नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आज तिमारपुर विधानसभा के वार्ड 12 से आम आदमी पार्टी और बसपा के 100 से भी अधिक नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए, जिनका दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने स्वागत किया. शामिल होने वालों में आप पार्टी के समसुद्दीन प्रधान, बसपा के डालचंद बब्लू, राजकुमार, बिकास केनवाल, अमिता राज, मुशबिर हसन, शागिर अहमद सहित दलित मुस्लिम एकता महासंघ के सैंकड़ो कार्यकर्ता भी मुख्य रुप से मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि दलितों मुस्लिमों को आम आदमी पार्टी के प्रति मोहभंग हो गया है क्योंकि सत्ता से पूर्व किए गए एक वायदें को नहीं निभाया इसलिए एमसीडी चुनाव से पहले लोग इन पार्टियों को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे है.
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा से प्रेरित होकर निगम चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वाले विपक्षी नेताओं की लम्बी कतार यह साबित करती है कि दिल्ली की सत्ता पर आसीन दोनो विपक्षी पार्टियों निगम चुनावों में जीत के लाख दावे करने के बावजूद आने वाले समय में इन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखने वाला है. इस अवसर पर चौ.अनिल कुमार के अलावा मीडिया कमेटी के चैयरमेन अनिल भारद्वाज, लीगल एवं मानव अधिकार विभाग के चैयरमेन एडवोकेट सुनील कुमार जिला अध्यक्ष आदेश भारद्वाज, मनीश पाल, रन्होला वार्ड ऑब्जर्वर मुन्ना खान भी मौजूद थे.
अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के विधानसभा चुनाव में “विकास के दिल्ली मॉडल" का बखान कर रहे हैं, जिन्हांने अपने कार्यकाल में राजधानी की पूरी तरह उपेक्षा की है, जिसके कारण कोविड-19 मामले बढ़े थे और मृत्यु दर में भी कोई रुकावट नही आई.
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अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के दिल्ली मॉडल में आंगनबाड़ी वर्कर्स, हैल्पर्स, अतिथि टीचर्स, कॉलेज प्रोफेसर, डाक्टर्स, पेरा-मेडिकल स्टॉफ, सफाई कर्मचारी व अन्य अनुबंधित कर्मचारी वेतन न मिलने के कारण हड़ताल पर चल रहे है, मुख्यमंत्री पिछले 7 वर्षों से इनकी मांगों को अनसुना करते आ रहे है जबकि 2014 में आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में नियमित करने का वायदा किया था और युवाओं को 8 लाख रोजगार देने का वायदा किया था.
अनिल कुमार ने कहा कि राजधानी में बेरोजगार युवाओं का प्रतिशत देश में नम्बर वन पर है. पंजाब, उत्तराखंड, गोवा आदि राज्यों में रोजगार और बेरोजगारी भत्ता तथा महिलाओं को भत्ता देने की घोषणा करने वाले केजरीवाल ने दिल्ली में लाखों पेन्शनधारियों की पेन्शन रोक रखी है जबकि लाखों गरीबों के नए राशन कार्ड पिछले 7 वर्षों से लंबित पड़े है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्ती का भाषण देने वाले केजरीवाल जनलोकपाल और सिटीजन चार्टर लागू करने में पूरी तरह विफल रहे. उन्होंने कहा कि कोविड यौद्धाओं और किसानों के साथ विश्वासघात करने वाले केजरीवाल ने दिल्ली को विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदहाल बनाने के कारण आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने को मजबूर हो रहे हैं, जबकि बसपा का अस्तित्व ही खतरे में है.