नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट कल यानि 14 जनवरी को मुजफ्फपुर शेल्टर होम मामले पर फैसला सुना सकता है. इसके पहले इस मामले पर 2 बार फैसला टल चुका है.
12 दिसंबर 2019 को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ की छुट्टी पर होने के चलते फैसला टाल दिया गया था. पिछले 14 नवंबर को भी वकीलों की हड़ताल के चलते फैसला टाल दिया गया था.
पिछले 30 सितंबर को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. अभियुक्तों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है. सभी केस भ्रमपूर्ण हैं. ना कोई घटना की तिथि है और ना ही समय और स्थान.
आरोपियों की तरफ से कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया. कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया.
फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
इस मामले में साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरु की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए.