नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए 10 दिन का समय बचा है. ऐसे में दिल्ली की सत्ता से दूर रही बीजेपी जोर-शोर से मैदान में प्रत्याशियों के समर्थन में उतरी है. इसके लिए बीजेपी शासित राज्यों के प्रमुख नेताओं को भी प्रचार के लिए बुलाया गया है लेकिन पूरा प्रचार अभियान शाहीन बाग और सीएए के मुद्दे के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है.
हर सभा में शाहीन बाग की चर्चा
बीजेपी के नेता शाहीन बाग के मुद्दे को चुनावी सभाओं से लेकर सोशल मीडिया पर जोर-शोर से उठा रहे हैं. इसी में नेताओं की जुबान भी फिसल रही है. इस बदजुबानी के चलते उन्हें चुनाव आयोग के नोटिस का भी सामना करना पड़ रहा है.
बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री को चुनाव आयोग का नोटिस
पिछले दिनों शाहीन बाग के मुद्दे पर ही मॉडल टाउन से बीजेपी के प्रत्याशी कपिल मिश्रा ने पाकिस्तान को लेकर टिप्पणी की थी. तो उन्हें 48 घंटे तक चुनाव प्रचार पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी. अब रिठाला में जिस तरह जनसभा के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने विवादित नारे लगाए. इस पर उन्हें भी चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है.
पार्टी ने पहले ही दे दिया था संकेत
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर समर्थन हासिल करने के लिए 5 जनवरी को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लाजपत नगर की सड़कों पर उतर कर स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी चुनाव में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी.
इसे लेकर जामिया विवाद के बाद से ही बीजेपी नेता आप और कांग्रेस पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाते रहे. दूसरी ओर शाहीन बाग में सीएए के विरोध में प्रदर्शन का स्वरूप बड़ा होता गया और कांग्रेस सहित कई पार्टियों के नेता भी वहां पहुंचने लगे.
परेशानी को भुनाने की कोशिश
शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें बंद कर रखी हैं. जिससे दक्षिण दिल्ली के कई इलाकों में लोगों की परेशानी बढ़ गई है. दिल्ली से नोएडा और फरीदाबाद के बीच आने-जाने वाले वाहन चालक भी बेहाल हैं. नाराज लोग सड़क पर उतर आए हैं और अदालत का दरवाजा खटखटाया है. बीजेपी ने लोगों की इस परेशानियों को चुनाव में मुद्दा बना कर रही हैं.