नई दिल्ली : आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के अपने अंतिम सप्ताह में आगे बढ़ते हुए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने योग सत्र का आयोजन किया. यह योग सत्र ओल्ड रेलवे ब्रिज के पास असिता वेस्ट के गोल्डन जुबली पार्क में प्रतिभागियों के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण को फिर से जीवंत करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया. इस आयोजन की योजना अधिक से अधिक लोगों को प्रकृति के करीब लाकर नदी के प्राचीन संबंध को अपने लोगों के साथ पुनर्जीवित करने के लिए बनाई गई थी.
ऋग्वेद में सबसे पहले उल्लेख किया गया है कि 'योग' की उत्पत्ति लगभग 5000 साल पहले भारत में हुई थी. बाद में इसे दुनिया ने विभिन्न तरीकों से अपनाया. यह एक प्राचीन व्यायाम है जिसका उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा की शक्ति, संतुलन और लचीलेपन में सुधार करना है. यह अभ्यास विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है. योग मंगलम की विशेषज्ञ योगाभ्यासी सुमन बंसल ने 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' के आदर्श वाक्य के साथ इस सत्र की शुरुआत की, जिसका अर्थ है "सभी खुश रहें" कि हर कोई, हर जानवर, हर व्यक्ति और हर परमाणु, हर ऊर्जा खुश और दुख से मुक्त हो.
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समूह सत्र के बाद, डीडीए के सोनू राम, जिन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग के लिए कई पदक जीते हैं, ने शीर्षासन, वृषिक आसन, हलासन, मयूरासन जैसे आसन किए. कल सुबह रैली के स्टार्टिंग पॉइंट यमुना नदी के मैदानों में और उसके आसपास, राज घाट और राष्ट्रीय महत्व के अन्य स्मारकों के आसपास डीडीए 'अववर्तन रैली' द्वारा साइकिलिंग के साथ होगा.
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