जयपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्वास भरी नजरों से देख रही है. भारत को अवसरों और खुलेपन का संयोजन माना जा रहा है. G20 व्यापार एवं निवेश मंत्रियों की बैठक को वीडियो संदेश के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में भारत पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन गया और उसने प्रतिस्पर्धा का माहौल व पारदर्शिता बढ़ाई है.
पीएम मोदी ने कहा-
‘आज हम भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर वैश्विक स्तर पर आशावाद और विश्वास देखते हैं. भारत को खुलेपन, अवसरों और विकल्पों के संयोजन के रूप में देखा जाता है.’
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“India has moved from red tape to red carpet": PM Modi in virtual address at G20 meet
— ANI Digital (@ani_digital) August 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने डिजिटलीकरण का विस्तार किया है और नवाचार को बढ़ावा दिया है. हम लाल फीताशाही से रेड कार्पेट की ओर बढ़े हैं. FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के प्रवाह को उदार बनाया है. उन्होंने कहा, ‘सबसे बढ़कर हम नीतिगत स्थिरता लाए हैं. हम अगले कुछ वर्षों में भारत को तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ मोदी ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं ने विश्व अर्थव्यवस्था की परीक्षा ली और G20 के सदस्यों के रूप में यह देशों की जिम्मेदारी है कि वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में विश्वास का पुनर्निर्माण करें.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें मजबूत और समावेशी वैश्विक मूल्य श्रृंखलाएं बनानी चाहिए जो भविष्य में पेश होने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें. इस संदर्भ में, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के मानचित्रण के लिए एक सामान्य ढांचा बनाने का भारत का प्रस्ताव महत्वपूर्ण है.’ उन्होंने ई-वाणिज्य की वृद्धि पर कहा कि बड़े और छोटे विक्रेताओं के बीच समान प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत है.
पीएम ने कहा-
‘हमें उचित मूल्य खोज और शिकायत निवारण तंत्र में उपभोक्ताओं के समक्ष पेश होने वाली समस्या का भी समाधान तलाशने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि उनसे 60 से 70 प्रतिशत रोजगार का सृजन होता है और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में वे 50 प्रतिशत योगदान करते हैं.'
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उन्हें (MSME) हमारे निरंतर समर्थन की जरूरत है... हमारे लिए एमएसएमई का मतलब सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों को अधिकतम समर्थन है.’ उन्होंने कहा कि प्रस्तावित ‘जयपुर इनीशिएटिव टू फोस्टर सीमलेस फ्लो ऑफ इंफॉर्मेशन टू एमएसएमई’ इस क्षेत्र के समक्ष पेश होने वाली समस्याओं का समाधान तलाशेगी. मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप यह सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से काम करेंगे कि वैश्विक व्यापार प्रणाली धीरे-धीरे अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और समावेशी भविष्य में परिवर्तित हो जाए.’
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(पीटीआई-भाषा)