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जब शराब की दुकानें खुल सकतीं हैं, तो साप्ताहिक बाजार क्यों नहीं: रामबीर बिधूड़ी - साप्ताहिक बाजार

दिल्ली में साप्ताहिक बाजार खोलने की मांग को लेकर भाजपा ने आज केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जब दिल्ली में शराब की दुकानें खुल सकतीं हैं, तो फिर साप्ताहिक बाजार क्यों नहीं.

BJP protest with demand to open weekly market in delhi
रामबीर बिधूड़ी
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Published : Sep 30, 2020, 3:27 PM IST

नई दिल्ली: लॉकडाउन के बाद शुरू हुई अनलॉक की प्रक्रिया में दिल्ली में लगभग सभी गतिविधियां शुरू हो गईं हैं, लेकिन साप्ताहिक बाजार अब भी ट्रायल बेस पर चल रहे हैं. भाजपा की मांग है कि साप्ताहिक बाजार को रेगुलर किया जाए. साप्ताहिक बाजार खोलने की सरकार से मांग को लेकर आज भाजपा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के पास प्रदर्शन किया. इस दौरान साप्ताहिक बाजार से जुड़े सैकड़ों लोग भी मौजूद रहे.

नेता प्रतिपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी से ईटीवी भारत की बातचीत
'जुड़े हैं साढ़े 3 लाख लोग'दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रणबीर सिंह बिधूड़ी ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया, वहीं इस दौरान भाजपा नेता और साप्ताहिक बाजार यूनियन के संरक्षक राजीव बब्बर की भी मौजूदगी रही. प्रदर्शन के दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में रामबीर बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में 2700 जगहों पर साप्ताहिक बाजार लगते हैं, जिससे करीब साढ़े 3 लाख लोगों की रोजी रोटी जुड़ी हुई है. 'मिले पक्का स्टॉल और पहचान पत्र'

रामबीर बिधूड़ी ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण ये लोग पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. इसलिए जल्द से जल्द साप्ताहिक बाजार खोले जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि हम अरविंद केजरीवाल से मांग करते हैं कि न सिर्फ साप्ताहिक बाजार खोलें, बल्कि जहां पर बाजार लगते हैं, वहां पक्का स्टॉल बनाकर भी दुकानदारों को दिया जाए. साथ ही उन्हें पहचान पत्र भी दिया जाए, ताकि पुलिस प्रशासन उन्हें परेशान ना करे.

'ट्रायल बेस पर लग रहे बाजार'

रामबीर बिधूड़ी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा इन साढ़े 3 लाख लोगों की रोजी रोटी के सवाल को लेकर अरविंद केजरीवाल के साथ मजबूती से लड़ाई लड़ेगी. आपको बता दें कि दिल्ली में अभी कोरोना के मद्देनजर साप्ताहिक बाजार ट्रायल बेस पर लग रहे हैं और हर दिन हर जोन में एक साप्ताहिक बाजार खोलने की अनुमति होती है.


'लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट'

इसे लेकर सवाल करने पर रामबीर बिधूड़ी ने कहा कि क्या कोरोना सिर्फ साप्ताहिक बाजार वालों के लिए है. जब शराब की दुकानें इस कोरोना में भी खुल सकतीं हैं, तो फिर साप्ताहिक बाजार क्यों नहीं. विभिन्न साप्ताहिक बाजारों से जुड़े लोगों ने भी ईटीवी भारत से बातचीत में बाजार खोले जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि इतने दिनोंसे बाजार बंद होने के कारण उनके सामने रोजी रोटी का संकट है.

नई दिल्ली: लॉकडाउन के बाद शुरू हुई अनलॉक की प्रक्रिया में दिल्ली में लगभग सभी गतिविधियां शुरू हो गईं हैं, लेकिन साप्ताहिक बाजार अब भी ट्रायल बेस पर चल रहे हैं. भाजपा की मांग है कि साप्ताहिक बाजार को रेगुलर किया जाए. साप्ताहिक बाजार खोलने की सरकार से मांग को लेकर आज भाजपा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के पास प्रदर्शन किया. इस दौरान साप्ताहिक बाजार से जुड़े सैकड़ों लोग भी मौजूद रहे.

नेता प्रतिपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी से ईटीवी भारत की बातचीत
'जुड़े हैं साढ़े 3 लाख लोग'दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रणबीर सिंह बिधूड़ी ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया, वहीं इस दौरान भाजपा नेता और साप्ताहिक बाजार यूनियन के संरक्षक राजीव बब्बर की भी मौजूदगी रही. प्रदर्शन के दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में रामबीर बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में 2700 जगहों पर साप्ताहिक बाजार लगते हैं, जिससे करीब साढ़े 3 लाख लोगों की रोजी रोटी जुड़ी हुई है. 'मिले पक्का स्टॉल और पहचान पत्र'

रामबीर बिधूड़ी ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण ये लोग पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. इसलिए जल्द से जल्द साप्ताहिक बाजार खोले जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि हम अरविंद केजरीवाल से मांग करते हैं कि न सिर्फ साप्ताहिक बाजार खोलें, बल्कि जहां पर बाजार लगते हैं, वहां पक्का स्टॉल बनाकर भी दुकानदारों को दिया जाए. साथ ही उन्हें पहचान पत्र भी दिया जाए, ताकि पुलिस प्रशासन उन्हें परेशान ना करे.

'ट्रायल बेस पर लग रहे बाजार'

रामबीर बिधूड़ी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा इन साढ़े 3 लाख लोगों की रोजी रोटी के सवाल को लेकर अरविंद केजरीवाल के साथ मजबूती से लड़ाई लड़ेगी. आपको बता दें कि दिल्ली में अभी कोरोना के मद्देनजर साप्ताहिक बाजार ट्रायल बेस पर लग रहे हैं और हर दिन हर जोन में एक साप्ताहिक बाजार खोलने की अनुमति होती है.


'लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट'

इसे लेकर सवाल करने पर रामबीर बिधूड़ी ने कहा कि क्या कोरोना सिर्फ साप्ताहिक बाजार वालों के लिए है. जब शराब की दुकानें इस कोरोना में भी खुल सकतीं हैं, तो फिर साप्ताहिक बाजार क्यों नहीं. विभिन्न साप्ताहिक बाजारों से जुड़े लोगों ने भी ईटीवी भारत से बातचीत में बाजार खोले जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि इतने दिनोंसे बाजार बंद होने के कारण उनके सामने रोजी रोटी का संकट है.

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