नई दिल्ली: एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि भारतीय कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी आई है. 2023 में महिला कार्यबल बढ़कर 26 फीसदी हो गया है, जो की 2021 में 21 फीसदी था. ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जहां उच्चतम और निम्नतम महिला उपस्थिति वाले उद्योगों के बीच महिलाओं के प्रतिनिधित्व में 38 प्रतिशत का अंतर है.
इससे पता चलता है कि महिलाएं कम महिला प्रतिनिधित्व वाले उद्योगों में भी काम कर रही है. इसके अलावा, लगभग आठ प्रतिशत भारतीय CEO (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) महिलाएं हैं, जिनमें से 32 प्रतिशत महिलाएं वरिष्ठ नेतृत्व पदों पर हैं. इनके संगठनों में महिला साथियों की कमी है. ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया की सीईओ यशस्विनी रामास्वामी ने कहा, "हमारे निष्कर्षों से पता चलता है कि 2023 में भारतीय कंपनियों में महिला कार्यबल में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
इसके परिणाम स्वरूप 89 फीसदी महिलाएं अपनी भूमिकाओं से मजबूत प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती हैं. उन्होंने कहा, "यह 2021 में 21 फीसदी से बढ़कर 2023 में प्रभावशाली 26 प्रतिफीसदी शत हो गई है. इसमें सबसे अच्छे कार्यस्थल अपने समकक्षों की तुलना में 17 फीसदी अधिक महिलाओं को रोजगार देकर आगे बढ़ रहे हैं." इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि शिक्षा और प्रशिक्षण और गैर-लाभकारी और चैरिटी आर्गेनाइजेशन जैसे क्षेत्र, क्रमशः 45 फीसदी और 47 फीसदी महिला प्रतिनिधित्व के साथ बढ़े हुए विश्वास स्तर को प्रदर्शित करते हैं.
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जबकि, परिवहन, विनिर्माण और उत्पादन जैसे उद्योग, 13 फीसदी और 9 फीसदी की कम लिंग विविधता के साथ, अभी भी कर्मचारियों के बीच मध्यम से उच्च विश्वास स्तर हासिल करने का प्रबंधन करते हैं. रिपोर्ट में पाया गया कि 'सभी के लिए' अनुभव को प्राथमिकता देने वाले संगठनों में पेशेवर और नेतृत्व विकास के साथ-साथ निर्णय लेने में कर्मचारियों की भागीदारी 14 फीसदी बढ़ी है.