नई दिल्ली: हफ्ते में मात्र दो दिन दुकानें खुलने की वजह से मार्केट एसोसिएशन और दुकानदारों ने रोष जताते हुए कहा है कि हमारी स्थिति रेहड़ी पटरी वालों से भी ज्यादा खराब है. साप्ताहिक कर्फ्यू में दुकानें बंद रहती हैं. ऑड-इवन की वजह से मात्र दो दिन ही हफ्ते में दुकान खुलती है लेकिन रेहड़ी पटरी रोज़ लग रही है.
कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली में साप्ताहिक कर्फ्यू लगाया गया है, जिसके चलते सारी दुकानें शनिवार और रविवार को बंद रहती हैं. साथ ही साथ तीसरी लहर की शुरुआत में ही सरकार द्वारा नियमों को लागू कर दिया गया था, जिसके अनुसार एक दुकान हफ्ते में मात्र दो दिन ही खुल सकती हैं. ऐसे में दुकानदारों को आर्थिक नुकसान हो रहा है.
मंगलवार को आदर्श नगर विधानसभा के सुभाष पार्क मार्केट एसोसिएशन ने रोष जताते हुए कहा कि दिल्ली में साप्ताहिक कर्फ्यू के चलते दुकानें बंद हैं. साथी ही ऑड-इवन की वजह से ज्यादातर दुकानें बंद रहती हैं लेकिन रेहड़ी पटेरिया लगाई जा रही हैं. वे लोग न तो मास्क लगा रहेते हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं. रेहड़ी पटरी और सब्जी की दुकानों पर लोगों की भीड़ रहती है.
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ऐसे में दुकानदारों का कहना है कि जिनकी दुकानें किराए पर हैं उन दुकनों को बंद करने की नौबत आ गई है, क्योंकि ऑड-इवन और सप्ताहिक कर्फ्यू के कारण दुकानें हफ्ते में दो दिन ही खुलती हैं, जिसके चलते उनका नुकसान हो रहा है. दुकान में काम करने वाले कर्मचारी की सैलरी तो दूर बिजली के बिल का खर्चा तक निकलना मुश्किल हो गया है. कई दुकानदार तो ऐसे हैं जो दुकानें बंद करने की कगार पर पहुंच गए हैं. दुकानदारों की मांग है कि सरकार को उनके बारे में कुछ सोचना चाहिए.