नई दिल्ली/पश्चिमी चंपारण: कोरोना संकट के बीच बेतिया में चीन के राष्ट्रपति शी जीनपिंग और विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेडरॉस एथानम गैब्रेसस सहित कई अज्ञात लोगों पर बेतिया व्यवहार न्यायालय में परिवाद दायर किया गया है. बेतिया व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता मुराद अली ने यह परिवाद सीजेएम न्यायालय में दायर किया है.
खास बात ये है कि इस परिवाद को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और सुनवाई के लिए 16 जून की तारीख तय की है. वहीं, इस परिवाद में एक और चौंकाने वाली बात है कि इस मामले में अधिवक्ता मुराद अली ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गवाह बनाया है.
क्या है आरोप ?
अधिवक्ता मुराद अली ने आरोप लगाया है कि चीन के राष्ट्रपति और विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने साजिश रचकर पूरे विश्व में कोरोना वायरस को फैलाया है. जिसके कारण लाखों लोगों की जान चली गई. वहीं अधिवक्ता ने भारतीय दंड विधान की धारा 269, 270, 271, 302, 307, 500, 504 व 120बी के तहत परिवाद दायर किया है. अधिवक्ता मुराद अली ने आरोप लगाने का स्रोत सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से प्राप्त जानकारी को बताया है.
मुजफ्फरपुर में भी दायर हुआ था परिवाद
बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ इससे पहले मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में भी परिवाद दायर किया गया था. परिवाद में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत में चीन के राजदूत सुन वेदोंग के खिलाफ कथित तौर पर कोरोना वायरस फैलाने की साजिश रचने की शिकायत दर्ज की गई थी. इस मामले को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई के लिए रखी गई थी.