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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: कोर्ट 14 जनवरी को सुना सकता है फैसला - supreme court

साकेत कोर्ट कल यानि 14 जनवरी को मुजफ्फपुर शेल्टर होम मामले पर फैसला सुना सकता है. इसके पहले इस मामले पर 2 बार फैसला टल चुका है.

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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस
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Published : Jan 13, 2020, 10:58 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट कल यानि 14 जनवरी को मुजफ्फपुर शेल्टर होम मामले पर फैसला सुना सकता है. इसके पहले इस मामले पर 2 बार फैसला टल चुका है.

12 दिसंबर 2019 को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ की छुट्टी पर होने के चलते फैसला टाल दिया गया था. पिछले 14 नवंबर को भी वकीलों की हड़ताल के चलते फैसला टाल दिया गया था.

पिछले 30 सितंबर को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. अभियुक्तों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है. सभी केस भ्रमपूर्ण हैं. ना कोई घटना की तिथि है और ना ही समय और स्थान.

आरोपियों की तरफ से कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया. कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया.

फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी

इस मामले में साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरु की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए.

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट कल यानि 14 जनवरी को मुजफ्फपुर शेल्टर होम मामले पर फैसला सुना सकता है. इसके पहले इस मामले पर 2 बार फैसला टल चुका है.

12 दिसंबर 2019 को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ की छुट्टी पर होने के चलते फैसला टाल दिया गया था. पिछले 14 नवंबर को भी वकीलों की हड़ताल के चलते फैसला टाल दिया गया था.

पिछले 30 सितंबर को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. अभियुक्तों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है. सभी केस भ्रमपूर्ण हैं. ना कोई घटना की तिथि है और ना ही समय और स्थान.

आरोपियों की तरफ से कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया. कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया.

फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी

इस मामले में साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरु की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट कल यानि 14 जनवरी को मुजफ्फपुर शेल्टर होम मामले पर फैसला सुना सकता है। इसके पहले इस मामले पर दो बार फैसला टला चुका है।



Body:दो बार फैसला टल चुका है
12 दिसंबर 2019 को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने के चलते फैसला टाल दिया गया था। पिछले 14 नवंबर को भी वकीलों की हड़ताल के चलते फैसला टाल दिया गया था। पिछले 30 सितंबर को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। 
21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अभियुक्तों की ओर से कहा गया  था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है। सभी केस भ्रमपूर्ण हैं । न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान। आरोपियों की तरफ से कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया। कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया।
फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
इस मामले में साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरु की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए।
रेप और पॉस्को एक्ट के तहत आरोप तय हुए थे
पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था । इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है।


Conclusion:कौन-कौन हैं आरोपी
इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह , अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं।
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