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अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव: आठ देशों के कलाकार लेंगे हिस्सा - MP Vinay Sahastrabuddhe latest

इस साल पांचवें अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें थाईलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो, इंडोनेशिया, कंबोडिया, श्रीलंका, मॉरीशस, बांग्लादेश और फिजी के कलाकार महोत्सव में हिस्सा लेने आ रहे हैं.

अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव
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Published : Sep 15, 2019, 12:58 PM IST

नई दिल्ली: इस साल भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद 'अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव' का आयोजन कर रहा है. इस बार 8 देशों के कलाकार महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं.
'अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव' के आयोजन को लेकर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के प्रेसिडेंट और बीजेपी सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

कमानी ऑडिटोरियम में होगा पांचवें अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन

महोत्सव में हिस्सा लेने आ रहे हैं ये देश
सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि इस साल पांचवें अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें थाईलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो, इंडोनेशिया, कंबोडिया, श्रीलंका, मॉरीशस, बांग्लादेश और फिजी के कलाकार महोत्सव में हिस्सा लेने आ रहे हैं.

6 दिनों तक चलेगा रामायण महोत्सव
अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव की दिल्ली से शुरुआत होगी. 17 से 22 सितंबर तक रामायण महोत्सव का आयोजन दिल्ली के अलावा लखनऊ और पुणे में भी होगा. 17 सितंबर को देश के गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का शुभारंभ करेंगे.

रामजन्म भूमि के दर्शन करने भी जाएंगे कलाकार
सांसद सहस्रबुद्धे ने बताया कि रामायण महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए जो विदेशी कलाकार आएंगे, वे अयोध्या रामजन्म भूमि में दर्शन करने भी जाएंगे.

उत्सव के दौरान कलाकार भारत की राजधानी दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम के मंच पर रामायण महाकाव्य की सांस्कृतिक व्याख्या का प्रदर्शन करेंगे.

यह सांस्कृतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण होगा. क्योंकि इसमें एक महाकाव्य के विभिन्न संस्करणों को देखने का मौका मिलेगा, जिसका पारंपरिक रूप से प्रत्येक देश द्वारा अपने तरीके से प्रचार-प्रसार किया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में हिस्सा लेने वाले अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर वैश्विक संस्कृति को मजबूत करने की कोशिश की जाती है. यह भारतीय संस्कृति महाकाव्य प्रेमियों के लिए एक प्रवेश द्वार है.

पहले कब और कितने देशों ने की थी शिरकत
बता दें कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने साल 2015 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया गया था.

पहले अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में 7 देशों ने हिस्सा लिया था और अलग-अलग शहरों में रामकथा का मंचन किया था. साल 2016 में दूसरे अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में 4 देशों ने हिस्सा लिया था.

तीसरे और चौथे अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में 5 देशों के समूह ने हिस्सा लिया था और रामायण का मंचन किया था.

नई दिल्ली: इस साल भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद 'अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव' का आयोजन कर रहा है. इस बार 8 देशों के कलाकार महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं.
'अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव' के आयोजन को लेकर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के प्रेसिडेंट और बीजेपी सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

कमानी ऑडिटोरियम में होगा पांचवें अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन

महोत्सव में हिस्सा लेने आ रहे हैं ये देश
सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि इस साल पांचवें अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें थाईलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो, इंडोनेशिया, कंबोडिया, श्रीलंका, मॉरीशस, बांग्लादेश और फिजी के कलाकार महोत्सव में हिस्सा लेने आ रहे हैं.

6 दिनों तक चलेगा रामायण महोत्सव
अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव की दिल्ली से शुरुआत होगी. 17 से 22 सितंबर तक रामायण महोत्सव का आयोजन दिल्ली के अलावा लखनऊ और पुणे में भी होगा. 17 सितंबर को देश के गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का शुभारंभ करेंगे.

रामजन्म भूमि के दर्शन करने भी जाएंगे कलाकार
सांसद सहस्रबुद्धे ने बताया कि रामायण महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए जो विदेशी कलाकार आएंगे, वे अयोध्या रामजन्म भूमि में दर्शन करने भी जाएंगे.

उत्सव के दौरान कलाकार भारत की राजधानी दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम के मंच पर रामायण महाकाव्य की सांस्कृतिक व्याख्या का प्रदर्शन करेंगे.

यह सांस्कृतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण होगा. क्योंकि इसमें एक महाकाव्य के विभिन्न संस्करणों को देखने का मौका मिलेगा, जिसका पारंपरिक रूप से प्रत्येक देश द्वारा अपने तरीके से प्रचार-प्रसार किया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में हिस्सा लेने वाले अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर वैश्विक संस्कृति को मजबूत करने की कोशिश की जाती है. यह भारतीय संस्कृति महाकाव्य प्रेमियों के लिए एक प्रवेश द्वार है.

पहले कब और कितने देशों ने की थी शिरकत
बता दें कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने साल 2015 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया गया था.

पहले अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में 7 देशों ने हिस्सा लिया था और अलग-अलग शहरों में रामकथा का मंचन किया था. साल 2016 में दूसरे अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में 4 देशों ने हिस्सा लिया था.

तीसरे और चौथे अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में 5 देशों के समूह ने हिस्सा लिया था और रामायण का मंचन किया था.

Intro:नई दिल्ली. राजधानी में यूं तो नवरात्र के दौरान जगह-जगह बड़े पैमाने पर रामलीला का आयोजन किया जाता है. पूरे 9 दिन राममय वातावरण बना रहता है. इससे पहले इस वर्ष भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में इस वर्ष 8 देश के कलाकार हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं.


Body:अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन को लेकर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के प्रेसिडेंट तथा भाजपा सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि इस वर्ष पांचवें अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें थाईलैंड, त्रिनिदाद, टोबैगो, इंडोनेशिया, कंबोडिया, श्रीलंका, मॉरीशस, बांग्लादेश और फिजी के समूहों महोत्सव में हिस्सा लेने आ रहे हैं.

6 दिनों तक चलेगा रामायण महोत्सव

अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव की दिल्ली से शुरुआत होगी. 17 से 22 सितंबर तक रामायण महोत्सव का आयोजन दिल्ली के अलावा लखनऊ और पुणे में भी होगा. 17 सितंबर को देश के गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का शुभारंभ करेंगे.

उन्होंने बताया कि रामायण महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए जो विदेशी कलाकार आएंगे वे अयोध्या रामजन्म भूमि भी दर्शन के लिए जाएंगे. पूरे उत्सव के दौरान कलाकार भारत की राजधानी दिल्ली के कमानी सभागार के मंच पर रामायण महाकाव्य की सांस्कृतिक व्याख्या का प्रदर्शन करेंगे. यह सांस्कृतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण होगा. क्योंकि इसमें एक महाकाव्य के विभिन्न संस्करणों को देखने का मौका मिलेगा. जो पारंपरिक रूप से प्रत्येक देश द्वारा अपने तरीके से प्रचारित प्रसारित किया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में हिस्सा लेने वाले अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर सांस्कृतिक वैश्विक को बढ़ावा दिया देने की कोशिश की जाती है और यह भारतीय संस्कृति महाकाव्य प्रेमियों के लिए एक प्रवेश द्वार है जो इसे जीवंत अनुभव करता है.


Conclusion:बता दें कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा पहली बार वर्ष 2015 में प्रथम अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया गया था. इसकी शुरुआत तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निर्देश पर हुआ था. पहले अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में 7 देशों ने हिस्सा लिया और अलग-अलग शहरों में रामकथा का मंचन कर मंचन किया था. वर्ष 2016 में दूसरे अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में 4 देशों ने महोत्सव में हिस्सा लिया था. तीसरे और चौथे अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में 5 देशों के समूह ने हिस्सा लिया था और रामायण का मंचन किया था.

समाप्त, आशुतोष झा
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