नयी दिल्ली : खाद्य, ईंधन एवं विनिर्मित उत्पादों की कीमतें कम होने से जून में थोक मुद्रास्फीति की दर में 4.12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी. इसके पहले मई में थोक मुद्रास्फीति दर में 3.48 प्रतिशत की गिरावट आई थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति दर में 1.24 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि मई में इसमें 1.59 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि हुई थी.
ईंधन एवं बिजली खंड की मुद्रास्फीति जून में 12.63 प्रतिशत घट गई जबकि मई में इसमें 9.17 प्रतिशत की कमी आई थी. समीक्षाधीन अवधि में विनिर्मित उत्पादों की थोक मुद्रास्फीति में 2.71 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि मई में यह 2.97 प्रतिशत घटी थी. मंत्रालय ने विज्ञप्ति में कहा कि जून के महीने में थोक मुद्रास्फीति की दर में गिरावट आने का मुख्य कारण खनिज तेल, खाद्य उत्पादों, मूल धातुओं, कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस और कपड़ों की कीमतों में आई कमी है.
महंगाई दर का बढ़ना-घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है. थोक महंगाई दर का लंबे समय तक बढ़ें रहना चिंता का विषय होता है. ये ज्यादातर सामान निर्माता पर बुरा असर डालती है. प्रोडक्ट निर्माता उसका भार कंज्यूमर पर डाल देता है, यानी वह प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ा देता है.हालांकि सरकार टैक्स के जरिए WPI कम करने की कोशिश करती है.
(भाषा)
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