नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की गोपनीय सूचनाएं साझा करने के मामले में गिरफ्तार चित्रा रामकृष्णा और सह-आरोपी आनंद सुब्रमण्यम की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद नौ मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया.
CBI ने 21 अप्रैल को चित्रा रामकृष्णा और आनंद सुब्रमण्यम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में सीबीआई ने कहा है कि चित्रा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए महत्वपूर्ण फैसले किए. स्टॉक एक्सचेंज नियामक संस्था सेबी ने 11 फरवरी को चित्रा रामकृष्णा और दूसरे आरोपियों के साथ आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया. चित्रा ने सेबी से पूछताछ में कहा था कि एक रहस्यमयी योगी ई-मेल के जरिये उन्हें फैसले लेने में मदद करते थे. सेबी के आरोपों के बाद CBI ने चित्रा को गिरफ्तार किया था. 8 अप्रैल को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि जांच अहम मोड़ पर है और वो कई डिजिटल साक्ष्यों की पड़ताल कर रही है.
इसके पहले 24 मार्च को कोर्ट आनंद सुब्रमण्यम की जमानत याचिका खारिज कर चुका है. सुनवाई के दौरान CBI ने आनंद सुब्रमण्यम की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि आरोपी को लग रहा था कि हिमालयन योगी बनकर छिपे रहेंगे, लेकिन CBI ने इनको पकड़ लिया. 9 मार्च को कोर्ट ने सीबीआई को धीमी जांच के लिए फटकार लगाई थी. इस पर CBI ने कहा था कि हम गंभीरता से जांच कर रहे हैं और इसकी जांच के लिए 30 अधिकारियों की एक स्पेशल टीम गठित की गई है. इस टीम में एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं. सीबीआई ने कहा था कि उसने इस मामले में NSE के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर रवि नारायण से भी पूछताछ की है.
आनंद सुब्रमण्यम ने 9 मार्च को इस मामले में अपनी जमानत याचिका दायर की थी. आनंद सुब्रमण्यम को 25 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. CBI ने इस मामले की आरोपी चित्रा रामकृष्णा को 6 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके पहले पांच मार्च को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने चित्रा रामकृष्णा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों को अलग तरीके से देखना होगा क्योंकि इसमें सार्वजनिक धन के नुकसान के लिए गहरी साजिशें रची गई होती हैं. कोर्ट ने कहा था कि NSE प्रमुख की मिलीभगत के बिना ये सूचनाएं कैसे साझा हो सकती हैं. इसे NSE के इतिहास के काले दिन के रूप में याद किया जा सकता है.
- ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप