैन 'शास्त्री' से मुलाकात की.


मुलाकात के बाद बीजेपी नेता विजय गोयल ने कहा कि पिछले कुछ सालों से बिना किसी वजह के फिक्स्ड चार्जेस को छह गुना बढ़ा दिया गया है, जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है और लाखों लाखों रुपये के बिल का बोझ उपभोक्ता झेल रहे हैं. फिर चार्जेस को मैक्सिमम डिमांड इंडिकेटर (एमडीआई) के हिसाब से चार्ज किया जाना चाहिए. जब लॉकडाउन के दौरान व्यवसायिक प्रतिष्ठान, दुकानें, फैक्ट्रियां इत्यादि बंद रहे, लेकिन तब भी फिक्सड चार्जेस के नाम पर बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं से वसूली की, उन्हें कोई राहत नहीं दी गई.

विजय गोयल ने की DERC चेयरमैन से मुलाकात

बीजेपी नेता विजय गोयल ने कहा कि बिजली कंपनियां फिक्सड चार्जेस के अलावा कई तरीके के शुल्क उपभोक्ताओं से वसूल रही हैं. इनमें पावर परचेज कास्ट एग्रीमेंट, पेंशन चार्ज, सर चार्ज आदि शामिल हैं, जिसके बारे में कंपनियां कोई भी हिसाब नहीं देती. गोयल ने बिजली कंपनियों पर आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार किया जा रहा है. एक तरफ तो झुग्गी-झोपड़ी, अनाधिकृत कॉलोनियों आदि जगहों पर बिजली के कनेक्शन दिए जाते हैं. दूसरी तरफ बिजली कंपनियों का कहना है कि 15 मीटर से ऊंची बिल्डिंग में बिजली का कनेक्शन नहीं दिया जाएगा.

दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग



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बीजेपी नेता विजय गोयल के साथ URD के महासचिव सौरभ गांधी ने कहा कि पावर परचेज एडजेस्टमेंट कास्ट को लगाने का फार्मूला गलत ढंग से बनाया गया है, जिसे सिर्फ फ्यूल की कीमतों के उतार-चढ़ाव के अनुसार बिजली की खपत पर ही लगाया जाना चाहिए, बाकी किसी अन्य मद में वसूला नहीं जाना चाहिए. दिल्ली में पीक डिमांड लगभग साढ़े सात हजार मेगावाट है, तो फिक्सड चार्जेस मिलाकर साढ़े सात हज़ार मेगावाट होना चाहिए, पर बिजली कंपनियां दिल्ली के नागरिकों से 21,000 मेगावाट के चार्जेस ले रही है. इस राजीव कटारिया, सचिव बीबी तिवारी, बिजली विशेषज्ञ एके दत्ता, एचएम शर्मा आदि भी मौजूद रहे.

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Last Updated : Sep 8, 2021, 11:07 PM IST
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