नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट से रेलवे लाइन के किनारे बसी झुग्गी-झोंपड़ियों को हटाने के मामले में रेलवे पर जरा सख्ती क्या बरती अब डीडीए यानी दिल्ली विकास प्राधिकरण खुद लाइन पर आता दिखने लगा है. डीडीए ने भी झुग्गी पुनर्वास नीति के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए सर्वे शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में मंगलवार को दिलशाद गार्डन इलाके में जवाहर पार्क इंद्रा बस्ती का सर्वेक्षण हुआ.
लोगों में दिखी नाराजगी
जवाहर पार्क इंद्रा बस्ती में मंगलवार को जैसे ही डीडीए की तरफ से सर्वे टीम पहुंची और मकानों पर नोटिस चिपकाने लगी, तो लोगों में भगदड़ सी मच गई. बाद में नोटिस पढ़ने पर पता चला कि अभी सिर्फ सर्वे होगा. इसके रजिस्ट्रेशन का कार्ड 6 महीने बाद मिलेगा और जिसे कार्ड मिलेगा, उसे ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो कमरों का फ्लैट मिलेगा. हालांकि लोग यहां से हटना ही नहीं चाहते. उनका कहना है कि यहां से हटने के बजाय मरना पसंद करेंगे.
जहां झुग्गी वहीं मकान की मांग
इंद्रा बस्ती में करीब 150 झुग्गियां हैं. इन झुग्गियों के प्रधान इंतजार अहमद का कहना है कि पिछले 50 साल में बड़ी मुश्किल से पाई-पाई जोड़कर उन्होंने सर के ऊपर ये छत बनाई है. उस पर हर छह महीने में कोई ना कोई आकर नोटिस चिपका जाता है. ऐसे में उनके ऊपर क्या गुजरती है, सिर्फ वही जानते हैं.
उनका कहना है कि पिछले 5 साल में ये आठवीं बार सर्वे किया का रहा है. उनकी दलील है कि उनके सभी रोजगार और व्यापार इसी इलाके में हैं. इसलिए जहां झुग्गी वहीं मकान की तर्ज पर उन्हें यहीं पर फ्लैट मिलना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर उनका रोजगार खत्म हो जाएगा. इस कोरोना संकट में ऐसा हुआ तो ये इनके लिए मौत के सजा के समान ही होगी.