नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली के छतरपुर विधानसभा में स्थित गांव जौनापुर में सिंगापुर सरकार के सहयोग से एक विश्वस्तरीय कौशल केंद्र को स्थापित किया जाना था. जिसके लिए एक प्रस्ताव दिया गया था. इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार के मंत्रीमंडल ने 2 जुलाई को हुई बैठक में मंजूरी दी. वहीं इस समझौते के बीच दोनों देशों के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में 11 जुलाई 2012 को एक समझौता पर हस्ताक्षर किए गए, उक्त परियोजना के लिए छतरपुर विधानसभा के गांव जौनापुर की ग्राम सभा की 37.01 एकड़ को विभाग प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आवंटित किया गया.
जिसके बाद इस जमीन को कब्जा के लिए 18 सितंबर 2012 को तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया. इसके बाद शहरी विकास मंत्री भारत सरकार के द्वारा इस पर संबधित अधिसूचना जारी कर दी गई और कहा गया कि इस भूमि के प्रयोग ग्राम सभा जौनापुर के खाते में 30.28 करोड़ रुपये जमा कर दिए गए हैं.
![Construction of world class skills center halted in collaboration with Singapore government in chhatarpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9759363_799_9759363_1607068590742.png)
साल 2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार चुनकर आई. जिसके बाद दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को इस परियोजना में चाहर दिवारी का निर्माण करवाने के लिए 2.74 करोड़ अनुमोदित करवाया. इस परियोजना के भवन निर्माण कार्य के लिए दिसम्बर 2017 में 254 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.
साल 2019 में दिल्ली सरकार के वन विभाग ने इस परियोजना पर यह कहकर रोक लगा दी कि यह जमीन वन विभाग की है, लेकिन अभी तक इस इस परियोजना पर दिल्ली सरकार की तरफ से कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. लोगों का कहना है कि इस परियोजना में दिल्ली सरकार ने रोक लगा दी है .