नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने टीवी पर चल रहे महिला विरोधी विज्ञापन के मामले में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखा है. दिल्ली महिला आयोग के संज्ञान में एक परफ्यूम ब्रांड का विज्ञापन आया है जो बार-बार टीवी पर चलाया जा रहा है. उक्त विज्ञापन में एक लड़का और लड़की को एक बिस्तर पर बैठे हुए दिखाया गया है. तभी चार और लड़के कमरे में प्रवेश करते हैं. एक लड़का पूछता है, 'शॉट मारा लगता है', बिस्तर पर बैठा लड़का कहता है, हां, मारा ना, फिर पहला लड़का बोलता है, अब हमारी बारी और लड़की की ओर बढ़ता है. इस वार्तालाप को देखकर लड़की हैरान और असहज दिखाई देती है. इसके बाद लड़का 'शॉट' नाम के एक बॉडी स्प्रे की बोतल उठाता है. इस पर लड़की राहत महसूस करती है.
इसी ब्रांड के एक अन्य विज्ञापन में चार लड़के एक स्टोर में एक लड़की का पीछा करते नजर आ रहे हैं. उसके ठीक पीछे खड़े होकर लड़के बातचीत कर रहे होते हैं, “हम चार, और ये एक, शॉट कौन लेगा". विज्ञापन में दिखाया गया है कि लड़कों की बातचीत से लड़की डर जाती है. फिर से उसी तरह से, लड़का 'शॉट' नामक बॉडी स्प्रे की एक बोतल उठाता है और लड़की राहत की सांस लेती है.
ये भी पढ़ें : नगर निगम के स्कूल में 8 साल की दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न, महिला आयोग ने जारी किया नोटिस
स्वाति मालीवाल ने आनुराग ठाकुर को लिखे अपने पत्र में मंत्रालय से इन विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने मंत्री से ऐसी मजबूत व्यवस्था बनाने को कहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बलात्कार संस्कृति को बढ़ावा देने वाले ऐसे गंदे विज्ञापन टीवी पर फिर कभी नहीं चलाए जाएं. उन्होंने कहा कि विज्ञापन देने वाले इस ब्रांड पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए. ताकि अन्य कंपनियां सस्ते प्रचार के लिए इस तरह की गंदी रणनीति अपनाने से परहेज करें.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा 'मैं हैरान हूं, हमारे टेलीविजन स्क्रीन पर कितने शर्मनाक और वाहियात विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं. यह कौन सी रचनात्मकता है जो विषाक्त पुरुषत्व का इतना भयावह रूप हमारे सामने लाती है. और सामूहिक बलात्कार की संस्कृति को प्रोत्साहित करती है. मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. विज्ञापनों को बंद किया जाना चाहिए और इस कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए. दिल्ली पुलिस और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को बिना समय बर्बाद किए इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.