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कॉमनवेल्थ गेम्स में विजेताओं को सीएम केजरीवाल ने दी बधाई, कांस्य पदक विजेता ने कसा तंज

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने कॉमनवेल्थ गेम्स (commonwealth games) में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी है. ट्वीट में उन्होंने क्या कहा है पढ़िए इस रिपोर्ट में..

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दिव्या काकरान
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Published : Aug 7, 2022, 9:12 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 10:29 PM IST

नई दिल्ली: बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) में भारत की महिला पहलवान ओलिंपियन दिव्या काकरान (Divya Kakran) ने कांस्य पदक जीत कर देश का नाम रौशन किया है. साथ ही पिता से किए वादे को भी पूरा किया है. बर्मिंघम जाने से पहले दिव्या अपने पिता से वादा करके गई थी कि बापू खेल में मेडल जीत कर ही लौटूंगी और शुक्रवार रात वही हुआ भी. दिव्या को सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर बधाई दी है.

दिव्या का मैच शुरू होने से पहले ही परिवार के लोग टीवी के सामने बैठ गए थे. दिव्या के मैच की वजह से परिवार ने घर के सारे काम जल्दी निपटा लिए थे. दिव्या के पिता सूरज पहलवान ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल में दिव्या ने दूसरी बार मेडल जीता है. बर्मिंघम में चल रहे खेलों के लिए दिव्या ने बहुत कठीन परिश्रम की है. न धूप देखी न बारिश, उसके अंदर एक ही ज़िद थी उसे मेडल जीतकर आना है.

दिव्या अपने परिवार के साथ गोकलपुरी में एक छोटे से घर में पिछले 20 साल से किराये पर रह रही हैं. परिवार का कहना है दिव्या की जीत से परिवार की किस्मत बदलेगी. दिव्या के साथ ही परिवार के बाकी लोगों का भी सपना है कि वह अपना घर खरीदकर उसमें रहे. दिव्या ने अपनी पढ़ाई गोकुल पुरी राजकीय कन्या विद्यालय से पूरी की है. गोकलपुरी विधान सभा क्षेत्र के अमर कॉलोनी गोस्वामी अखाड़े में कुश्ती लड़ा करती थी. शुरुआती दौर में दिव्या काकरान लड़कों से भी कुश्ती लड़ कर मेडल जीता करती थी.

दिव्या के दो भाई हैं, दोनों ही पहलवानी कर रहे हैं. दिव्या ने अपने बड़े भाई देव काकरान के साथ देसी अखाड़े से पहलवानी की शुरुआत की थी. अखाड़े की माटी का रंग दिव्या पर ऐसा चढ़ा की फिर उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. वह क्षेत्रीय प्रतियोगिता से लेकर अंतरराष्ट्रीय खेल में कुल 80 पदक अब तक जीत चुकी हैं. दिव्या के भाइयों ने कहा कि उन्हें अपनी बहन पर गर्व है, वह बहन को अपना आदर्श मानते हैं.

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दिव्या काकरान ट्वीट

पुरुषों को अपनी बहनों को खेल में आगे बढ़ाना चाहिए, इस सोच को बदलें, महिला घर में रहकर चूल्हाचौका करती है. महिला अखाड़े में उतरकर पुरुषों को धूल भी चटा सकती है. दिव्या काकरान के पिता सूरज पहलवान ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा कि दिव्या ने दो बार देश का नाम रोशन किया है. लेकिन दिल्ली सरकार ने आज तक उनकी कोई आर्थिक मदद नहीं की. दिव्या काकरान का परिवार आर्थिक तौर से बेहद कमजोर है दिव्या के माता-पिता पहलवानों के लंगोट सीलकर घर का गुजारा करते हैं. देश के लिए मेडल जीतने वाले पहलवानों को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बधाई दी. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि हमारे पहलवानों ने कॉमनवेल्थ खेलों में धूम मचा दी है. कुश्ती में भारत को एक ही दिन में कुल छह मेडल मिले जिसमें तीन गोल्ड है. साक्षी मलिक और दीपक पुनिया को उनके गोल्ड और दिव्या काकरान एवं मोहित ग्रेवाल को कांस्य पदक के लिए बहुत-बहुत बधाई.

ये भी पढ़ें : भारी बारिश में भी कम नहीं हुआ देश प्रेम का जज्बा, भीगते हुए लोगों ने निकाली तिरंगा यात्रा

वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस ट्वीट पर देश के लिए कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान दिव्या काकरान ने कहा कि मेडल की बधाई देने पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री जी को तहे दिल से धन्यवाद मेरा आपसे एक निवेदन है कि मैं पिछले 20 साल से दिल्ली में रह रही हूं और यही अपने खेल कुश्ती का अभ्यास कर रही हूं परंतु अब तक मुझे राज्य सरकार से किसी तरह की कोई नाम राशि नहीं दी गई है ना ही कोई मदद दी गई है मैं आपसे इतना निवेदन करती हूं कि जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं जो दिल्ली के होकर किसी और स्टेट में भी खेलते हैं उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाए.

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नई दिल्ली: बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) में भारत की महिला पहलवान ओलिंपियन दिव्या काकरान (Divya Kakran) ने कांस्य पदक जीत कर देश का नाम रौशन किया है. साथ ही पिता से किए वादे को भी पूरा किया है. बर्मिंघम जाने से पहले दिव्या अपने पिता से वादा करके गई थी कि बापू खेल में मेडल जीत कर ही लौटूंगी और शुक्रवार रात वही हुआ भी. दिव्या को सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर बधाई दी है.

दिव्या का मैच शुरू होने से पहले ही परिवार के लोग टीवी के सामने बैठ गए थे. दिव्या के मैच की वजह से परिवार ने घर के सारे काम जल्दी निपटा लिए थे. दिव्या के पिता सूरज पहलवान ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल में दिव्या ने दूसरी बार मेडल जीता है. बर्मिंघम में चल रहे खेलों के लिए दिव्या ने बहुत कठीन परिश्रम की है. न धूप देखी न बारिश, उसके अंदर एक ही ज़िद थी उसे मेडल जीतकर आना है.

दिव्या अपने परिवार के साथ गोकलपुरी में एक छोटे से घर में पिछले 20 साल से किराये पर रह रही हैं. परिवार का कहना है दिव्या की जीत से परिवार की किस्मत बदलेगी. दिव्या के साथ ही परिवार के बाकी लोगों का भी सपना है कि वह अपना घर खरीदकर उसमें रहे. दिव्या ने अपनी पढ़ाई गोकुल पुरी राजकीय कन्या विद्यालय से पूरी की है. गोकलपुरी विधान सभा क्षेत्र के अमर कॉलोनी गोस्वामी अखाड़े में कुश्ती लड़ा करती थी. शुरुआती दौर में दिव्या काकरान लड़कों से भी कुश्ती लड़ कर मेडल जीता करती थी.

दिव्या के दो भाई हैं, दोनों ही पहलवानी कर रहे हैं. दिव्या ने अपने बड़े भाई देव काकरान के साथ देसी अखाड़े से पहलवानी की शुरुआत की थी. अखाड़े की माटी का रंग दिव्या पर ऐसा चढ़ा की फिर उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. वह क्षेत्रीय प्रतियोगिता से लेकर अंतरराष्ट्रीय खेल में कुल 80 पदक अब तक जीत चुकी हैं. दिव्या के भाइयों ने कहा कि उन्हें अपनी बहन पर गर्व है, वह बहन को अपना आदर्श मानते हैं.

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दिव्या काकरान ट्वीट

पुरुषों को अपनी बहनों को खेल में आगे बढ़ाना चाहिए, इस सोच को बदलें, महिला घर में रहकर चूल्हाचौका करती है. महिला अखाड़े में उतरकर पुरुषों को धूल भी चटा सकती है. दिव्या काकरान के पिता सूरज पहलवान ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा कि दिव्या ने दो बार देश का नाम रोशन किया है. लेकिन दिल्ली सरकार ने आज तक उनकी कोई आर्थिक मदद नहीं की. दिव्या काकरान का परिवार आर्थिक तौर से बेहद कमजोर है दिव्या के माता-पिता पहलवानों के लंगोट सीलकर घर का गुजारा करते हैं. देश के लिए मेडल जीतने वाले पहलवानों को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बधाई दी. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि हमारे पहलवानों ने कॉमनवेल्थ खेलों में धूम मचा दी है. कुश्ती में भारत को एक ही दिन में कुल छह मेडल मिले जिसमें तीन गोल्ड है. साक्षी मलिक और दीपक पुनिया को उनके गोल्ड और दिव्या काकरान एवं मोहित ग्रेवाल को कांस्य पदक के लिए बहुत-बहुत बधाई.

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वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस ट्वीट पर देश के लिए कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान दिव्या काकरान ने कहा कि मेडल की बधाई देने पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री जी को तहे दिल से धन्यवाद मेरा आपसे एक निवेदन है कि मैं पिछले 20 साल से दिल्ली में रह रही हूं और यही अपने खेल कुश्ती का अभ्यास कर रही हूं परंतु अब तक मुझे राज्य सरकार से किसी तरह की कोई नाम राशि नहीं दी गई है ना ही कोई मदद दी गई है मैं आपसे इतना निवेदन करती हूं कि जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं जो दिल्ली के होकर किसी और स्टेट में भी खेलते हैं उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाए.

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Last Updated : Aug 7, 2022, 10:29 PM IST
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